West Bangal: विधानसभा उपचुनाव की मांग को लेकर कल दिल्ली में निर्वाचन आयोग से मिलेगा तृणमूल प्रतिनिधिमंडल
West Bangal TMC तृणमूल कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल कोरोना महामारी में सुधार के मद्देनजर बंगाल में सात विधानसभा सीटों के लिये लंबित चुनाव और उपचुनाव कराने की मांग को लेकर दिल्ली में निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से गुरुवार को मुलाकात करेगा।
राज्य ब्यूरो, कोलकाताः तृणमूल कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल कोरोना महामारी में सुधार के मद्देनजर बंगाल में सात विधानसभा सीटों के लिये लंबित चुनाव और उपचुनाव कराने की मांग को लेकर दिल्ली में निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से गुरुवार को मुलाकात करेगा। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नंदीग्राम से भाजपा प्रत्याशी सुवेंदु अधिकारी के हाथों विधानसभा चुनाव हार गई थीं। ऐसे में उपचुनाव उनके लिए बहुत महत्व रखते हैं।
संविधान के अनुसार यदि कोई व्यक्ति विधायक या सांसद नहीं है और वह मंत्रिपद पर आसीन होता है, तो उसके लिए छह महीने में विधानसभा या विधानपरिषद या संसद के दोनों सदनों में से किसी एक सदन का सदस्य बनना अनिवार्य है। यदि मंत्री ऐसा नहीं कर पाता है, तो छह महीने बाद वह पद पर नहीं बना रह सकता। ममता को मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए चार नवंबर तक विधायक बनना होगा। यही नहीं दो और मंत्री अमित मित्रा व शोभनदेव चट्टोपाध्याय को भी निर्वाचित होना होगा।
राज्यसभा में तृणमूल के मुख्य सचेतक सुखेंदु शेखर राय ने बुधवार को कहा,‘हम सात विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव और लंबित चुनाव कराने की मांग के साथ दिल्ली में कल गुरुवार को निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से मुलाकात करेंगे। जब कोविड-19 चरम पर था, तब विधानसभा चुनाव आठ चरणों में किए गए थे, लेकिन अब हालात काफी सुधर गए हैं। निर्वाचन आयोग उपचुनावों में देरी कर रहा है। क्या वह तीसरी लहर का इंतजार कर रहा है । हम चाहते हैं कि उपचुनाव जल्द से जल्द कराए जाएं।
दिनहाटा और शांतिपुर विधानसभा सीटें से विधायक बने भाजपा नेताओं निशीथ प्रामाणिक और जगन्नाथ सरकार ने इस्तीफा दे दिया था और सांसद बने रहने का फैसला किया था। प्रामाणिक को हाल में मंत्रिपरिषद विस्तार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार में शामिल किया गया है। राज्य के मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय के इस्तीफे के बाद ममता बनर्जी की परंपरागत सीट भवानीपुर खाली हो गई है। उन्होंने ममता के इस सीट से विधानसभा में चुने जाने का रास्ता साफ करने के लिए इस्तीफा दे दिया था।
तृणमूल प्रमुख ने अधिकारी के खिलाफ नंदीग्राम से चुनाव मैदान में उतरने का फैसला किया था, जिसके बाद पार्टी ने भवानीपुर से चट्टोपाध्याय को मैदान में उतारा था। कोविड-19 के कारण तृणमूल नेताओं काजल सिन्हा और जयंत नस्कर के निधन के कारण उत्तर और दक्षिण 24 परगना जिलों में क्रमश: खरदा और गोसाबा सीटों पर उपचुनाव अनिवार्य हो गया है। मुर्शिदाबाद में शमशेरगंज और जंगीपुर सीटों पर उम्मीदवारों की मौत के बाद चुनाव रद कर दिया गया था और बाद में कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण इसे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था।