ममता बनर्जी ने खुद स्वीकारा भ्रष्टाचार, अब पद पर बने रहने का नहीं है अधिकार : कैलाश विजयवर्गीय
प्रदेश भाजपा के केंद्रीय प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि ममता ने खुद स्वीकार किया है कि भ्रष्टाचार हुआ है तो ऐसी स्थिति में क्या उन्हें सरकार में बने रहने का अधिकार है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा तूफान एम्फन की सभी पीड़ितों को मदद नहीं मिलने की स्वीकृति के बाद भाजपा मुख्यमंत्री पर हमलावर हो गयी है। भाजपा के महासचिव व प्रदेश भाजपा के केंद्रीय प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि ममता ने खुद स्वीकार किया है कि भ्रष्टाचार हुआ है, तो ऐसी स्थिति में क्या उन्हें सरकार में बने रहने का अधिकार है। वह अगर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देती हैं, तो आने वाले चुनाव में जनता उन्हें हटा देगी।
श्री विजयवर्गीय ने कहा कि हम शुरू से कह रहे हैं कि राज्य सरकार न तो कोविड-19 को रोकने में सफल हुई है और न ही एम्फन से पीड़ित लोगों तक प्रधानमंत्री द्वारा भेजी गयी राशि ईमानदारी से पहुंचा पायी है। तृणमूल कांग्रेस के लोग दोनों ही स्थानों पर चाहे कोविड की लड़ाई हो या फिर तूफान से प्रभावित लोगों की देखरेख का मामला हो, तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सिर्फ अपनी चिंता की है और अपने कार्यकर्ताओं की चिंता की है। सरकारी पैसे का भ्रष्टाचार के माध्यम से अपने कार्यकर्ताओं का पॉकेट भरा है।
उन्होंने कहा कि पीड़ित लोग आज भी मारे-मारे फिर रहे हैं। इसलिए हमने प्रधानमंत्री से कहा था कि राज्य सरकार को पैसा देने से ममता जी इस पैसे का दुरुपयोग करेंगी। उनके कार्यकर्ता दुरुपयोग करेंगे और वास्तविक पीड़ित व्यक्ति के पास पैसा नहीं पहुंचेगा जो हमने कहा था, वह बिल्कुल साफ दिखायी दे रहा है। उन्होंने कहा कि बंगाल के अनेक जिलों में तृणमूल के कार्यकर्ता ही अपनी सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। इससे बड़ी अराजकता का उदाहरण और क्या हो सकता है। इसलिए ममता सरकार को न तो जान-माल की चिंता है और न जनता की चिंता है।
श्री विजयवर्गीय ने कहा कि कोविड की समस्या को लेकर सरकार को जितनी गंभीरता से काम करना चाहिए था, उतनी गंभीरता से काम नहीं किया। राज्य में अराजक माहौल बन गया है। इससे लोगों में डर है।साथ ही सरकार के प्रति भारी अविश्वास भी है।सरकार पूरी तरह से स्थिति को संभालने में असफल रही है।