Move to Jagran APP

West Bengal: कुलपति परिषद ने बंगाल के राज्यपाल के पत्र पर जताई कड़ी आपत्ति

चिट्ठी पर विवाद राज्य के विश्वविद्यालयों के वीसी के संगठन ने साधा निशाना कहा- राज्यपाल से बातचीत ने वीसी के सम्मान को किया है कमतर

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 04 Jun 2020 04:28 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jun 2020 04:28 PM (IST)
West Bengal: कुलपति परिषद ने बंगाल के राज्यपाल के पत्र पर जताई कड़ी आपत्ति
West Bengal: कुलपति परिषद ने बंगाल के राज्यपाल के पत्र पर जताई कड़ी आपत्ति

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल के विश्वविद्यलायों कुलपतियों के संगठन कुलपति परिषद ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ द्वारा राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को लिखे गए उस पत्र पर आपत्ति जताई जिसमें उन्होंने कहा था कुलाधिपति होने के नाते आगे से सभी संदेश उन्हें निर्देशित किए जाने चाहिए तथा किसी और प्राधिकार के जरिये उनके पास नहीं आने चाहिए।

loksabha election banner

उपाचार्य परिषद (वीसी काउंसिल) ने एक बयान में कहा कि सर्वसम्मति से ऐसा माहसूस किया जा रहा है कि राज्यपाल के साथ बातचीत ने कुलपतियों के सम्मान और प्रतिष्ठा को कमतर किया है, जिसकी ‘जरूरत नहीं थी।’

बयान में कहा गया कि कुलपति राज्य में उच्च शिक्षा के प्रसार के लिए प्रतिबद्ध हैं और वे अपने कर्तव्यों का निर्वाह राज्य सरकार, माननीय कुलाधिपति, कुलपति और अन्य अधिकारियों की भूमिका को निर्धारित करने वाले मौजूदा अधिनियमों के अनुसार और समय समय पर जारी नियमों के अनुरूप करते हैं।

गौरतलब है कि मंगलवार को कुलपतियों को पत्र लिख कर कहा था, कई कुलपतियों ने 2019 के नियम के प्रावधानों का जिक्र करते हुए उच्च शिक्षा विभाग के जरिए संदेश पहुंचाए। इस तरह का रवैया सराहना योग्य नहीं हैं और कोई भी नियम, अधिनियम के प्रावधानों की अवहेलना नहीं कर सकता।’

बंगाल विधानसभा ने पिछले साल 10 दिसंबर को एक नया कानून पारित किया था जिससे कुलपति अपने शीर्ष निर्णायक निकाय की बैठक उच्च शिक्षा विभाग के परामर्श से बुला सकते हैं और इसके लिए कुलाधिपति की मंजूरी की आवश्यकता नहीं होगी जैसा कि पहले था। 

जानकारी हो कि बर्धमान विश्वविद्यालय में प्रो वाइस चांसलर की नियुक्ति के बाद राज्य सरकार के साथ जारी तनातनी के बीच बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने इस मुद्दे पर बुधवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से फोन पर बातचीत की। उन्होंने कहा कि इस समय विवाद खड़ा करना उचित नहीं है और मुख्यमंत्री से इस मुद्दे के हल की अपील की। राज्यपाल ने राजभवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में खुद इसकी जानकारी देते हुए कहा कि उन्होंने सुबह में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से टेलीफोन पर बर्धमान विश्वविद्यालय के प्रो-वीसी की नियुक्ति के विवाद पर बात की और इस मुद्दे पर ढक्कन लगाना चाहते हैं क्योंकि राज्य संकट से गुजर रहा है।

राज्यपाल ने कहा, 'राज्य संकट के दौर से गुजर रहा है और मैं चाहता हूं कि यह (प्रो-वीसी नियुक्ति का मसला) हल हो जाए। मैं इस विवाद पर अभी से ढक्कन लगाना चाहता हूं।' उन्होंने कहा कि शिक्षा जगत में सियासत लाकर उसे विवाद में घसीटना उचित नहीं है। एक सवाल के जवाब में राज्यपाल ने यह भी कहा कि अगर ममता सरकार में उनका कोई मित्र है तो वह शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी हैं। जिनसे उनकी अक्सर बातचीत होती रहती है।

उल्लेखनीय है कि सोमवार को राज्यपाल ने कुलाधिपति के तौर पर अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए बर्दमान विश्वविद्यालय के प्रो वाइस चांसलर के पद पर गाैतम चंद्र की नियुक्ति कर दी। इसको लेकर राज्य सरकार ने कड़ा विरोध जताया। शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने राज्यपाल धनखड़ पर अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए इस नियुक्ति को असंवैधानिक करार दिया। उन्होंने इसे मानने से इनकार करते हुए बर्धमान विश्वविद्यालय में राज्य सरकार की ओर से एक अन्य प्रो वीसी की नियुक्ति भी मंगलवार को कर दी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.