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West Bengal Lockdown: बढ़ते संक्रमण को देखते हुए बेलूर मठ व तारापीठ मंदिर अनिश्चितकाल के लिए बंद

राज्य में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए बेलूर मठ तथा तारापीठ मंदिर को अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया गया है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Sat, 01 Aug 2020 07:13 PM (IST)Updated: Sat, 01 Aug 2020 07:13 PM (IST)
West Bengal Lockdown: बढ़ते संक्रमण को देखते हुए बेलूर मठ व तारापीठ मंदिर अनिश्चितकाल के लिए बंद
West Bengal Lockdown: बढ़ते संक्रमण को देखते हुए बेलूर मठ व तारापीठ मंदिर अनिश्चितकाल के लिए बंद

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : राज्य में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए बेलूर मठ तथा तारापीठ मंदिर को अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया गया है।1 अगस्त यानी आज से शक्ति पीठ मंदिर तारापीठ बंद हो गया जबकि 2 अगस्त यानी कल से  बेलूर मठ भी बंद हो जाएगा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, तारापीठ मंदिर समिति ने 1 अगस्त से तारापीठ मंदिर को अनिश्चित काल के लिए बंद करने का निर्णय लिया है।

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तारा मां सेवायत कमेटी के अध्यक्ष तारामय मुखोपाध्याय ने बताया कि राज्यभर से कोरोना महामारी को लेकर आ रही खबरों को देखते हुए वर्तमान स्थिति पर चर्चा करने के बाद सर्वसम्मति से माता का मंदिर अनिश्चित काल के लिए बंद करने का निर्णय लिया गया है। कमेटी के अध्यक्ष ने यह भी बताया कि जैसे ही स्थिति सामान्य होगी, मंदिर किसी भी दिन फिर से खोल दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वे जानते हैं कि विभिन्न समुदायों के लोगों का जीवन मंदिर पर निर्भर करता है, लेकिन वे लोग असहाय हैं। उल्लेखनीय है कि इससे पहले 13 जुलाई को मंदिर समिति, होटल मालिकों और प्रशासन की एक संयुक्त बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि कौशिकी अमावस्या के अवसर पर 12 अगस्त से 20 अगस्त तक तारापीठ मंदिर बंद रहेगा।

कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के बाद बेलूर मठ में प्रवेश पर रोक

कोलकाता : रामकृष्ण मठ और मिशन के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय बेलूर मठ ने शनिवार को घोषणा की कि कोविड-19 महामारी का प्रकोप बढ़ने के कारण दो अगस्त से उसके परिसर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक रहेगी। बेलूर रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन के सचिव स्वामी सुवीरानंद ने शनिवार को एक वीडियो संदेश में कहा कि दो अगस्त से दूसरी बार आंगतुकों के मठ में प्रवेश पर रोक लगाई जा रही है।

हावड़ा जिले में हुगली नदी के किनारे स्थित मठ परिसर को 24 मार्च को लॉकडाउन लगने के साथ ही आंगतुकों के लिए पूरी तरह बंद कर दिया गया था। बाद में अधिकारियों ने 15 जून से कुछ नियमों और सुरक्षा प्रोटोकॉल के साथ मठ के दरवाजे पुन: खोल दिये थे। स्वामी सुवीरानंद ने कहा, ‘‘हम दो अगस्त से अगले नोटिस तक श्रद्धालुओं के लिए मठ और मंदिर को बंद कर रहे हैं।’’

स्वामी विवेकानंद द्वारा स्थापित मठ के एक अधिकारी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में कोविड-19 के मामलों में तेजी से इजाफा होने के बाद जिला प्रशासन से परामर्श करके यह निर्णय लिया गया। इस बीच देश की प्रमुख शक्तिपीठ तारापीठ काली मंदिर के अधिकारियों ने भी शनिवार से मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी। 23 जून को रथ यात्रा वाले दिन से सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल के साथ मंदिर के द्वार खोले गये थे। मंदिर समिति के एक सदस्य ने कहा, ‘‘मंदिर पुन: खुलने के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं और हमें मंदिर को दोबारा बंद करना पड़ा। एक समय में अधिक लोगों को प्रवेश की अनुमति नहीं होने, सैनिटाइजर टनल का उपयोग करने और अन्य सुरक्षा उपायों को अपनाने के बावजूद हम लोगों के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं।’’


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