West Bengal Election 2021: बंगाल के भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने इंटरव्यू में खुलकर दिए तीखे सवालों के सधे जवाब
भाजपा ने बंगाल में चुनाव जीतने के लिए पूरी ताकत लगा दी है। प्रधानमंत्री समेत सभी नेताओं की जुबान पर एक ही नारा बुलंद हो रहा है सोनार बांग्ला बनाने का। इस बीच नंदीग्राम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चोटिल होने पर सियासी घामासान मचा है।
भाजपा ने बंगाल में चुनाव जीतने के लिए पूरी ताकत लगा दी है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर सभी नेताओं की जुबान पर एक ही नारा बुलंद हो रहा है, 'सोनार बांग्ला' बनाने का। इस बीच नंदीग्राम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चोटिल होने पर सियासी घमासान मचा है। इन सबके बीच बंगाल भाजपा अध्यक्ष व सांसद दिलीप घोष ने दैनिक जागरण के संवाददाता राजीव कुमार झा से सोनार बांग्ला बनाने से लेकर ममता को लगी चोट समेत अन्य मुद्दों पर खुलकर बातचीत की। प्रस्तुत है उनसे बातचीत का प्रमुख अंश :
सवाल : आपलोग लगातार जीत का दावा कर रहे हैं, इतना भरोसा कैसे?
जवाब : 34 साल के वामपंथी शासन से उबकर 2011 में जनता ने ममता बनर्जी पर भरोसा किया। बहुत उम्मीद से लोगों ने दो बार जिताया, लेकिन परिणाम क्या निकला? 10 वर्षों में धोखा के सिवाय कुछ नहीं मिला। मां, माटी व मानुष की बात कहने वाली सरकार भ्रष्टाचार, तोलाबाजी व तुष्टीकरण में बदल गईं। अब जनता इस सरकार से मुक्ति और परिवर्तन चाहती है। आप देख लेना दो मई तक ही इस सरकार की आयु है, उसके बाद भाजपा की सरकार बननी तय है।
सवाल : आप कहते हैं कि बंगाल को सोनार बांग्ला बनाएंगे, इसका स्वरूप कैसा होगा?
जवाब : सोनार बांग्ला जो है, वह कविगुरु रवींद्रनाथ टैगोर का लिखा हुआ गीत- आमार सोनार बांग्ला आमी तोमाय भालोबाशी, जो बांग्लादेश का राष्ट्रीय गीत भी है। हमारे कहने का तात्पर्य है, जो बातें जरूरी हैं जैसे- रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा, चिकित्सा, रोजगार और सुरक्षा इन चीजों की जहां सही उपलब्धता होती है उसे माना जाता है कि वहां सुशासन है। बंगाल में कोई भी चीज इनमें से लोगों को मुहैया नहीं कराई जा रही है। हम बाकी जितने राज्यों में सरकार चला रहे हैं, वहां इन चीजों को उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहे हैं और लोगों को लाभ मिल रहा है। तभी ना हम लोगों को बार-बार चुना जा रहा है।
बिहार और यूपी जिसे जंगलराज कहा जाता था उस बिहार में चार- चार बार नीतीश कुमार के साथ लोगों ने हमें चुना है। मध्य प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़ जहां-जहां राज किया उन राज्यों में हमने सुशासन स्थापित किया। सोनार बांग्ला का मतलब जहां सबका विकास होगा और बंगाल का खोया गौरव प्राप्त होगा।
सवाल : नंदीग्राम में ममता पर कथित हमले का आरोप भाजपा पर लग रहा है?
जवाब : देखिए, राजनीति में लोग बहुत सारे तरीके अपनाते हैं। ममता बनर्जी की पार्टी टूट रही है, अब उनके पास स्टार प्रचारक भी नहीं है। वो घबराई हुई हैं। नए-नए तरीके ढूंढ कर लोगों की सहानुभूति बटोरने की कोशिश कर रही हैं। राज्य के लोगों ने पहले भी इस प्रकार का नाटक देखा है।
सवाल : ममता कह रही हैं कि भाजपा को हरा कर भूत कर दूंगी, वहीं पीके कह रहे हैं अगर भाजपा को 99 से अधिक सीट मिल गई तो मैं यह पेशा छोड़ दूंगा?
जवाब : मुस्कुराते हुए कहा- यह प्रशांत किशोर (पीके) की मजबूरी है, क्योंकि 500 करोड़ ले चुके हैं। रिजल्ट तो देना ही है। अब पेशा छोड़े ना छोड़े उसका इंतजार कौन करे? ऐसे ही हम छुड़वा देंगे। जहां तक ममता बनर्जी की बात है तो उनकी पार्टी अस्तित्व में रहेगी कि नहीं, आज इस पर प्रश्नचिन्ह है। हर रोज इनके एमएलए, एमपी, मंत्री पार्टी छोड़ रहे हैं। अभी पिछले कुछ महीने में तृणमूल से भाजपा में कितने लोग आए हैं, मुझे भी यह ठीक से पता नहीं। 22 से 25 एमएलए आ चुके हैं। तीन एमपी आ चुके हैं। चार मेयर रिजाइन देकर आए। ऐसा क्यों हो रहा है, उनको अपने अंदर झांकना चाहिए। भाजपा 2016 में यहां तीन एमएलए व दो एमपी की पार्टी थी। आज हम कहां हैं। बहुत दयनीय स्थिति से तृणमूल गुजर रही है।
सवाल : ममता कह रही हैं कि भाजपा वाशिंग मशीन है, जितने दागी हैं वहां जाकर साफ- सुथरे हो जा रहे हैं?
जवाब : भाजपा बड़ा परिवार में विश्वास रखती है। हमारे पास सिर्फ तृणमूल के नहीं, कांग्रेस, माकपा सहित बाकी पार्टियों के भी लोग आ रहे हैं। जहां तक दागी का सवाल है तो हमारी पार्टी की नीति स्पष्ट है, चाहे कोई भी रहे यदि अपराध किया है तो उसे कानून के अनुसार सजा भुगतनी होगी। इसके साथ कोई समझौता नहीं होगा।
सवाल : दूसरे दलों के नेताओं के शामिल होने से भाजपा के भीतर भी नाराजगी दिख रही है, इसे कैसे दूर करेंगें?
जवाब : देखिए, पांच साल पहले हमें कैंडिडेट ढूंढना पड़ता था। कोई भाजपा से लडऩा नहीं चाहता था। आज एक-एक सीट से आठ से दस मजबूत उम्मीदवार चुनाव लडऩे को दावा ठोक रहे हैं। ऐसा इसीलिए हो रहा है कि लोगों को लग रहा है कि भाजपा जीतने वाली है। पार्टी जब तेजी से बढ़ती है तो नए लोग आते हैं तो पुराने लोगों को लगता है कि हाशिये पर चले गए। लेकिन उनको भी सम्मान मिलता है। इस प्रक्रिया को हमने बनाई है और पूरे देश में हम इस पर सफल हुए हैं। कई राज्यों में इसी व्यवस्था पर सरकार चला रहे हैं। हमने इसमें महारथ हासिल की है। नाराज लोगों को समझा- बुझा कर आगे बढ़ेंगे।
सवाल : विधानसभा चुनाव में आपके मुख्य मुद्दे क्या-क्या हैं?
जवाब : हमारा एकमात्र एजेंडा विकास, विकास व विकास। यही हमारा मूलमंत्र है।
सवाल : भाजपा की सरकार बनने पर क्या प्राथमिकताएं होगी?
जवाब : बंगाल के लोगों को सुशासन देना। कानून- व्यवस्था को स्थापित करना। विकास की धारा जो रुकी हुई है, उस को आगे बढ़ाना और देश जो विकास यात्रा पर चल पड़ा है उसके साथ बंगाल को जोड़ना है। केंद्रीय योजनाओं को तुरंत लागू करना। यहां के लोगों को सुरक्षा देना और महिलाओं के मान सम्मान को सुरक्षित करना। यहां की सीमाओं को सुरक्षित करना है। यहां की इकोनामी जो पटरी से उतर चुकी है उसे पटरी पर लाना, बंद हो चुके कल-कारखाने को खोलना व नए उद्योग व निवेश को प्रोत्साहित कर फिर से औद्योगिक माहौल तैयार करना। नौजवानों को रोजगार, बुजुर्गों की दवाई व बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था सहित पूरी व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने का काम करेंगे।
सवाल : ममता बनर्जी के सामने आपके पास कोई सीएम चेहरा नहीं है, इससे नुकसान भी हो सकता है?
जवाब : तृणमूल के पास सिर्फ एक चेहरा है। भाजपा में बहुत से चेहरे हैं। बहुत कम जगह होता है कि हम किसी सीएम चेहरे को सामने रखते हैं। मोदीजी के चेहरे के साथ यहां हम चुनाव लड़ रहे हैं। यूपी में भी योगीजी के चेहरे को नहीं रखा था। अधिकतर राज्यों में हम बिना सीएम चेहरे के जीते हैं।
सवाल : आपके प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभालने के बाद पार्टी को लगातार सफलता मिल रही है, तब आपको कैप्टन यानी सीएम चेहरा क्यों नहीं घोषित किया जा रहा?
जवाब : 2015 में मैंने कमान संभालते हुए कप्तान की तरह कार्यकर्ताओं को लेकर आगे बढ़ा है। सफलता मिली तभी तो 2019 के लोकसभा चुनाव में बेहतरीन रिजल्ट आया और 18 सीटें हम जीते। कार्यकर्ताओं के साथ पार्टी ने भी माना कि कप्तान अच्छा है। मैं कैप्टन था और कैप्टन हूं। पार्टी जब जीत कर आएगी तो उसका कैप्टन चयन किया जाएगा।