सूर्य ग्रहण देखने वाले सुरक्षित उपकरणों का करें उपयोग, आंखों को पहुंच सकती है गंभीर क्षति
सूर्य ग्रहण देखने वाले सुरक्षित उपकरणों का करें उपयोग खुली आंखों से ग्रहण देखने पर आंखों को पहुंच सकती है गंभीर क्षति।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। गुरुवार को देशभर में आंशिक सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। एक वरिष्ठ खगोल विज्ञानी का कहना है कि सूर्य ग्रहण देखने वाले लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए और उन्हें सुरक्षित उपकरणों तथा उपयुक्त तकनीकों का ही उपयोग करना चाहिए क्योंकि सूर्य की अवरक्त और पराबैंगनी किरणें आंखों को गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त कर सकती है।
कोलकाता के एमपी बिड़ला प्लेनेटोरियम के निदेशक देवी प्रसाद दुआरी के अनुसार, सूर्य ग्रहण तब होता है जब सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा आ जाता है तथा सूर्य पूरी तरह से या आंशिक रूप से ढक जाता है। उनके अनुसार, जब चंद्रमा का व्यास सूर्य से छोटा होता है और सूर्य के अधिकांश प्रकाश को ढक लेता है। इसके कारण सूर्य अग्नि की अंगूठी के समान दिखाई देता है।
दुआरी ने कहा कि सूर्य ग्रहण के दौरान किसी भी व्यक्ति को उचित सुरक्षा के बिना थोड़ी देर के लिए भी सीधे सूर्य की ओर नहीं देखना चाहिए। यहां तक कि जब सूर्य का 99 फीसद हिस्सा आंशिक ग्रहण के दौरान चंद्रमा द्वारा ढक लिया जाता है तब भी शेष प्रकाश आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है। उन्होंने कहा कि विकिरण से बचाव में सक्षम ऑप्टिकल घनत्व वाले सौर फिल्टर आंखों के लिए सुरक्षित हैं और उनका उपयोग इसे देखने के लिए करना चाहिए।
उन्होंने जोर देकर कहा कि नग्न आंखों से ग्रहण को नहीं देखना चाहिए। दुआरी ने कहा कि वेल्डर ग्लास संख्या 14 सौर फिल्टर के रूप में एक सुरक्षित सामग्री है। उनके अनुसार, सूर्य ग्रहण देखने की सबसे अच्छी विधि उपयुक्त सतह पर दूरबीन या पिनहोल कैमरा का उपयोग है। बता दें कि गुरुवार को सूर्य ग्रहण सऊदी अरब, कतर, संयुक्त अरब अमीरात, ओमान, भारत, श्रीलंका, मलेशिया, इंडोनेशिया, सिंगापुर, उत्तरी मारियाना द्वीप और गुआम में दिखाई देगा। भारत में दक्षिणी भाग में पूर्ण सूर्य ग्रहण का नजारा दिखेगा जबकि देश के बाकी हिस्से में आंशिक ग्रहण होगा।
भारत में कहां-कहां दिखेगा सूर्य ग्रहण?
ग्रहण की वलयाकार प्रावस्था का संकीर्ण गलियारा देश के दक्षिणी हिस्से में कुछ स्थानों यथा कन्नानोर, कोयंबटूर, कोझीकोड, मदुरई, मंगलोर, ऊटी, तिरुचिरापल्ली इत्यादि से होकर गुजरेगा। भारत में वलयाकार सूर्य ग्रहण के समय सूर्य का करीब 93 फीसदी हिस्सा चांद से ढका रहेगा।