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बंगाल के भाजपा विधायकों को पढ़ाया जा रहा है परिषदीय राजनीति का पाठ, दिल्ली का गैर सरकारी संगठन दे रहा प्रशिक्षण

बंगाल के भाजपा विधायकों को परिषदीय राजनीति का पाठ पढ़ाया जा रहा है। यह प्रशिक्षण दिल्ली का एक गैर सरकारी संगठन दे रहा है।  मंगलवार से प्रशिक्षण शुरू हो गया है। संगठन के एक प्रमुख विशेषज्ञ ने बंगाल विधानसभा में आकर भाजपा विधायकों से बात की।

By Vijay KumarEdited By: Published: Wed, 24 Nov 2021 06:43 PM (IST)Updated: Wed, 24 Nov 2021 11:36 PM (IST)
बंगाल के भाजपा विधायकों को पढ़ाया जा रहा है परिषदीय राजनीति का पाठ, दिल्ली का गैर सरकारी संगठन दे रहा प्रशिक्षण
बंगाल के भाजपा विधायकों को परिषदीय राजनीति का पाठ

राज्य ब्यूरो, कोलकाताः बंगाल के भाजपा विधायकों को परिषदीय राजनीति का पाठ पढ़ाया जा रहा है। यह प्रशिक्षण दिल्ली का एक गैर सरकारी संगठन दे रहा है।  मंगलवार से प्रशिक्षण शुरू हो गया है। संगठन के एक प्रमुख विशेषज्ञ ने बंगाल विधानसभा में आकर भाजपा विधायकों से बात की। भाजपा सूत्रों के अनुसार उक्त संगठन के प्रमुख मानस गुब्बी ने प्राथमिक रूप से विधायकों को बताया है कि कब, कैसे, किस मुद्दे पर, किस समय क्या सवाल पूछने हैं। साथ ही यह भी बताया कि राज्य सरकार की विफलता को उजागर करने के लिए बजट की जानकारी का उपयोग कैसे करें। मानस की एक टीम जनवरी में दूसरी बार विधायकों के प्रशिक्षत के लिए पहुंचेगी। फिर बड़े पैमाने पर प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जाएंगे। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य राज्य विधानसभा के अगले बजट सत्र से पहले विधायकों को पूरी तरह से प्रशिक्षित करना है, ताकि वे पूरी जानकारी के साथ सदन में मुद्दे उठा सके और उस पर चर्चा कर सकें।

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अनुभव नहीं होने की वजह से हो रही है परेशानी

पांच विधायकों के दलबदल के बाद अब भाजपा के अब 70 विधायक हैं। भाजपा विधायक चुने जाने के बाद पिछले छह महीनों में वे सभी दो सत्रों में हिस्सा ले चुके हैं। पिछले दोनों सत्रों में देखा गया है कि नए विधायक अनुभव नहीं होने के कारण बहस में हिस्सा नहीं ले पा रहे हैं। भाजपा के एक वरिष्ठ विधायक का मत है कि कई पहली बार विधानसभा पहुंचे हैं उन्हें नियमों की जानकारी नहीं होने से दिक्कत हो रही है। हम लोग उन्हें कुछ जानकारी दिए हैं, उन्हें पूरी तरह से प्रशिक्षित करना है। इसीलिए भाजपा नेतृत्व ने नए विधायकों को प्रशिक्षित करने का दायित्व दिल्ली की विशेषज्ञ संस्था को दिया है।

अगले साल के बजट सत्र में भाजपा विधायक दल के सदस्य नियमित रूप से प्रश्नोत्तर काल, दृष्टि आकर्षण प्रस्ताव, उल्लेख सत्र आदि में भाग ले कर अपनी बातें सकें इस पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इन सबसे उपर, सरकार को जिस तरह से विधायिका को नियंत्रण में रखने के लिए डेटा और आंकड़े पेश करने होंगे, उस पर व्यावहारिक शिक्षा प्रदान की जाएगी। क्योंकि भाजपा के एक विधायक के शब्दों में लगभग हमारी पूरी परिषदीय दल व्यावहारिक रूप से नए हैं। विधानसभा की प्रथा की जानकारी तो दूर, कई स्थानीय चुनाव में पहले कभी नहीं चुने गए हैं। इसलिए टीम ने उन्हें प्रशिक्षित करने के लिए यह पहल की है।

सवाल-जवाब में भी हो रही थी दिक्कत

यह संस्था लंबे समय से भाजपा के संसदीय दल से जुड़ा हुआ है। संस्था न केवल सांसदों की ही नहीं विधायकों की भी मदद करती है। साथ ही विभिन्न मुद्दों पर सामयिक  जानकारी देकर उनकी मदद भी करती है। पिछले दो सत्रों में अच्छा बोलने वालों में भाजपा के नए विधायकों में बालुरघाट के विधायक अशोक लाहिड़ी, पेशे से अर्थशास्त्री, सिलीगुड़ी के विधायक शंकर घोष, इंग्लिश बाजार की विधायक श्रीरूपा मित्र चौधरी और कलिम्पोंग के विधायक बिष्णु प्रसाद शामिल थे। वहीं विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी पहले से ही अनुभवी है। उनके साथ नाटाबाड़ी के विधायक मिहिर गोस्वामी और मदारीहाट विधायक मनोज तिग्गा भी अनुभवी हैं।

हाल ही में समाप्त हुए शीतकालीन सत्र में पूर्व क्रिकेटर और मैना से भाजपा विधायक अशोक डिंडा ने कृषि मंत्री शोभनदेव चटर्जी से राज्य में पान की खेती के मुद्दे के बारे में पूछा था। जवाब में वरिष्ठ नेता शोभनदेव ने कहा कि मामला खाद्य प्रसंस्करण विभाग के दायरे में है,इस सवाल का जवाब कृषि विभाग के पास नहीं है। उत्तर सुनकर अशोक समझ नहीं सका। दो सत्रों में ऐसी और भी घटनाएं विपक्ष के नेता सहित विपक्ष के नेता के संज्ञान में आईं तो अब उन्हें प्रशिक्षित करने का निर्णय लिया गया है।


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