West Bengal Assembly Election 2021: ममता के समर्थन में चुनाव प्रचार करेंगे सपा, राजद, एनसीपी और झामुमो नेता
West Bengal Assembly Election 2021 सियासत- कांग्रेस की पवार-तेजस्वी से अपील तृणमूल के लिए न करें चुनाव प्रचार महाराष्ट्र में एनसीपी तो झारखंड झामुमो के साथ सरकार में है कांग्रेस बंगाल विधानसभा चुनावों में भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों ने मोर्चाबंदी करने की पूरी तैयारी कर ली है।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल विधानसभा चुनावों में भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों ने मोर्चाबंदी करने की पूरी तैयारी कर ली है। तृणमूल कांग्रेस को समर्थन देने के साथ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम), समाजवादी पार्टी (सपा) और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ममता बनर्जी के लिए प्रचार भी करेंगे। ममता के लिए चुनाव प्रचार करने वालों की सूची में एनसीपी चीफ शरद पवार, झारखंड के मुख्यमंत्री जेएमएम अध्यक्ष हेमंत सोरेन, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव शामिल हैं। हालांकि इन नेताओं की मौजूदगी से कांग्रेस असहज हो गई है।
कांग्रेस नेता प्रदीप भट्टाचार्य ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार और राजद के तेजस्वी यादव को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने दोनों नेताओं से बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के लिए चुनाव प्रचार न करने की अपील की है। भट्टाचार्य ने अपने पत्र में लिखा है कि स्टार प्रचारक के तौर पर आपकी मौजूदगी से बंगाल के मतदाताओं में भ्रम की स्थिति पैदा होगी। ऐसे में आप तृणमूल कांग्र्रेस के लिए अपने प्रचार को टाल दें।
दरअसल, बिहार में आरजेडी और कांग्रेस एक-दूसरे के सहयोगी हैं, तो महाराष्ट्र में एनसीपी और कांग्रेस ने शिवसेना के साथ मिलकर आघाड़ी सरकार बनाई है। ऐसे में कांग्रेस की चिंता भी वाजिब है और वह चाहती है कि उसके दोनों सहयोगी, बंगाल में उनके विरोधी न नजर आएं। अन्य दलों को अपील करने वाली कांग्र्रेस भी तो केरल में वामदलों के खिलाफ है तो बंगाल में साथ-साथ। क्या इससे मतदाताओं को भ्रम उत्पन्न नहीं हो रहा है?
तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक शरद पवार ने प्रचार की तारीखें भी तय कर दी हैं। बंगाल में चुनाव को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ममता बनर्जी के बीच जंग माना जा रहा है। ऐसे में भाजपा विरोधी दल देशभर में ममता के समर्थन में उतरने लगे हैं। दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस-लेफ्ट और पीरजादा अब्बास सिद्दीकी गठबंधन को छोडक़र टीएमसी के साथ खड़े हो रहे हैं। यह गठबंधन भी तृणमूल के खिलाफ हमलावर है। हालांकि 2019 लोकसभा चुनाव से पहले भी यह नेता ममता के साथ एक मंच पर खड़े होकर भाजपा को हराने की अपील की थी। पर, परिणाम उलट आया था।