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Bengal Election 2021: भाजपा के घोषणापत्र में महिलाओं, छात्रों, किसानों पर ध्यान, जानें TMC के घोषणापत्र से कितना अलग?

West Bengal Assembly Election 2021 टीएमसी और भाजपा के घोषणापत्र में महिलाओं छात्रों किसानों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। ऐसे में एक नजर डालते हैं कि घोषणा पत्र (संकल्प पत्र) के हिसाब से कौन किस पर भारी पड़ रहा है।

By Priti JhaEdited By: Published: Mon, 22 Mar 2021 02:31 PM (IST)Updated: Mon, 22 Mar 2021 03:19 PM (IST)
Bengal Election 2021: भाजपा के घोषणापत्र में महिलाओं, छात्रों, किसानों पर ध्यान, जानें TMC के घोषणापत्र से कितना अलग?
टीएमसी, भाजपा के घोषणापत्र में महिलाओं, छात्रों, किसानों पर ध्यान केंद्रित किया गया है

कोलकाता, एएनआई। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने रविवार को अपना चुनावी संकल्प पत्र जारी कर दिया है। संकल्प पत्र जारी करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तमाम वादे किए हैं। इससे पहले तृणमूल कांग्रेस भी अपना घोषणा पत्र जारी कर चुकी हैं। दोनों पार्टियों की लड़ाई अब घोषणा पत्र पर आ टिकी है। टीएमसी और भाजपा के घोषणापत्र में महिलाओं, छात्रों, किसानों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। ऐसे में एक नजर डालते हैं कि घोषणा पत्र (संकल्प पत्र) के हिसाब से कौन किस पर भारी पड़ रहा है। जानकारी हो कि बंगाल की सत्ता से ममता बनर्जी को उखाड़ फेंकने के लिए पूरी ताकत से जुटी भाजपा ने  विधानसभा चुनाव के लिए अपना संकल्प पत्र (घोषणा पत्र) जारी कर दिया है। 

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बड़ी घोषणाएं कर सबको साधने की कोशिश की है

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कोलकाता में संकल्प जारी करते हुए कहा कि इसका मुख्य विचार सोनार बांग्ला का निर्माण करना है। संकल्प पत्र में उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लागू करने से लेकर घुसपैठ रोकने सहित महिलाओं, युवाओं, किसानों समेत सभी वर्गों के लिए वादों की झड़ी लगा दी। इसके साथ बंगाली संस्कृति, अस्मिता, पर्यटन, खेल समेत हर क्षेत्र के लिए बड़ी घोषणाएं कर सबको साधने की कोशिश की है।

सरकारी परिवहन में महिला को मुफ्त यात्रा का लाभ मिलेगा

गृहमंत्री अमित शाह ने महिलाओं पर विशेष जोर देते हुए कहा कि बंगाल में भाजपा की सरकार बनती है तो राज्य सरकार की सभी नौकरियों में महिलाओं को 33 फीसद आरक्षण, सभी बेटियों के लिए केजी से लेकर पीजी तक की मुफ्त पढ़ाई के साथ सरकारी परिवहन में महिला को मुफ्त यात्रा का लाभ मिलेगा। पांच साल के भीतर प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को रोजगार और मंत्रिमंडल की पहली बैठक में सीएए को लागू किया जाएगा।

बंगाल को सोनार बांग्ला के रूप में परिवॢतत किया जाएगा

शाह ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ सभी किसानों को देने के साथ ही 75 लाख किसानों को जो 18 हजार रुपये तीन साल से ममता दीदी ने नहीं पहुंचाया है, वह भी सीधे किसानों को बैंक खाते में देंगे। इसके अलावा मछुआरों को हर वर्ष छह हजार रुपये दिए जाएंगे। शाह ने कहा कि भाजपा ने अपने घोषणा पत्र को हमेशा एक संकल्प पत्र के रूप में स्थान दिया है। उन्होंने कहा कि यह पार्टी का संकल्प है कि कैसे बंगाल को सोनार बांग्ला के रूप में परिवॢतत किया जाएगा।

'अन्नपूर्णा किचन' में तृणमूल के 'मां किचन' का अनुसरण किया 

वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा के संकल्प पत्र को जुमला करार दिया है। तृणमूल सांसद व पार्टी के वरिष्ठ नेता सौगत राय ने कहा कि भाजपा का संकल्प पत्र में जिन प्रकल्पों की बात की गई है, उनमें तृणमूल सरकार के प्रकल्पों का ही अनुसरण किया गया है। सौगत राय ने आगे कहा कि घोषणापत्र में पुरोहितों के कल्याण की बात कही गई है जबकि तृणमूल सरकार पहले से ही पुरोहितों की आर्थिक मदद करती आ रही है 'अन्नपूर्णा किचन' में तृणमूल के 'मां किचन' का अनुसरण किया गया है। महिलाओं की सुरक्षा की बात की जा रही है। इस समय उत्तर प्रदेश और असम में महिलाएं कितनी सुरक्षित हैं?

छोटे किसानों को सालाना 10 हजार रु प्रति एकड़ देने का एलान 

इधर, ममता बनर्जी ने छोटे किसानों को सालाना 10 हजार रुपये प्रति एकड़ देने का एलान किया है। दरअसल, दीदी कृषि कानूनों के खिलाफ चल किसान आंदोलन को अपने पक्ष में करने की कोशिश में हैं। इसके अलावा वह केंद्र की किसानों को छह हजार रुपये सालाना वाली योजना की काट भी निकालने का प्रयास कर रही हैं। ममता बनर्जी ने ओबीसी, दलित और आदिवासी परिवारों को सालाना 12 हजार रुपये देने का वादा किया है।

50 सीटों के नतीजों में उलटफेर की संभावना, जंगलमहल पर भी नजर

दरअसल, दीदी ने इस एलान से पूरी तरह जातिगत समीकरण साधने की कोशिश की है, क्योंकि भाजपा की नजर भी इसी वोट बैंक पर सबसे ज्यादा है। ममता बनर्जी ने महिष्य, तामुल, तेली और साहा जातियों को ओबीसी दर्जा देने के लिए टास्क फोर्स का गठन करने की बात कही है। इन जातियों का पूर्वी मिदनापुर, हावड़ा, हुगली, दक्षिण और उत्तर 24 परगना जिलों में खासा असर है। माना जा रहा है कि इस जाति कार्ड से 50 सीटों के नतीजों में उलटफेर हो सकता है। दरअसल, दीदी की नजर जंगलमहल इलाके पर भी है, जहां भाजपा काफी मजबूत मानी जा रही है।

सबसे बड़ा वादा घर-घर राशन पहुंचाने का, वादा घर-घर राशन पहुंचाने का

टीएमसी के घोषणा पत्र में विधवा महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपये देने का वादा किया गया है। इस तरह ममता बनर्जी ने महिला वोटों को अपने पाले में लाने की कोशिश की है। वहीं, ममता बनर्जी ने वादा किया है कि अगर उनकी सरकार सत्ता में लौटती है तो सामान्य वर्ग के परिवारों को सालाना 6000 रुपये दिए जाएंगे। इस स्कीम में एक करोड़ 60 लाख लोगों को फायदा पहुंचेगा। 

घर-घर राशन योजना से आम आदमी भी टीएमसी के साथ जुड़ सकता है

ममता बनर्जी ने टीएमसी के घोषणा पत्र में सबसे बड़ा वादा घर-घर राशन पहुंचाने का किया है। चुनाव की घोषणा होने से पहले ममता कोलकाता समेत कई जगह मां रसोई शुरू कर चुकी हैं, जहां गरीबों को पांच रुपये में भरपेट खाना दिया जा रहा है। माना जा रहा है कि मां रसोई का दांव दीदी को चुनावी फायदा दे सकता है। इसके अलावा घर-घर राशन योजना से आम आदमी भी टीएमसी के साथ जुड़ सकता है। 


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