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West Bengal :सिविक पुलिस वाला निकला मानव तस्कर, बीएसएफ ने सीमा पर रंगे हाथों दबोचा

सिविक पुलिस वाला निकला मानव तस्कर बीएसएफ ने सीमा पर रंगे हाथों दबोचा बांग्लादेशी युवती को अवैध रूप से सीमा पार कराते पकड़ा गया

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 03 Jul 2020 02:37 PM (IST)Updated: Fri, 03 Jul 2020 02:37 PM (IST)
West Bengal :सिविक पुलिस वाला निकला मानव तस्कर, बीएसएफ ने सीमा पर रंगे हाथों दबोचा
West Bengal :सिविक पुलिस वाला निकला मानव तस्कर, बीएसएफ ने सीमा पर रंगे हाथों दबोचा

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। खाकी की आड़ में आपराधिक गतिविधियों में लिप्त कुछ पुलिस वाले अपने महकमे को कलंकित कर रहे हैं। ऐसे ही एक मामले में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा पर एक सिविक पुलिस वालंटियर को मानव तस्करी करते हुए पकड़ा है। यह घटना उत्तर 24 परगना जिले के तराली सीमा चौकी इलाके की है जब गुरुवार दोपहर को बीएसएफ की 112वीं बटालियन के जवानों ने एक बांग्लादेशी युवती को अवैध रूप से सीमा पार कराते हुए सिविक पुलिस वाले को रंगे हाथों दबोचा।

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आरोपित का नाम प्रदीप विश्वास (31) है। वह उत्तर 24 परगना जिले के स्वरूप नगर थाने में तैनात है। वह इसी जिले के हाबरा थाना अंतर्गत राजबल्लभपुर गांव का निवासी है। जो खाकी की आड़ में मानव तस्करी की दलाली में लिप्त पाया गया है।

घटना के बारे में बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर की ओर से बताया गया कि गुरुवार दोपहर में तराली सीमा चौकी इलाके में बीएसएफ जवानों ने एक मोटरसाइकिल को रोका जिसपर एक युवक तथा युवती सवार थे तथा भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित तराली गांव की तरफ से आ रहे थे।

यह जगह अंतरराष्ट्रीय सीमा रेखा से 450 मीटर की दूरी पर स्थित है। पूछताछ में दोनों ने पति-पत्नी बताया। युवक ने अपनी पहचान सिविक पुलिस वालंटियर बताया तथा कहा कि वह स्वरूप नगर थाने में तैनात है। जब महिला कॉन्स्टेबल ने युवती से उसकी पहचान पूछी तो उसने अपना पर्स खोला तो उसमें बांग्लादेशी करेंसी (टका) दिखाई दिए।

इस करेंसी के बारे में महिला से पूछताछ के दौरान सिविक पुलिस वालंटियर को पता चल गया कि भंडा फूट चुका है उसने बचने के लिए भागने की कोशिश की लेकिन जवानों ने उसे एक 100 मीटर का पीछा करके बगल के खेत में धर दबोचा। फिर दोनों को पूछताछ के लिए कंपनी मुख्यालय सीमा चौकी तराली में लाया गया। सिविक पुलिस कर्मी के पास से 2 स्मार्टफोन भी बरामद हुआ। वहीं, महिला के पास से 40,120 बांग्लादेशी करेंसी तथा 35,396 रुपये भारतीय मुद्रा जब्त की गई।

अवैध रूप से सीमा पार कराने के लिए सिविक पुलिस कर्मी को दिए थे 26000 रुपये

दोनों से पूछताछ में कई चौकाने वाले तथ्य सामने आए। 23 वर्षीय बांग्लादेशी युवती ने बताया कि वह ढाका के दारूस्लाम थाना इलाके की रहने वाली है। युवती ने कहा कि उनके पति का नाम सुभाष राजवंशी (26), गांव- दमदम अर्जुनपुर, जिला उत्तर 24 परगना है तथा वह भारतीय हैं। 2 साल पहले ढाका में सुभाष के साथ उनकी शादी हुई थी तथा वे बांग्लादेश में एमटीएल कंपनी में कार्यरत हैं। युवती के अनुसार, उसने 30 जून को हाकिमपुर चेक पोस्ट से सर्वप्रथम अंतर्राष्ट्रीय सीमा को लांघने का प्रयास किया था लेकिन बीएसएफ जवानों की चौकसी के कारण उनको वापस भागना पड़ा। वह वापस बांग्लादेश में पहुंचकर किसी के घर में रही जो कि मानव तस्करी की दलाली करता था। उसी मानव तस्कर की मदद से युवती ने 2 जुलाई को तराली सीमा चौकी इलाके से अंतरराष्ट्रीय सीमा रेखा को लांघा तथा भारत में पहुंचकर उसे एक दलाल मिला जिसने उसे साड़ी पहनने के लिए दी। उसने साड़ी पहनी तथा वहां पर सिविक पुलिसकर्मी प्रदीप विश्वास (प्रमुख दलाल) पहुंच गया। दलाल ने उसे प्रदीप के मोटरसाइकिल पर बैठा दिया तथा युवती को बताया गया कि कोई रास्ते में पूछे तो कहना हम दोनों पति-पत्नी हैं। इसके बाद तराली गांव से जैसे ही ये लोग आगे बढ़े बीएसएफ जवानों ने पकड़ लिया। बांग्लादेशी युवती ने यह भी बताया कि उसके ससुराल वालों ने प्रदीप को अवैध तरीके से अंतरराष्ट्रीय सीमा रेखा को पार कराने में मदद के लिए 26,000 रुपये दिए थे। उसके व्हाट्सएप अकाउंट में यह पैसा भेजे जाने का स्लिप भी मिला है जो कि प्रदीप का मानव तस्करी की दलाली का साथी तारिकुल विश्वास के नाम पाई गई है। इधर, बीएसएफ ने मानव तस्करी में दलाली करने की धाराओं के तहत स्वरूपनगर थाने में एफआइआर दर्ज करवाई है और आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए प्रदीप को पुलिस के हवाले कर दिया है। वहीं, 112वीं बटालियन के कार्यवाहक अधिकारी चंद्रशेखर ने इस कार्रवाई के लिए अपने चौकन्ने जवानों की पीठ थपथपाई तथा यह प्रतिबद्धता जताई कि मानव तस्करी के घिनौने अपराधों में शामिल अपराधियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई होगी।

क्या कहते हैं बीएसएफ डीआइजी

इधर, बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के डीआइजी व वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी सुरजीत सिंह गुलेरिया का कहना है कि हम पूरे दक्षिण बंगाल बॉर्डर पर मानव तस्करी के धंधे पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं। इस तरह की अवैध घुसपैठ को रोकने की कार्यवाही काफी जटिल है क्योंकि सीमा सुरक्षा बल को जब तक पुलिस, स्थानीय प्रशासन, पंचायती राज तथा केंद्र व राज्य की इंटेलिजेंस एजेंसियों का पूर्ण सहयोग नहीं मिलेगा तब तक इस घुसपैठ को रोकना बहुत कठिन है। उन्होंने कहा कि घुसपैठ व मानव तस्करी में संलिप्त दलालों का नेटवर्क गरीब, भोले- भाले लोगों, नौजवान युवतियां तथा महिलाओं को फंसा कर पैसा ऐंठते हैं तथा यह उनका शारीरिक शोषण करके उन्हें वेश्यावृत्ति के धंधे में सप्लाई करने का घृणित कार्य करते हैं। गुलेरिया ने इस बात पर भी चिंता जाहिर जताई कि जिस वर्दी वाले से देश के अंदर कानून- व्यवस्था बनाए रखने की अपेक्षा की जाती है अगर वैसे लोग ही देश की सुरक्षा तथा हितों के साथ खिलवाड़ करेंगे तो यह बड़ा खतरा है। उन्होंने इस मामले आरोपित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की पुलिस से अपेक्षा की है। साथ ही कहा कि बीएसएफ मानव तस्करी की चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।  


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