West Bengal: निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम की मांग ममता सरकार ने मानी, स्वास्थ्य साथी योजना में बदलाव
सरकार अनुसार राज्य में एक करोड़ 40 लाख लोग स्वास्थ्य साथी योजना के अधीन आ चुके हैं। पहले से ही 1536 निजी अस्पताल और नर्सिंग होम इस परियोजना की सुविधा लोगों को मिलने का दावा किया जा रहा है। इनमें 425 नए निजी अस्पताल और नर्सिंग होमों को शामिल है।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। स्वास्थ्य साथी योजना के तहत मिलने वाले उपाचर के लिए तय पैकेजों की दर में निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम की ओर से की जा रही वृद्धि की मांग को आखिरकार ममता सरकार ने मान लिया है। राज्य सरकार ने व्यावहारिक रूप से उनकी मांग को स्वीकार करते हुए करीब 60 फीसद पैकेजों की दर में 10-15 फीसद की वृद्धि की है। मंगलवार को इसकी घोषणा की गई।
इस दिन राज्य के मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय और स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम ने राज्य के सभी निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम के मालिकों व प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। इसके बाद पैकेज की दर वृद्धि की घोषणा की गई। निजी अस्पताल और नर्सिंग होम लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे। उन्होंने शिकायत की कि सरकार द्वारा निर्धारित दर निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम के लिए बड़ी समस्या बनी हुई है। इस बार सरकार ने व्यावहारिक रूप से उनकी मांग को स्वीकार कर लिया।
सरकार के अनुसार, राज्य में एक करोड़ 40 लाख लोग स्वास्थ्य साथी योजना के अधीन आ चुके हैं। योजना को राज्य में अभूतपूर्व प्रतिक्रिया मिली है। पहले से ही 1,536 निजी अस्पताल और नर्सिंग होम इस परियोजना की सुविधा लोगों को मिलने का दावा किया जा रहा है। इनमें 425 नए निजी अस्पताल और नर्सिंग होमों को शामिल किया गया है। बेड की संख्या में भी वृद्धि हुई है।
सरकारी अनुमानों के अनुसार, परियोजना के लाभार्थियों के लिए सार्वजनिक और निजी अस्पताल-नर्सिंग होम के लिए पहले से ही 1,22,025 बेड मौजूद हैं। गौरतलब है कि स्वास्थ्य साथी योजना में पांच लाख तक के इलाज की सुविधा है। ममता ने चुनाव से पहले राज्य के सभी लोगों के लिए इस योजना की पिछले दिनों घोषणा की थी। इसके तहत जिन परिवारों ने इस योजना के तहत पंजीकरण कराया है उन्हें एक स्वास्थ्य साथी कार्ड दिया गया है। इसके माध्यम से वे किसी भी अस्पताल में कैशलेस इलाज करा सकते हैं।