Saradha Chit Fund Scam: टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष के पत्र का केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दिया जवाब
Saradha Chit Fund Scam सारधा चिटफंड घोटाले में आरोपित व तृणमूल कांग्रेस प्रवक्ता कुणाल घोष द्वारा लिखे गए पत्र का अमित शाह ने जवाब दिया है। कुणाल घोष ने इसकी जानकारी दी। कुणाल ने अमित शाह को पत्र लिखकर सारधा मामले की ठीक तरीके से जांच की मांग की थी।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। अरबों रुपये के सारधा चिटफंड घोटाले में आरोपित व तृणमूल कांग्रेस प्रवक्ता कुणाल घोष द्वारा लिखे गए पत्र का केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जवाब दिया है। कुणाल घोष ने खुद इसकी जानकारी दी। कुणाल ने अमित शाह को पत्र लिखकर सारधा मामले की ठीक तरीके से जांच की मांग की थी। इसके जवाब में केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा है कि इस पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। कुणाल ने यह पत्र सारधा समूह के प्रमुख व चिटफंड घोटाले के मुख्य आरोपित सुदीप्त सेन के पत्र के परिप्रेक्ष्य में लिखा था। सुदीप्त सेन ने बंगाल विधानसभा चुनाव से कुछ सप्ताह पहले जेल से ही न्यायाधीश को पत्र लिखकर सुवेंदु अधिकारी, मुकुल राय समेत कई व्यक्तियों पर सारधा के निवेशकों के रुपये लूटने का आरोप लगाया था।
इससे पहले 2013 में सारधा समूह के बंद होने से कुछ दिन पहले भी सुदीप्त ने सीबीआइ को एक पत्र लिखा था, हालांकि बाद में सुदीप्त ने दावा किया था कि वह पत्र उससे मुकुल राय ने जोर-जबरदस्ती लिखवाया था, इसलिए वे नए सिरे से न्यायाधीश को पत्र लिख रहे हैं। कुणाल ने कहा कि सुदीप्त के हालिया पत्र के साथ उन्होंने कुछ और तथ्य जोड़कर अमित शाह से मामले की सही तरीके से जांच का आवेदन किया था। उस पत्र का उन्होंने जवाब देते हुए कहा है कि मामले पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। गौरतलब है कि सुवेंदु अधिकारी तृणमूल छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुके हैं और वर्तमान में बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं, वही मुकुल राय भाजपा छोड़कर तृणमूल में लौट आए हैं और बंगाल विधानसभा की लोक लेखा समिति के चेयरमैन भी हैं।
गौरतलब है कि कभी अरबों का मालिक रहा सारधा समूह के प्रमुख सुदीप्त सेन के पास आज अपनी जमानत कराने तक के रुपये नहीं हैं। सारधा चिटफंड घोटाले में सुदीप्त सेन पिछले आठ वर्षों से जेल हिरासत में है। उसके खिलाफ विभिन्न अदालतों में चार मामले चल रहे हैं, जिनमें से तीन में उसे जमानत मिल गई है। अदालत की ओर से सुदीप्त सेन को व्यक्तिगत मुचलके के तौर पर 30,000 रुपये जमा कराने को कहा गया है लेकिन उसके पास इतने रुपये नहीं हैं। सुदीप्त सेन के अधिवक्ता ने कहा कि वे उसे 1980 से जानते हैं। उसकी पारिवारिक स्थिति बहुत खराब हो गई है। उसकी दो पत्नियां व बच्चे हैं। सभी आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। सारे रिश्तेदारों ने उससे नाता तोड़ लिया है। गौरतलब है कि सुदीप्त सेन के खिलाफ सीबीआइ की तरफ से दो मामले किए गए हैं।दोनों मामले अलीपुर अदालत में विचाराधीन हैं। एक अन्य मामला बिधाननगर अदालत में चल रहा है जबकि चौथा मामला बैंकशाल कोर्ट में चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में है।