West Bengal Coronavirus : बंगाल में कोरोना के 179 नए मामले दर्ज, छह और लोगों की मौत
West Bengal Coronavirus सूबे में अभी भी 5420 सक्रिय मामले हैं। बंगाल में अब तक 554578 लोग कोरोना से उबर चुके हैं। पिछले 24 घंटे में 306 लोग स्वस्थ भी हुए हैं जिससे स्वस्थ होने वालों की दर बढ़कर 97.26 फीसद हो गई है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : पश्चिम बंगाल में सोमवार को कोविड-19 के 179 नए मामले दर्ज हुए जबकि इससे छह और लोगों की मौत हुई है। इनमें से चार मौतें उत्तर 24 परगना जिले में हुई हैं जबकि कोलकाता व हुगली में एक-एक व्यक्ति की जान गई है। सबसे ज्यादा सक्रिय मामले (53)भी उत्तर 24 परगना जिले में दर्ज हुए हैं। दूसरी तरफ पिछले 24 घंटे में 306 लोग स्वस्थ भी हुए हैं, जिससे स्वस्थ होने वालों की दर बढ़कर 97.26 फीसद हो गई है।
अब तक 5,54,578 लोग कोरोना से उबर चुके
राज्य के स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी किए गए आंकड़े के मुताबिक बंगाल में अब तक कोरोना के 5,70,177 मामले सामने आए हैं जबकि 10,179 लोगों की जानें गई हैं। सूबे में अभी भी 5,420 सक्रिय मामले हैं। बंगाल में अब तक 5,54,578 लोग कोरोना से उबर चुके हैं।
कोरोना का टीका लगाने का काम भी प्रगति पर है
सोमवार को 18,168 नमूनों की जांच की गई। गौरतलब है कि दूसरे राज्यों की तरह ही बंगाल में भी कोरोना का ग्राफ तेजी से नीचे आ रहा है। कोलकाता समेत बंगाल के विभिन्न अस्पतालों में स्वास्थ्यकर्मियों का कोरोना का टीका लगाने का काम भी प्रगति पर है।
एमएस की डिग्री बिना ही कर दिया ऑपरेशन, कोमा में विवाहिता
कोलकाता के एक नर्सिंग होम में मास्टर्स इन सर्जरी (एमएस) की डिग्री बिना ही महिला डॉक्टर ने एक महिला का ऑपरेशन कर दिया। गलत ऑपरेशन से वह कोमा में चली गई है। उसे नर्सिंग होम से एसएसकेएम अस्पताल में स्थानांतरित किया गया है, जहां उसकी हालत बेहद नाजुक बताई जा रही है। राज्य के स्वास्थ्य आयोग ने इसे लेकर रिपन स्ट्रीट स्थित हेरिटेज नर्सिंग होम व डायग्नास्टिक सेंटर के प्रबंधन व उक्त महिला डॉक्टर पर कुल 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। मौत से जूझ रही महिला का नाम सुलताना खातून है। उसने हाल में एक संतान को जन्म दिया है। उसे प्रसव के लिए ही उक्त नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था। सीजर से प्रसव के दौरान काफी रक्तस्राव होने लगा, जिसके रोकने के लिए सर्जरी की जरुरत थी। प्रसव कराने वाली महिला डाक्टर ने खुद से सर्जरी कर दी। महिला डाक्टर के पास एमबीबीएस की डिग्री थी लेकिन एमएस की नहीं थी।