आइएएस नियमावली में संशोधन पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने फिर से जताई आपत्ति
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार को ऐसे संशोधन पर आगे नहीं बढ़ना चाहिए जिससे केंद्र राज्य सरकार की आपत्ति को दरकिनार कर भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति केंद्र में कर सके।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आइएएस (संवर्ग) नियामवली 1954 के प्रस्तावित संशोधन पर फिर आपत्ति जाहिर की और नरेन्द्र मोदी सरकार पर देश के संघीय ढांचे को तोड़ने का आरोप लगाया। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के अवसर पर यहां आयोजित एक समारोह में बनर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार को ऐसे संशोधन पर आगे नहीं बढ़ना चाहिए जिससे केंद्र, राज्य सरकार की आपत्ति को दरकिनार कर भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति केंद्र में कर सके। उन्होंने कहा, केंद्र हमारे संघीय ढांचे के साथ खिलवाड़ कैसे कर सकता है? वह चुनी हुई राज्य सरकारों के अधिकार और मत का अतिक्रमण कैसे कर सकता है? केंद्र को यह नहीं करना चाहिए।
बता दें कि इस मुद्दे पर ममता लगातार केंद्र के खिलाफ आक्रामक हैं। वह इसको लेकर हाल में पीएम मोदी को दो पत्र भी लिख चुकी हैं और इस प्रस्ताव पर आगे नहीं बढ़ने का अनुरोध किया है। इधर, संसद के शुरू हो रहे बजट सत्र के दौरान भी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद इस मुद्दे को उठाने की तैयारी में हैं। दूसरी ओर, नेताजी की जयंती पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा स्थापित करने का वादा करके महान स्वतंत्रता सेनानी पर आधारित राज्य की गणतंत्र दिवस झांकी को शामिल न करने की अपनी गलती से पल्ला नहीं झाड़ सकती। बनर्जी ने दोहराया कि झांकी को सरसरी तौर पर खारिज करने का कोई कारण नहीं बताया गया।
उन्होंने यहां अपने संबोधन के दौरान कहा, हम यहां रेड रोड पर गणतंत्र दिवस परेड के दौरान झांकी निकालेंगे। आपलोग देखेंगे कि यह कितनी जीवंत और रचनात्मक (झांकी) है, जो नेताजी की वीरता और स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ की भावना को समेटे हुए है। केंद्र झांकी को ठुकराकर पश्चिम बंगाल के साथ हुए अन्याय से अपना पल्ला नहीं झाड़ सकता है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) अध्यक्ष बनर्जी ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा नीत केंद्र नेताजी के लापता होने के पीछे के रहस्य का पता लगाने के अपने वादे पर खरा नहीं उतर पाया।