West Bengal Politics : नंदीग्राम सीट पर क्या फिर होगी वोटों की गिनती, हाईकोर्ट में सुनवाई कल
नंदीग्राम चुनाव को लेकर याचिका दायर होने के बाद पीठ को लेकर हुआ था विवाद अब नई जज पीठ में होगी सुनवाई। ममता बनर्जी ने याचिका में भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी पर जन प्रतिनिधि कानून 1951 की धारा 123 के तहत जीत के लिए भ्रष्ट आचरण अपनाने का लगाया आरोप।
राज्य ब्यूरो, कोलकाताः नंदीग्राम विधानसभा में वोटों की फिर से गिनती को लेकर दायर याचिका पर कलकत्ता उच्च न्यायालय में बुधवार को सुनवाई होगी। नंदीग्राम सीट केस की सुनवाई जस्टिस शंपा सरकार की पीठ में होगी। दरअसल, मुख्यमंत्री व तणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने अपनी याचिका में भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी पर जन प्रतिनिधि कानून, 1951 की धारा 123 के तहत चुनाव जीतने के लिए भ्रष्ट आचरण अपनाने का आरोप लगाया है। बनर्जी ने याचिका में यह भी दावा किया कि मतगणना प्रक्रिया में विसंगतियां थीं। बंगाल के विधानसभा चुनाव में भारी जीत दर्ज करने वाली सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नंदीग्राम सीट पर कभी सहयोगी रहे भाजपा के प्रत्याशी सुवेंदु अधिकारी से हार गई थीं।
मतगणना प्रक्रिया में धांधली का लगाया गया आरोप
मतगणना के दिन दो मई को तृणमूल कांग्रेस ने मतगणना प्रक्रिया में धांधली का आरोप लगाते हुए दोबारा मतों की गिनती करने की मांग की थी, लेकिन आयोग ने उनकी मांगों को मानने से इन्कार कर दिया था। नंदीग्राम सीट से सुवेंदु अधिकारी 1,956 मतों से विजयी हुए थे। अधिकारी को 1,10,764 मत मिले थे, जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी ममता बनर्जी को 1,08,808 मत मिले थे। निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के मुताबिक 6227 मतों के साथ माकपा की मीनाक्षी मुखर्जी तीसरे स्थान पर रहीं।
अब जस्टिस शंपा सरकार की पीठ में होगी सुनवाई
बताते चलें कि ममता की ओर से जब हाई कोर्ट में नंदीग्राम चुनाव को लेकर याचिका दायर की गई तो जस्टिस कौशिक चंद की पीठ में सुनवाई निर्धारित हुई थी। परंतु, तृणमूल और खुद ममता बनर्जी की ओर से जस्टिस कौशिक चंद को भाजपा समर्थक बताते हुए मामले को अन्य जज की पीठ में भेजने की मांग की गई थी। इसके बाद जस्टिस चंद ने ममता बनर्जी पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए खुद को मामले से अलग कर लिया था। इसके बाद अब मामला पर जस्टिस शंपा सरकार की पीठ सुनवाई निर्धारित होगी।