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West Bengal Violence Case: असम के राहत शिविरों में जाकर बंगाल के राज्यपाल ने हिंसा पीड़ितों का जाना दुख- दर्द

पहले राज्यपाल ने बंगाल के कूचबिहार जिले के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की थी। दूसरी ओर बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने‌ हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के राज्यपाल के इस कदम की कड़ी आलोचना करते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया है।

By Priti JhaEdited By: Published: Fri, 14 May 2021 12:30 PM (IST)Updated: Fri, 14 May 2021 05:37 PM (IST)
West Bengal Violence Case: असम के राहत शिविरों में जाकर बंगाल के राज्यपाल ने हिंसा पीड़ितों का जाना दुख- दर्द
बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने असम के रनपगली और श्रीरामपुर शिविरों का दौरा

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। ममता सरकार की आपत्तियों के बावजूद बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को असम के रणपगली और श्रीरामपुर शिविरों का दौरा किया और हिंसा पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर उनका दुख- दर्द जाना। बंगाल में चुनाव नतीजों के बाद हुई हिंसा की वजह से बड़ी संख्या में लोग पलायन कर सुरक्षा के लिए असम में शरण लिए हुए हैं।राज्यपाल सुबह पहले रणपगली स्थित कैंप में पहुंचे।यहां कई महिलाएं अपना दर्द बयां करते- करते राज्यपाल के पैर पर गिरकर रोने लगीं।

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इस दौरान एक बुजुर्ग व्यक्ति भी राज्यपाल से लिपटकर हिंसा वाली कहानी बयां करते फफक कर रो पड़े, और न्याय की गुहार लगाई। यहां लोगों की चीख- पुकार को देख राज्यपाल के भी आंख में आंसू आ गए और उन्होंने बुजुर्ग व पीड़ित परिवारों को हरसंभव मदद का भरोसा दिया। राज्यपाल फिर श्रीरामपुर कैंप जाकर भी पीड़ितों से मुलाकात की।असम दौरे के बाद सिलीगुड़ी में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने हिंसा को लेकर ममता सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि स्थिति आशा से अधिक खराब है। पूरा बंगाल जल रहा है, लेकिन सीएम को कुछ दिखाई नहीं देता है। लोग पुलिस और थाना जाने से डरते हैं। आज असम गया था, लोगों के आंसू थम नहीं रहे हैं। कौन किया है, सभी जान रहे हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है।सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ताओं से पुलिस डरी हुई है।मैंने उन लोगों को वापस आने के लिए प्रोत्साहित किया है, जो डर से अपने घर छोड़कर भागे हुए हैं।राज्यपाल ने यहां तक कहा कि पीड़ितों की रक्षा के लिए मैं अपने सीने पर गोली खाऊंगा, लेकिन उन्हें लौटाऊंगा।मैं सीएम से बात करूंगा। सीएम को टकराव छोड़ देना चाहिए।

दो मई के बाद से ही भागे हैं लोग

वहीं, इन शिविरों में रह रहे लोगों ने दावा किया कि उन्होंने दो मई को चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद से बंगाल में अपने घर छोड़ दिए हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के गुंडों ने उनके घरों में तोड़फोड़ व आगजनी की।बता दें कि रणपगली असम के धुब्री जिले, जबकि श्रीरामपुर कोकराझार जिले में है। दोनों जिले बंगाल से सटे हुए हैं। गौरतलब है कि एक दिन पहले राज्यपाल ने बंगाल के कूचबिहार जिले के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की थी। इस दौरान राज्यपाल को काले झंडे भी दिखाए गए थे। 

तृणमूल ने राज्यपाल के दौरे को बताया असंवैधानिक

इधर, तृणमूल कांग्रेस ने‌ असम में राहत शिविरों का दौरा करने के राज्यपाल के इस कदम की कड़ी आलोचना करते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया है। तृणमूल के वरिष्ठ सांसद व प्रवक्ता सौगत राय ने कहा कि राज्यपाल ने राज्य सरकार की सलाह को नजरअंदाज कर दौरा किया है। यह पूरी तरह से अनुचित व असंवैधानिक है।


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