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West Bengal Coronavirus: 10 करोड़ की आबादी वाले बंगाल में अब तक कोरोना के 1301 सैंपल टेस्ट ही हुए

कोरोना का कहर देशभर में बढ़ता ही जा रहा। राज्य सरकार के अनुसार बंगाल में भी कोरोना के अबतक 61 पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं। इनमें 3 लोगों की मौत हो चुकी है

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 07 Apr 2020 03:14 PM (IST)Updated: Tue, 07 Apr 2020 03:14 PM (IST)
West Bengal Coronavirus: 10 करोड़ की आबादी वाले बंगाल में अब तक कोरोना के 1301 सैंपल टेस्ट ही हुए
West Bengal Coronavirus: 10 करोड़ की आबादी वाले बंगाल में अब तक कोरोना के 1301 सैंपल टेस्ट ही हुए

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कोरोना का कहर देशभर में बढ़ता ही जा रहा। राज्य सरकार के अनुसार बंगाल में भी कोरोना के अबतक 61 पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं। इनमें 3 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 13 लोग स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं।

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इधर, कोरोना के टेस्ट की बात करें तो 10 करोड़ से ज्यादा की आबादी वाले बंगाल में सोमवार तक कुल 1301 लोगों के ही सैंपल टेस्ट किए गए हैं। इनमें से 61 लोगों के टेस्ट पॉजिटिव आए हैं जबकि बाकी की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को खुद इसकी जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि पहले मेरे पास मात्र 40 टेस्ट किट ही था। उन्होंने कहा कि आईसीएमआर के गाइडलाइन के मुताबिक इस वायरस का सिम्टम्स दिखने पर ही सैंपल टेस्ट के लिए कहा गया था। वहीं, टेस्ट किट की कमी के चलते बड़ी संख्या में लोगों के सैंपल टेस्ट नहीं हो सके।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पीएम मोदी से मांग के बाद हालांकि केंद्र की ओर से बंगाल में 10,000 टेस्ट किट करीब 1 हफ्ते पहले भेजी गई। इधर, देश में कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते मामले के बीच इतनी बड़ी आबादी वाले बंगाल में अब तक महज 13 सौ लोगों के ही सैंपल टेस्ट होने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सोमवार तक बंगाल में कुल 54,823 लोग होम क्वॉरेंटाइन में हैं। वहीं, 3749 लोगों को अब तक होम क्वॉरेंटाइन से मुक्त कर दिया गया है। स्वास्थ्य भवन क्वॉरेंटाइन में रहने वाले लोगों की लगातार निगरानी कर रहा है। ममता ने कहा कि राज्य सरकार ने अब तक 511 सरकारी क्वॉरेंटाइन सेंटर स्थापित किए हैं। सरकारी क्वॉरेंटाइन सेंटर में 2,879 लोग अभी हैं। इसके अलावा पूरे राज्य में अब तक 59 कोविड अस्पताल बनाए गए हैं, जिसमें कोरोना के लक्षण वाले मरीजों की इलाज की सुविधा है।

इन सभी अस्पतालों में करीब 5,000 आइसोलेशन बेड की व्यवस्था की गई है। यह सही है कि सीमित संसाधन के बावजूद बंगाल सरकार कोरोना से निपटने के लिए सभी प्रकार के कदम उठा रही है, लेकिन इतनी बड़ी आबादी वाले राज्य में अब तक इतनी कम संख्या में सैंपल टेस्ट चिंता बढ़ा रही है।

जब मुख्यमंत्री खुद कह रही है कि 50,000 से ज्यादा लोग क्वॉरेंटाइन में हैं ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि क्वॉरेंटाइन में रहने वाले लोगों के भी सैंपल टेस्ट नहीं हो पा रहे हैं। जब बड़ी संख्या में सैंपल टेस्ट ही नहीं हो रहे हैं तो यह पता कैसे लगेगा कि कोरोना से कौन संक्रमित हैं और नहीं है। ऐसे में सैंपल टेस्ट की रफ्तार और बढ़ाने की जरूरत है। 


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