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कोलकाता के मॉर्निंग वॉकर्स के लिए सुबह साढ़े पांच बजे से खुल जाएगा विक्टोरिया मेमोरियल गेट

गर्मियों के कारण सूर्योदय जल्दी होता है और वातावरण गर्म होने से पहले ही सुबह घूमना सुविधाजनक होता है। कोलकाता के मॉर्निंग वॉकर्स के लिए खुशखबरी है। विक्टोरिया मेमोरियल का गेट एक अप्रैल 2021 से सुबह 6 बजे के बजाय सुबह 5.30 बजे से खोल दिया गया है।

By Priti JhaEdited By: Published: Fri, 02 Apr 2021 09:00 AM (IST)Updated: Fri, 02 Apr 2021 09:00 AM (IST)
कोलकाता के मॉर्निंग वॉकर्स के लिए सुबह साढ़े पांच बजे से खुल जाएगा विक्टोरिया मेमोरियल गेट
कोलकाता का विक्टोरिया मेमोरियल गेट। कोलकाता के मॉर्निंग वॉकर्स के लिए खुशखबरी है।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। कोलकाता के मॉर्निंग वॉकर्स के लिए खुशखबरी है। विक्टोरिया मेमोरियल का गेट एक अप्रैल, 2021 से सुबह 6 बजे के बजाय सुबह 5.30 बजे से खोल दिया गया है। दरअसल कंसर्न फॉर कलकत्ता और मॉर्निंग वॉकर्स ने बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को ज्ञापन भेजा था जिसमें यह अनुरोध किया गया था कि सुबह मॉर्निंग वॉकर के लिए विक्टोरिया मेमोरियल का गेट खोलने का समय सुबह 6 बजे के बजाय 5.30 बजे होना चाहिए। क्योंकि गर्मियों के कारण सूर्योदय जल्दी होता है और वातावरण गर्म होने से पहले ही सुबह घूमना सुविधाजनक होता है।

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सोशल एक्टिविस्ट और कंसर्न फॉर कलकत्ता के को-ऑर्डिनेटर, नारायण जैन और केएस अधिकारी ने बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को जल्दी गेट खोलने के लिए अनुरोध स्वीकार करने के लिए धन्यवाद दिया है। एनजीओ के अध्यक्ष केएस अधिकारी और सामाजिक कार्यकर्ता नारायण जैन ने कहा है कि हमारे कई सदस्य नियमित मॉर्निंग वॉकर हैं और वे सुबह में विक्टोरिया मेमोरियल जाते हैं।

विक्टोरिया मेमोरियल गार्डन का रखरखाव पहले की तुलना में काफी बेहतर

नारायण जैन ने कहा है कि विक्टोरिया मेमोरियल गार्डन का रखरखाव पहले की तुलना में काफी बेहतर है। हालांकि इसे शहर के आगंतुकों के साथ-साथ विदेशियों सहित अन्य राज्यों से आने वाले पर्यटकों के लिए बेहतर रूप देने के लिए इसे और उन्नत बनाया जाना चाहिए। एम्फन के दौरान कई पेड़ गिर गए थे, इनकी प्रतिकृति की जरूरत है या जल्द से जल्द नए पेड़ लगाए जाने चाहिए। गिरे हुए पेड़ों की लकड़ी को जल्द से जल्द हटाने की व्यवस्था की जा सकती है।

बताते चलें कि 150 से अधिक मॉर्निंग वॉकर्स ने राज्यपाल को दिए गए ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया था। सज्जन पहाड़िया, शरत झुनझुनवाला, रजनी जैन, प्रियंका तापड़िया, रश्मि जैन, आनंद गुप्ता, कौशल्या जैन, राजेंद्र खंडेलवाल, पवन पहाड़िया, प्रतिभा सोनपाल और कई अन्य लोगों ने अभियान में सक्रिय रूप से मदद की। 


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