Move to Jagran APP

West Bengal Politics: विधानसभा में विपक्ष का नेता कौन होगा, सुवेंदु अधिकारी, मुकुल राय या फिर अन्य कोई और?

West Bengal Politics बंगाल विधानसभा चुनाव के इतिहास में पहली बार भाजपा ७७ सीटें जीतकर मुख्य विपक्षी दल बनी है। ऐसे में विधानसभा में भाजपा का पहला नेता विपक्ष कौन होगा इसे लेकर राज्य इकाई में अटकलों का बाजार गर्म है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Fri, 07 May 2021 05:44 PM (IST)Updated: Fri, 07 May 2021 05:44 PM (IST)
West Bengal Politics: विधानसभा में विपक्ष का नेता कौन होगा, सुवेंदु अधिकारी, मुकुल राय या फिर अन्य कोई और?
विधायक व सांसद के अनुभव के तौर पर मुकुल पर भारी हैं सुवेंदु

राज्य ब्यूरो, कोलकाताः बंगाल विधानसभा चुनाव के इतिहास में पहली बार भाजपा ७७ सीटें जीतकर मुख्य विपक्षी दल बनी है। ऐसे में विधानसभा में भाजपा का पहला नेता विपक्ष कौन होगा इसे लेकर राज्य इकाई में अटकलों का बाजार गर्म है। नंदीग्राम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को हराने वाले सुवेंदु अधिकारी या फिर चुनावी रणनीति में माहिर और पहली बार विधानसभा चुनाव जीते कद्दावर नेता मुकुल रॉय विधानसभा में नेता विपक्ष होंगे या फिर अन्य किसी को यह दायित्व दिया जाएगा इसे लेकर चर्चा तेज है।

loksabha election banner

पार्टी के भीतर कुछ लोगों का कहना है कि सुवेंदु के व्यक्तित्व और नेतृत्व की क्षमता को भी ध्यान में रखा जा सकता है। पार्टी के एक धड़े का मानना है कि भारी जीत के साथ सत्ता में लौटी तृणमूल के खिलाफ लड़ने में सुवेंदु सबसे अधिक सक्षम होंगे। हालांकि, सुवेंदु के साथ मुकुल का नाम भी सामने आ रहा है। मुकुल कृष्णानगर उत्तर सीट से जीतकर विधायक बने है। जो कभी तृणमूल कांग्रेस में अघोषित नंबर दो थे। अपने जीवन में पहला चुनाव जीतने के बावजूद राजनीति में रणनीति बनाने में मुकुल का अनुभव कम नहीं है। लेकिन विधायक के रूप में वह कितने प्रभावी होंगे, इसे लेकर भाजपा के भीतर भी चर्चा है। भले ही वे दो बार राज्यसभा सदस्य रहे हैं, लेकिन मुकुल संसद में वक्ता के तौर पर छाप नहीं छोड़ पाए हैं।।

मुकुल के करीबी भी मानते हैं तो विधायक के रूप में सुवेंदु के पास अधिक अनुभव है। लेकिन संसदीय राजनीति करने के लिए अनुभव, धैर्य और राजनीतिक ज्ञान होना आवश्यक है। मुकुल के पास पांच साल तक विधानसभा में ममता के साथ लड़ने का धैर्य है। राज्य भाजपा के एक सूत्र का दावा है कि कुछ नेता ऐसे हैं जो तृणमूल कांग्रेस से आए मुकुल और सुवेंदु में से किसी को भी विपक्ष का नेता नहीं बनाना चाहते है। वह चाहते हैं कि संघ परिवार के किसी व्यक्ति को विपक्ष का नेता बनाया जाए। लेकिन इस मामले में अनुभव एक बाधा है। चुने गए विधायकों में से केवल मुट्ठी भर लोगों के पास संसदीय राजनीति का अनुभव है।

इनमें मदारीहाट के विधायक मनोज तिग्गा भी शामिल हैं। मनोज भाजपा के उन तीन विधायकों में से एक हैं जिन्होंने 2016 में जीत हासिल की थी। दिलीप के विधायक पद छोड़ने के बाद वह विधानसभा में पार्टी का नेतृत्व कर रहे थे। चाकदाह विधायक बंकिम घोष, जयपुर विजेता नरहरि महतो और गोगाट विधायक बिश्वनाथ कारक के पास संसदीय अनुभव है। मिहिर गोस्वामी हैं, जो कूचबिहार के नाटाबाड़ी से जीते है। उन्होंने पूर्व मंत्री रवींद्रनाथ घोष को 23,000 वोटों से हराया है।

हालांकि, गेरुआ शिविर में हर कोई इस बात से सहमत है कि प्रारंभिक दौड़ सुवेंदु और मुकुल के बीच है। अब देखते हैं कि दिलीप किसी तीसरे व्यक्ति को निकालते हैं या नहीं। क्योंकि, जिन दो लोगों के नामों की चर्चा है, उनमें दिलीप का रिश्ता 'मधुर' नहीं माना जाता है।

----------------------------------

मैं अभी कुछ नहीं कहूंगाः मुकुल

भाजपा के कद्दावर नेता व नवनिर्वाचित विधायक मुकुल रॉय ने विधानसभा में शपथ लेने के बाद भी चुप्पी नहीं तोड़ी। बस एक संदेश दिया, इंतजार करें मैं बाद में बोलूंगा! मुकुल की इस चुप्पी से कई अटकलें लगाई जा रही है। सवाल उठ रहा है कि क्या मुकुल रॉय आने वाले दिनों में अपने राजनीतिक जीवन के बारे में कोई बड़ी घोषणा करने वाले हैं? मुकुल रॉय को चुनाव प्रचार में अपने क्षेत्र से बाहर नहीं देखा गया था। कृष्णानगर उत्तर सीट पर मुकुल ने तृणमूल उम्मीदवार कौशानी मुखर्जी को हराकर जीत हासिल की। लेकिन राज्य के चुनावों में 200 सीटों तक पहुंचने का भाजपा का सपना पूरा नहीं हुआ। पूरे राज्य में गेरुआ शिविर व्यावहारिक रूप से ढह गया है।

शुक्रवार को मुकुल ने विधानसभा में सदस्य पद की शपथ ली। विधानसभा पहुंचने के बाद मुकुल पहले तृणमूल के परिषद दल के नेता के कक्ष में गए। वहां वे सरकारी अधिकारी से बात कर शपथ ग्रहण कक्ष में पहुँचे। वह 12:04 से 12:25 तक विधानसभा रहे। शपथ लेने के बाद मुकुल रॉय ने मीडिया के किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया। लेकिन मुकुल ने संकेत दिया,'मैं आज कुछ नहीं कहूंगा। जिस दिन कुछ कहना होगा मैं सभी को बुलाऊंगा। शुक्रवार को पार्टी विधायकों के साथ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने बैठक की, लेकिन बैठक में सुवेंदु और मुकुल मौजूद नहीं थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.