West Bengal:सुवेंदु अधिकारी के भाई को कांथी नगरपालिका के प्रशासक बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटाया गया
बंगाल के कद्दावर नेता व पूर्व मंत्री सुवेंदु अधिकारी के हाल में तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने के बाद अब राज्य सरकार ने सुवेंदु के भाई सौमेंदु अधिकारी को पूर्व मेदिनीपुर जिले में कांथी नगरपालिका के प्रशासक बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटा दिया है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल के कद्दावर नेता व पूर्व मंत्री सुवेंदु अधिकारी के हाल में तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने के बाद अब राज्य सरकार ने सुवेंदु के भाई सौमेंदु अधिकारी को पूर्व मेदिनीपुर जिले में कांथी नगरपालिका के प्रशासक बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटा दिया है। सौमेंदु अधिकारी पूर्व मेदिनीपुर जिले में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के हालिया राजनीतिक कार्यक्रमों में शामिल नहीं हुए थे। तृणमूल के कुछ स्थानीय नेताओं का आरोप है कि पिछले दो महीने से सौमेंदु भाजपा में शामिल होने वाले अपने बड़े भाई सुवेंदु के जनसंपर्क कार्यक्रमों में मदद कर रहे थे।
वहीं, उनके एक अन्य भाई एवं तृणमूल सांसद दिव्येंदु अधिकारी ने राज्य सरकार के इस फैसले को ‘दुर्भाग्यपूर्ण और अनुचित’ बताया है। साथ ही कहा कि वह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के समक्ष इस मुद्दे को उठाएंगे। बता दें कि ममता सरकार में पूर्व मंत्री सुवेंदु अधिकारी हाल में तृणमूल छोड़ कर भाजपा में शामिल हो गए हैं और लगातार तृणमूल और ममता बनर्जी पर हमला बोल रहे हैं।
इधर, तृणमूल सांसद दिव्येंदु अधिकारी ने कहा कि वह पार्टी (तृणमूल कांग्रेस) के वफादार कार्यकर्ता बने रहेंगे और मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी के सामने यह मुद्दा उठाएंगे। उन्होंने कहा, “वह मेरी नेता हैं। मुझे उन पर पूरा भरोसा है। सांसद ने कहा कि वह कांथी नगरपालिका भवन से अब काम नहीं करेंगे।नगरपालिका भवन में सांसद का कार्यालय है।”
बता दें कि सौमेंदु को ऐसे वक्त में नगरपालिका प्रशासक बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटाया गया है जब सुवेंदु अधिकारी ने एक दिन पहले ही मंगलवार को कहा था कि मेरे परिवार में भी कमल खिलेगा। उल्लेखनीय है कि सुवेंदु के पिता शिशिर अधिकारी और भाई दिव्येंदु अधिकारी तृणमूल के सांसद हैं। शिशिर तृणमूल के जिला अध्यक्ष भी हैं। बता दें कि राज्य के पूर्व परिवहन मंत्री सुवेंदु अधिकारी 19 दिसंबर को मेदिनीपुर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की रैली में नौ विधायकों और एक सांसद के साथ भाजपा में शामिल हो गए थे।