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तीन माह में ही गोवा के पूर्व विधायक ने तृणमूल कांग्रेस से तोड़ा नाता, जानें पूरा मामला

तीन महीने पहले पार्टी में शामिल होने वाले सबसे पहले नेताओं में से एक पूर्व विधायक ने तृणमूल कांग्रेस छोड़ दिया। गोवा के पूर्व विधायक लावू मामलेदार ने शुक्रवार को पार्टी से इस्तीफा देते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी पर सांप्रदायिक होने का आरोप लगा दिया।

By Babita KashyapEdited By: Published: Sat, 25 Dec 2021 10:14 AM (IST)Updated: Sat, 25 Dec 2021 10:14 AM (IST)
तीन माह में ही गोवा के पूर्व विधायक ने तृणमूल कांग्रेस से तोड़ा नाता, जानें पूरा मामला
गोवा के पूर्व विधायक लावू मामलेदार ने तृणमूल कांग्रेस से तोड़ा नाता

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी गोवा में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए पूरी ताकत लगा रही हैं। पिछले कुछ महीनों से तृणमूल प्रमुख दो बार गोवा का दौरा कर चुकी हैं। साथ ही उनके नेताओं ने गोवा की सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए बंगाल की खाड़ी के तट से अरब सागर के तट तक लगातार दौरे कर रहे हैं। लेकिन शुक्रवार को गोवा में तृणमूल को पहला झटका लगा। दरअसल तीन महीने पहले पार्टी में शामिल होने वाले सबसे पहले नेताओं में से एक पूर्व विधायक ने तृणमूल कांग्रेस छोड़ दिया। साथ ही उन्होंने तृणमूल पर गोवा के धर्मनिरपेक्षता के ताने-बाने को बिगाड़ने का आरोप लगाते हुए सांप्रदायिक पार्टी करार दे दिया।

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गोवा के पूर्व विधायक लावू मामलेदार ने शुक्रवार को पार्टी से इस्तीफा देते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी पर सांप्रदायिक होने का आरोप लगा दिया और कहा कि तृणमूल कांग्रेस गोवा विधानसभा चुनावों से पहले वोट के लिए हिंदुओं और ईसाइयों के बीच दरार पैदा करने की कोशिश कर रही है। पोंडा के पूर्व विधायक ने सितंबर के आखिर में ही ममता की पार्टी ज्वाइन की थी। वे गोवा के उन चुनिंदा शुरुआती नेताओं में से हैं, जिन्होंने तृणमूल की सदस्यता ली थी। फरवरी, 2022 में होने वाले गोवा विधानसभा चुनाव में टीएमसी इस बार वहां की सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है।

'तृणमूल एक सांप्रदायिक पार्टी है'

मामलेदार ने बंगाल की सत्ताधारी पार्टी पर यह भी आरोप लगाया है कि वह राज्य में महिलाओं के लिए कल्याणकारी योजना के नाम पर लोगों का डेटा जुटा रही है, जिसे वह चुनाव जीतने के बाद पूरा करने का दावा कर रही है। इस्तीफा देने के बाद मामलेदार ने कहा कि मैं तृणमूल कांग्रेस में इसलिए शामिल हुआ था, क्योंकि मैं बंगाल में ममता बनर्जी की अगुवाई वाली पार्टी के प्रदर्शन (इस साल अप्रैल-मई में हुए चुनाव) से पूरी तरह से प्रभावित था। उन्होंने आरोप लगाया कि मुझे लगता था कि तृणमूल पूरी तरह से एक सेक्युलर पार्टी है। लेकिन पिछले 15-20 दिनों से मैंने जो नोटिस किया है, मैं जान गया हूं कि यह भाजपा से भी बुरी है।

तृणमूल कांग्रेस ने गोवा में महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के साथ चुनाव-पूर्व गठबंधन किया है और मामलेदार 2012 से लेकर 2017 तक उसी के विधायक थे। उन्होंने साफ आरोप लगाया कि तृणमूल राज्य में हिंदुओं और ईसाइयों को बांटने की कोशिश कर रही है। वे बोले,'अपने चुनाव-पूर्व गठबंधन के तौर पर वह चाहती है कि ईसाई वोट तृणमूल को जाए और हिंदू वोट एमजीपी को...तृणमूल एक सांप्रदायिक पार्टी है, जो धर्मनिरपेक्षता के ताने-बाने को तोड़ने की कोशिश कर रही है।


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