Nandigram Assembly Elections 2021: आखिर क्या संकेत दे रहा नंदीग्राम में बढ़ा वोट प्रतिशत!
चुनाव विश्लेषकों का अनुमान मतदाताओं ने पहले ही किसी एक को जिताने का मन बना लिया था यानी नंदीग्राम में जिसकी भी जीत होगी भारी वोट के अंतर से होगी। 2016 में नंदीग्राम सीट पर 87.48 प्रतिशत मतदान हुआ था जबकि इस बार 88.01 प्रतिशत मतदान हुआ है।
कोलकाता, विशाल श्रेष्ठ। बंगाल विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान भी हिंसक वारदातों के साथ संपन्न हो गया। इस चरण में सूबे के चार जिलों पूर्व व पश्चिम मेदिनीपुर, बांकुड़ा और दक्षिण 24 परगना की 30 सीटों के लिए कुल 85.59 फीसद वोट पड़े, जो पिछले दो विधानसभा चुनावों में इन सीटों के वोट प्रतिशत से कम है, लेकिन इससे इतर हाई वोल्टेज नंदीग्राम सीट पर नजर डालें तो वहां वोट प्रतिशत पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में बढ़ा है।
2016 में नंदीग्राम सीट पर 87.48 प्रतिशत मतदान हुआ था जबकि इस बार 88.01 प्रतिशत मतदान हुआ है। गौर करने वाली बात यह है कि नंदीग्राम में इस बार बेहद तनाव भरे माहौल में हिंसा के बीच मतदान हुआ। बूथों में गड़बड़ी, मतदाताओं और पोलिंग एजेंटों को डराने-धमकाने, राजनीतिक दलों में संघर्ष, अशांति के कारण मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीब दो घंटे एक बूथ में फंस जाने, भाजपा प्रत्याशी सुवेंदु अधिकारी के काफिले पर हमला समेत कई घटनाएं हुईं। कई मतदाताओं ने बाधा दिए जाने के कारण वोट नहीं दे पाने की भी शिकायत की, इन सबके बावजूद वहां इस बार वोट प्रतिशत बढ़ा है। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान नंदीग्राम में शांतिपूर्ण तरीके से मतदान हुआ था और उस समय तृणमूल प्रत्याशी रहे सुवेंदु अधिकारी ने एकतरफा जीत हासिल की थी। इस बार बेहद अशांति के बावजूद वोट प्रतिशत बढ़ा है। चुनाव विश्लेषक अपने-अपने तरीके से इसके मायने निकाल रहे हैं।
सुबल पाल का कहना है कि किसी सीट विशेष पर वोट प्रतिशत बढ़ने को आमतौर पर सत्ता पक्ष के खिलाफ माना जाता है लेकिन इसका कोई पुख्ता आधार नहीं है। ऐसा भी देखा गया है कि सत्ताधारी दल के उम्मीदवार वोट प्रतिशत बढ़ने पर पिछली बार की तुलना में ज्यादा वोट से जीते हैं।
कुछ चुनाव विश्लेषकों का मानना है कि नंदीग्राम में बढ़ा वोट प्रतिशत इस बात का संकेत देता है कि मतदाताओं ने पहले ही किसी एक को जिताने का मन बना लिया था यानी जिसकी भी जीत होगी, वह भारी वोट के अंतर से जीतेगा। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल छोड़कर भाजपा में शामिल हुए सुवेंदु अधिकारी, दोनों ही मतदान संपन्न होने के साथ अपनी-अपनी जीत का दावा कर चुके हैं।
वहीं कुछ चुनाव विश्लेषकों का कहना है कि जहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और सुवेंदु अधिकारी जैसे धाकड़ नेता आमने-सामने होंगे, वहां वोट प्रतिशत बढ़ना कोई बड़ी बात नहीं है। वैसे भी स्टार उम्मीदवारों वाली सीटों पर वोट प्रतिशत हमेशा ही ज्यादा देखने को मिलता है। इससे हार-जीत का अनुमान लगाना बेमानी होगी। ममता और सुवेंदु दोनों के ही बड़ी तादाद में समर्थक हैं इसलिए कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है।