West Bangal: सेना के विजय दिवस समारोह का आगाज, कोलकाता में चार दिनों तक चलेगा समारोह
1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर मिली ऐतिहासिक जीत के उपलक्ष्य में भारतीय सेना के पूर्वी कमान मुख्यालय की ओर से हर साल मनाए जाने वाला विजय दिवस समारोह का आगाज होगा।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर मिली ऐतिहासिक जीत के उपलक्ष्य में भारतीय सेना के पूर्वी कमान मुख्यालय की ओर से हर साल मनाए जाने वाला विजय दिवस समारोह का शुक्रवार को भव्य आगाज होगा। महानगर के प्रिंसेप घाट पर सेना की बैंड टुकड़ी द्वारा शानदार मिलिट्री बैंड कंसर्ट के साथ समारोह की शुरुआत होगी। शाम छह से साढ़े सात बजे तक प्रस्तुत किए जाने वाले बैंड कंसर्ट को आम लोग भी देख सकेंगे। आम से लेकर खास सभी के लिए यह खुला रहेगा।
पूर्वी कमान की ओर से बताया गया कि 13 से 16 दिसंबर तक कोलकाता में आयोजित होने वाले चार दिवसीय समारोह के दौरान विविध कार्यक्रम होंगे। इसके लिए काफी दिनों से तैयारी की गई है। समारोह में भाग लेने के लिए बांग्लादेश का 72 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भी शनिवार को कोलकाता पहुंच जाएगा, जिसमें 30 मुक्ति योद्धा व उनके परिवार के सदस्यों के अलावा छह वरिष्ठ सेना अधिकारी व अन्य होंगे।
14 व 15 दिसंबर को आरसीटीसी ग्राउंड में भव्य मिलिट्री टैटू का आयोजन होगा, जिसमें सेना के जांबाज हैरतअंगेज प्रदर्शन कर अपनी शौर्य का परिचय देंगे। दोनों दिन दोपहर ढाई से चार बजे तक आयोजित होने वाले मिलिट्री टैटू में हेलीकॉप्टर शो, घोड़ा दौड़, डॉग शो, मार्च पास्ट, मोटरसाइकिल करतब आदि का प्रदर्शन कर पराक्रमी योद्धाओं को श्रद्धांजलि दी जाएगी। इस भव्य कार्यक्रम को आम लोग भी देख सकेंगे, जिसका उन्हें सालभर इंतजार रहता है।
वहीं, 15 दिसंबर को फोर्ट विलियम में बांग्लादेश के मुक्ति योद्धाओं व 1971 युद्ध में भाग लेने वाले सेना के पुराने युद्धाओं के बीच मुलाकात व संवाद होगा। 15 दिसंबर को रेड रोड पर टाटा स्टील मैराथन का भी आयोजन किया जाएगा। वहीं, 16 दिसंबर को फोर्ट विलियम में विजय स्मारक पर 1971 के वीर योद्धाओं को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ समारोह का समापन होगा।
गौरतलब है कि 1971 में पाक पर मिली जीत भारतीय सेना व पूर्वी कमान के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि है। भारतीय सेना ने बांग्लादेश के मुक्ति योद्धाओं के साथ मिलकर पाकिस्तान पर ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी जिसके बाद बांग्लादेश का निर्माण हुआ। इसके बाद हर साल 16 दिसंबर को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस युद्ध में 93000 पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था।