केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत बोले- बंगाल में उद्योग के लिए नहीं है स्वस्थ वातावरण
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) ने कहा भाजपा सत्ता में आएगी तो यहां औद्योगिक क्रांति के साथ सोनार बांग्ला बनाएगी। बंगाल में उद्योग के लिए स्वस्थ वातावरण नहीं है। छोटे उत्पादकों को सपोर्ट देने के लिए केंद्र सरकार काम कर रही है।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि बंगाल में उद्योग विकास के लिए जमीन, श्रमिक, जूट, औद्योगिक सोच सहित सब कुछ है, लेकिन उद्योग विकास का स्वस्थ वातावरण नहीं है। यही वजह है कि समुद्री किनारे पर बसा कोलकाता अंग्रेजी शासन से लेकर 1960-70 तक वित्तीय राजधानी था, लेकिन वामदल, कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के 50 साल के शासनकाल में जिस तरह से उद्योगों को रोका गया, उससे स्थिति बिगड़ गई। पहले मुंबई वित्तीय राजधानी बनी और फिर दिल्ली के अलावा चेन्नई, बेंगलूरु सहित तमाम महानगर कोलकाता से आगे निकल गए। मैं बंगाल के लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि भाजपा सत्ता में आएगी तो यहां औद्योगिक क्रांति के साथ सोनार बांग्ला बनाएगी।
राजधानी में 'बंगाल का भविष्य' विषय पर आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री ने कहा कि एमएसएमई सेक्टर भारतीय अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा योगदान देता है। इसके विकास के लिए केंद्र सरकार ने ऑनलाइन प्लेटफार्म बनाया, जिसमें सबकुछ मिलता है। सरकारी एजेंसियां सीधे इस प्लेटफार्म से खरीदारी करती हैं। छोटे उत्पादकों को सपोर्ट देने के लिए केंद्र सरकार काम कर रही है, लेकिन बंगाल में प्रधानमंत्री की योजनाओं को लागू नहीं होने दिया जा रहा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हम सिर्फ आरोप लगाने के लिए नहीं, बल्कि खुद से प्रतियोगिता को आधार बनाकर जनकल्याण के काम करते हैं। पहले नोटबंदी, जीएसटी और फिर कोविड-19 के मामले में विपक्ष ने आरोप लगाए, जबकि दुनिया ने देखा कि 136 करोड़ की बड़ी आबादी के बावजूद हमने न सिर्फ बीमारी को नियंत्रित किया, बल्कि सबसे पहले वैक्सीन बनाने वाले देशों में शामिल हुए। अभी तक 15 देशों को हम वैक्सीन दे चुके हैं। कोरोना से दुनिया के देशों की अर्थव्यवस्थाएं प्रभावित हुईं, लेकिन हमारी तेजी से आगे बढ़ रही है। शेखावत ने कहा कि पश्चिम बंगाल ऐसा राज्य है, जहां सबसे अधिक मामले ऐसे होते हैं, जिस पर पुलिस कार्रवाई नहीं करती। यहां बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। देशभर में पक्के मकान बनाए जा रहे हैं, जबकि बंगाल की हालत बहुत खराब है।
कहां किस चीज की जरूरत, तैयार की सूची
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दुनिया में कौन सा देश क्या इस्तेमाल करता है और कहां से आयात करता है, इसका डाटा बनाने का काम हमने किया है। प्रधानमंत्री के निर्देश पर मैंने यह डाटा जुटाया था। अगर इस डाटा को एक जगह रखकर उद्योग की सोचें तो बिलियन डॉलर की कंपनी बना सकती है। आप समझ सकते हैं कि देश में उद्योगों को बढ़ाने और रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए कोई सरकार किस स्तर तक काम कर सकती है। ये सूची स्थानीय स्तर पर उद्योगों को बढ़ाने के अलावा लोकल प्रोडक्ट को ग्लोबल बनाने में काम आएगी।
जल जीवन मिशन में बंगाल पीछे
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले से 15 अगस्त 2019 को जल जीवन मिशन का ऐलान किया था। हमने सवा साल में 35 फीसदी ग्रामीण घरों तक नल से जल पहुंचाया है, लेकिन पश्चिम बंगाल की स्थिति ऐसी है कि केंद्र सरकार ने 1000 करोड़ रुपए 2019 में दिए थे, वो आज तक खत्म नहीं हुए हैं। बंगाल में सवा साल में महज 5000-6000 हजार घरों में नल से जल का कनेक्शन दे पाए हैं। यहां मात्र 6.8 फीसदी घरों को नल से जल मिलता है।