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West Bengal Election 2021: पहले चरण के लिए चुनाव प्रचार थमा, नजर नहीं आ रहे कांग्रेस के बड़े चेहरे

West Bengal Election 2021 बंगाल विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए चुनाव प्रचार का शोर गुरुवार को थम गया। तृणमूल कांग्रेस और भाजपा ने प्रचार में पूरा जोर लगा दिया। बंगाल की मुख्यमंत्री तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने दर्जनों सभाएं कीं।

By Vijay KumarEdited By: Published: Thu, 25 Mar 2021 06:57 PM (IST)Updated: Thu, 25 Mar 2021 06:57 PM (IST)
West Bengal Election 2021: पहले चरण के लिए चुनाव प्रचार थमा, नजर नहीं आ रहे कांग्रेस के बड़े चेहरे
राहुल-प्रियंका दूसरे राज्यों में तो जा रहे, पर बंगाल से दूरी बनाए हुए हैं

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए चुनाव प्रचार का शोर गुरुवार को थम गया। तृणमूल कांग्रेस और भाजपा ने प्रचार में पूरा जोर लगा दिया। बंगाल की मुख्यमंत्री तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने दर्जनों सभाएं कीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी कई बार भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में चुनाव प्रचार करने बंगाल आए। तृणमूल व भाजपा के अन्य नेताओं ने भी जमकर प्रचार किया। इसके विपरीत पहले चरण के चुनाव प्रचार के मामले में कांग्रेस पूरी तरह सुस्त दिखी। कांग्रेस का कोई बड़ा नेता अथवा स्टार प्रचारक चुनाव प्रचार करने नहीं आया। 

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सूत्रों की मानें तो कांग्रेस जान-बूझकर बंगाल में अपने बड़े नेताओं को प्रचार में नहीं उतार रही है। इसके पीछे तर्क यह दिया जा रहा है कि अगर कांग्रेस बंगाल में मजबूती से चुनाव लड़ती है तो इसका सीधा फायदा भाजपा को होगा इसलिए कांग्रेस बंगाल में चुनाव लड़ते हुए तो दिखना चाहती है लेकिन अपने बड़े नेताओं को प्रचार से दूर रखे हुए है।

राहुल-प्रियंका दूसरे राज्यों में तो प्रचार के लिए जा रहे हैं लेकिन बंगाल से दूरी बनाए हुए हैं। कांग्रेस चुनाव वाममोर्चा और आइएसएफ के साथ मिलकर लड़ रही है लेकिन पार्टी को पता है कि यहां मुख्य मुकाबला भाजपा और तृणमूल के बीच ही है। ऐसे में मतदाताओं में किसी तरह का भ्रम पैदा न हो इसलिए बंगाल में कांग्रेस बस चुनाव लडऩे की औपचारिकता पूरी कर रही है।

कांग्रेस ने टिकटों का चयन भी इसी आधार पर किया है कि उसका भाजपा फायदा न उठा सके। कांग्रेस की नजर खास तौर पर उन अल्पसंख्यक सीटों पर है, जहां पिछले चुनावों में वोटों के बंटवारे का फायदा भाजपा को मिल गया थ इसलिए इस बार पार्टी ने सिर्फ जीतने वाली सीटों पर ही मजबूत उम्मीदवारों को टिकट दिया है। बहरहाल बंगाल को लेकर कांग्रेस की रणनीति दिखाने को कुछ और व खाने को कुछ और है।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए अगर चुनाव बाद कांग्रेस-वाममोर्चा और टीएमसी को एक साथ आना पड़े तो उसका भी 'प्लान बी तैयार है. लेकिन इस वक्त प्राथमिकता बंगाल चुनाव से अपने बड़े चेहरों को दूर रखने की है।


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