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चिंताजनक: कोलकाता के पूजा पंडालों में उमड़ रही बेकाबू भीड़, कोरोना की पाजिटिविटी रेट में हुई वृद्धि

कोरोना को लेकर बेखौफ हैं लोग अधिकारियों व स्वास्थ्य विशेषज्ञों को चिंता- कहीं यह सुपर स्प्रेडर न बन जाए कोरोना प्रोटोकाल की लगातार उड़ रही हैं धज्जियां नए मामलों में वृद्धि विशेषज्ञों ने अंदेशा जताया है कि कुंभ की तरह दुर्गा पूजा भी सुपर स्प्रेडर साबित हो सकती है।

By Priti JhaEdited By: Published: Wed, 13 Oct 2021 01:35 PM (IST)Updated: Wed, 13 Oct 2021 01:36 PM (IST)
चिंताजनक: कोलकाता के पूजा पंडालों में उमड़ रही बेकाबू भीड़, कोरोना की पाजिटिविटी रेट में हुई वृद्धि
कोलकाता के पूजा पंडालों में उमड़ रही बेकाबू भीड़

राज्य ब्यूरो, कोलकाता । बंगाल में चतुर्थी के दिन से ही राजधानी कोलकाता के साथ जिलों में दुर्गा पूजा पंडाल देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है। मंगलवार को महासप्तमी के अवसर पर भी कोलकाता की सड़कों पर जनसमुद्र उमड़ पड़ा।पंडालों में उमड़ रही हजारों हजार की भीड़ से कोरोना प्रोटोकाल की लगातार धज्जियां उड़ रही है। इसका असर कोरोना संक्रमण के मामले पर पड़ता दिख रहा है। राज्य में पिछले 24 घंटे में कोरोना की पाजिटिविटी रेट में इजाफा हुआ है और यह 2.32 से बढ़कर 2.56 हो गया है। नए मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। सोमवार को जहां राज्य में 606 नए मामले आए थे, वहीं मंगलवार को इसकी संख्या बढ़कर 768 हो गई और पिछले 24 घंटे में कोविड से 10 मरीजों की मौत भी हुई है।

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इधर, कोरोना के बढ़ते मामलों ने राज्य प्रशासन और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंताएं भी बढ़ा दी है। बीते कुछ दिनों से धीरे-धीरे ही सही कोलकाता और आसपास के जिलों में कोरोना के मरीजों की संख्या जिस प्रकार बढ़ने लगी है, विशेषज्ञों ने अंदेशा जताया है कि हरिद्वार के कुंभ की तरह इस बार दुर्गा पूजा भी सुपर स्प्रेडर साबित हो सकती है। दरअसल, राज्य सरकार और कलकत्ता हाई कोर्ट ने बीते साल की तरह इस साल भी आयोजकों को कोरोना से संबंधित पाबंदियों का पालन करने का निर्देश दिया है, लेकिन एकाध पंडाल के अलावा तमाम जगहों पर सरेआम कोरोना प्रोटोकाल की धज्जियां उड़ रही हैं। यहां तक कि राज्य सरकार की बार-बार अपील व तीसरी लहर को लेकर विशेषज्ञों द्वारा बार-बार आगाह किए जाने के बावजूद पंडाल में घूमने वाले अधिकतर लोग मास्क तक का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं, शारीरिक दूरी का पालन करना तो दूर की बात है। गौरतलब है कि हाई कोर्ट के निर्देश के अनुसार वैक्सीन की दोनों डोज लेने वाले को ही पंडाल के भीतर प्रवेश की अनुमति है। लेकिन इतनी भीड़ में कौन किसका सर्टिफिकेट देखता है। इन पंडालों में पहुंचने वाली भीड़ में शारीरिक दूरी का तो कोई सवाल ही नहीं है। सेल्फी खींचने में जुटे लोग मास्क की भी परवाह नहीं कर रहे।

विशेषज्ञ चिंतित

इधर, सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि कोलकाता में फिर से कोविड का ग्राफ बढ़ने लगा है और लोगों को सावधान रहना चाहिए। एक वरिष्ठ जन-स्वास्थ्य विशेषज्ञ, जो राज्य सरकार की कोविड विशेषज्ञ समिति के सदस्य भी हैं, कहते हैं, कोविड मामलों में धीमी लेकिन स्थिर वृद्धि हो रही है। लेकिन लोगों का डर खत्म हो गया है। इससे संक्रमण की एक नई लहर पैदा कर सकता है जो विनाशकारी होगी। उनका कहना है कि पुलिस या प्रशासन सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकते। लोगों को खुद ही सतर्क रहना होगा। वहीं, वेस्ट बंगाल डाक्टर्स फोरम और हेल्थ सर्विसेज एसोसिएशन ने लोगों से कोरोना प्रोटोकाल का कड़ाई से पालन करने की अपील की है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ डा रचना मजूमदार कहती हैं, बीते साल की दुर्गा पूजा के दौरान लोग डरे हुए थे और बेहद अनुशासित रवैया अपना रहे थे, लेकिन इस साल उनके संयम का बांध टूट गया है। बता दें कि इस बार राज्य सरकार ने दुर्गा पूजा के दौरान 10 से 20 अक्बर तक रात के कर्फ्यू में ढील दे दी है। नतीजतन पूरी रात सड़कों और पंडालों में लोगों का ज्वार उमड़ रहा है।

लगाम का असर नहीं

इधर, संक्रमण रोग विशेषज्ञ डा अरिंदम विश्वास कहते हैं, सरकार और हाई कोर्ट की सलाह और पाबंदियों के बावजूद आम लोगों पर इसका कोई असर नहीं नजर आ रहा है। ज्यादातर लोग न तो मास्क पहन रहे हैं और न शारीरिक दूरी का पालन कर रहे हैं। वायरोलाजिस्ट सिद्धार्थ जोआरदार सवाल करते हैं, पूजा के दौरान पाबंदियों में दी गई ढील कहीं बड़े खतरे को न्योता तो नहीं देगी? वैक्सीन के बावजूद संक्रमण का खतरा तो है ही। एक अन्य विशेषज्ञ अमिताभ सरकार कहते हैं, दुर्गा पूजा अगर सुपर स्प्रेडर साबित हुई तो संक्रमितों की तादाद तो तेजी से बढ़ेगी ही, नया वेरिएंट भी पैदा हो सकता है। बता दें कि बंगाल में अब तक 1.81 करोड़ लोगों को ही वैक्सीन की दोनों डोज लगी है। 


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