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Coronavirus: सभी चुनौतियों के बावजूद उच्च मनोबल व संकल्प के साथ सरहद की रखवाली में डटे हैं बीएसएफ के सीमा प्रहरी

कोरोना महामारी ने चुनौतियों को कई गुना बढ़ा दिया है। कोविड -19 की चुनौतियों का प्रभावी ढंग से सामना करने के लिए बीएसएफ ने 2020 की शुरुआत से ही अपेक्षित कार्यवाही करनी शुरु कर दी थी जिसमें भारत सरकार द्वारा जारी कोविड प्रोटोकॉल को प्रभावी ढंग से लागू किया गया।

By Priti JhaEdited By: Published: Mon, 03 May 2021 11:28 AM (IST)Updated: Mon, 03 May 2021 11:46 AM (IST)
Coronavirus: सभी चुनौतियों के बावजूद उच्च मनोबल व संकल्प के साथ सरहद की रखवाली में डटे हैं बीएसएफ के सीमा प्रहरी
उच्च मनोबल व संकल्प के साथ सरहद की रखवाली में डटे हैं बीएसएफ के सीमा प्रहरी

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। दक्षिण बंगाल फ्रंटियर अंतर्गत सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के सीमा प्रहरी सभी चुनौतियों का सामना करते हुए बांग्लादेश के साथ लगने वाली सीमाओं की रखवाली कर रहे हैं, जिसमें महामारी कोविद -19 भी शामिल हैं। बीएसएफ के सीमा प्रहरी उच्च मनोबल व संकल्प के साथ एक साथ कई मोर्चों पर लड़ाई करते हुए दिन-रात चौबीसों घंटे पूरे समर्पण के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा की रखवाली करते हैं, चाहे वह तेज गर्मी हो या सर्द सर्दी या फिर आर्द्र मानसून।

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वहीं, कोरोना महामारी ने चुनौतियों को कई गुना बढ़ा दिया है। कोविड -19 की चुनौतियों का प्रभावी ढंग से सामना करने के लिए, बीएसएफ ने 2020 की शुरुआत से ही अपेक्षित कार्यवाही करनी शुरु कर दी थी, जिसमें भारत सरकार द्वारा जारी कोविड प्रोटोकॉल को प्रभावी ढंग से लागू किया गया। स्थिति से निपटने के लिए बीएसएफ के सभी केंद्रों में संगरोध केंद्र और अलगाव केंद्र स्थापित किए गए थे। बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर अंतर्गत कम्पोजिट अस्पताल, कोलकाता कोविड उपचार के लिए सुसज्जित है और 2020 से ही कोरोना रोगियों का इलाज कर रहा है। कोविड प्रोटोकॉल के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए और सक्रिय उपायों के रूप में यूनिट और मुख्यालय को अवकाश एवं अस्थाई ड्यूटी से वापस रिपोर्ट करने वाले सभी कर्मियों को संगरोध किया गया। कोविड के लक्षण वाले कर्मियों को चिकित्सा कर्मचारियों और डॉक्टरों की निगरानी में अलगाव के तहत रखा जाता है। शारीरिक रूप से फिट बीएसएफ कार्मिक, शारीरिक दूरी बरतते हुए मास्क और सैनिटाइज़र का उपयोग करने सहित सभी सावधानियों के साथ चौबीसों घंटे सीमा की रक्षा में लगे रहते हैं।

20,084 सेवारत कर्मियों को पहली खुराक लगाया गया

बीएसएफ ने अपने कर्मियों के टीकाकरण के लिए भी उचित उपाय किए हैं, जिसमें 20,084 सेवारत कर्मियों को पहली खुराक और 10,320 कर्मियों को दूसरी खुराक का टीका लगाया गया है। इसके अलावा, बीएसएफ के 31 सेवानिवृत्त कर्मियों और बीएसएफ कर्मियों के 132 परिवारों को अब तक टीका लगाया गया है।

सीमा क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों की भी मदद कर रही बीएसएफ

बीएसएफ जब भी आवश्यकता होती है, सीमा क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों की भी बढ़ -चढ़कर मदद करता रहा है। पिछले साल लॉकडाउन के दौरान चुनौतीपूर्ण महामारी की स्थिति में बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने बंगाल के सीमावर्ती आबादी को आवश्यक सहायता प्रदान की। स्वयं के संसाधनों से बीएसएफ के जवानों ने स्थानीय लोगों के साथ-साथ फंसे हुए लोगों को भोजन, दवा, सैनिटाइज़र, साबुन और मास्क प्रदान किया।

बीएसएफ के दृढ़ संकल्प के कारण ट्रांस बॉर्डर अपराध भी न्यूनतम स्तर पर पहुंचा

बीएसएफ के बहादुर जवानों के साहस और दृढ़ संकल्प के कारण, दक्षिण बंगाल बॉर्डर क्षेत्र में ट्रांस बॉर्डर अपराध भी न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है। कई बार जब ट्रांस बॉर्डर अपराधी पकड़े जाते हैं तो उनसे कानूनी कार्रवाई करते समय भी कोविड प्रोटोकोल का पूरा ध्यान रखना पडता है। सभी बाधाओं और चुनौतियों के बावजूद, दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के बीएसएफ कर्मी सीमा पर एक सच्चे प्रहरी के रूप में उच्च मनोबल और संकल्प के साथ सीमाओं की रखवाली कर रहे हैं। सभी बटालियनों में मौजूद अस्पताल और कम्पोजिट अस्पताल में उपस्थित मेडिकल स्टाफ कोविड-19 से प्रभावित जवानों का ईलाज बेहतर तरीके से करते हैं। 


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