Bengal: ममता बनर्जी बोलीं, सभी को संविधान में निहित आदर्शों का पालन करना चाहिए
West Bengal CM Mamata Banerjee. पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि हरेक देशवासियों को भारतीय संविधान में निहित आदर्शों का पालन करना चाहिए।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। West Bengal CM Mamata Banerjee. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को संविधान दिवस के मौके पर कहा कि हरेक देशवासियों को भारतीय संविधान में निहित आदर्शों का पालन करना चाहिए। इस दिन उन्होंने भारतीय संविधान को तैयार करने में डॉ भीम राव आंबेडकर के योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी।
मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, संविधान दिवस के अवसर पर डॉ आंबेडकर और संविधान सभा के सभी सदस्यों को श्रद्धांजलि, जिन्होंने हमारे महान लोकतंत्र को आकार दिया। मुख्यमंत्री ने स्वायत्त, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष एवं लोकतांत्रिक गणराज्य, न्याय, स्वतंत्रता, भाईचारा और समानता का जिक्र करते हुए कहा कि हमें संविधान के प्रत्येक शब्द को अमल में लाना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि देश में संविधान के अंगीकरण के 70 साल पूरे होने पर इस बार केंद्र व राज्य सरकार बड़े स्तर पर संविधान दिवस समारोह मना रही है। बंगाल सरकार ने 26 व 27 नवंबर को विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र भी बुलाया है। 26 नवंबर, 1949 को संविधान को अंगीकृत किया गया था और बाद में 26 जनवरी, 1950 को यह लागू किया गया था, जहां से भारत की एक गणतंत्र के रूप में शुरुआत हुई। केंद्र सरकार साल 2015 में 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी।
संविधान के विपरीत कार्य कर रही है केंद्र सरकार: सुदीप बंद्योपाध्याय
संविधान दिवस के मौके पर तृणमूल कांग्रेस समेत अन्य विपक्षीय दलों ने मंगलवार को लोकसभा परिसर में स्थित बाबा साहब अंबेडकर की प्रतिमा के सामने एकत्र हो केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही मोदी सरकार पर संविधान के विपरीत कार्य करने का आरोप भी लगाया। इस दौरान मीडिया कर्मियों से मुखातिब हुए तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा कि महाराष्ट्र में जिस तरह से भाजपा ने संविधान का उल्लंघन किया है, उसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है और यही वजह है कि हम सभी विपक्षी दल एक साथ लोकतंत्र की रक्षा को संविधान दिवस के मौके पर विरोध के लिए एकत्र हुए।
वहीं, केंद्र सरकार द्वारा संविधान दिवस के मौके पर आयोजित विशेष सत्र में शामिल न होने संबंधित एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सरकार के कहेनुसार चलने की कोई बाध्यता नहीं है और भारत में हर व्यक्ति को कुछ लोकतांत्रिक अधिकार प्राप्त है। जिसके तहत ही हमने इस सरकार के अनैतिक नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन कर अपना विरोध जताया है। वहीं एक बार फिर राज्यपाल जगदीप धनखड़ पर निशाना साधते हुए राज्य में समानांतर सरकार चलाने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि धनखड़ अपने इच्छानुसार काम कर रहे हैं। ऐसे में अब तो लोगों के मन में यह भी प्रश्न उठने लगा है कि इस पद की वाकई कोई जरूरत है भी या नहीं। इधर, कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रदीप भट्टाचार्य ने कहा कि संविधान की रक्षा की जिम्मेदारी से मुंह मोड़ साजिश के तहत भाजपा राज्य में सरकारें बनाने को निर्धारित नियमों का उल्लंघन कर रही है। ऐसे में संविधान व देश बचाने को हम इस सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद किए हुए हैं।