बीएसएफ जवान को पीटने के आरोप में दो तृणमूल नेता गिरफ्तार, कुछ घंटों में ही मिल गई जमानत
जवान के घरवाले व स्थानीय लोग पुलिस की भूमिका को लेकर नाराज। आरोप-पुलिस ने जानबूझकर कमजोर धाराओं के तहत केस दर्ज किया। कुपवाड़ा में तैनात बीएसएफ जवान छुट्टी पर अपने घर आया था। तृणमूल नेताओं को बचाने को अधीर रंजन चौधरी ने की पुलिस की आलोचना।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के कांदी इलाके में 11 दिसंबर को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक जवान की कथित तौर पर पिटाई व उसपर हमले के मामले में पुलिस ने दो स्थानीय तृणमूल नेताओं को गिरफ्तार किया। हालांकि गिरफ्तारी के 18 घंटे के भीतर ही दोनों आरोपितों को मंगलवार को जमानत मिल गई। इसके बाद से पुलिस की भूमिका पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। जवान के घरवालों एवं स्थानीय लोगों ने तृणमूल नेताओं को जमानत मिलने पर नाराजगी जाहिर की है।
आरोप-पुलिस ने जानबूझकर कमजोर धाराओं के तहत केस दर्ज किया
उनका आरोप है कि सत्ताधारी दल से जुड़े होने के कारण पुलिस ने जानबूझकर कमजोर धाराओं के तहत केस दर्ज किया, जिसके कारण तृणमूल नेताओं को जमानत मिल गई। गौरतलब है कि जवान के घरवालों ने कथित तौर पर पीटने वाले तृणमूल कांग्रेस के नेताओं व कार्यकर्ताओं के खिलाफ सोमवार को स्थानीय थाने में लिखित में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद पुलिस ने दो नेताओं को गिरफ्तार किया था।
कुपवाड़ा में तैनात बीएसएफ का जवान छुट्टी पर अपने घर आया था
इससे पहले पुलिस पर घटना के बाद इस मामले में कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगा था। गौरतलब है कि 11 दिसंबर को मुर्शिदाबाद के कांदी इलाके में तृणमूल कार्यकर्ताओं ने एक जुलूस निकाला था। आरोप है कि इसी दौरान कुछ तृणमूल कार्यकर्ताओं ने बीएसएफ जवान विश्वजीत साहनी (32) पर हमला कर दिया और उन्हें जमकर पीटा। जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में तैनात बीएसएफ जवान फिलहाल छुट्टी पर अपने घर आया था।
तृणमूल नेताओं को बचाने को लेकर चौधरी ने की पुलिस की आलोचना
पीडि़त जवान फिलहाल अस्पताल में भर्ती है जहां उसका इलाज चल रहा है। बता दें कि इससे पहले मुर्शिदाबाद के बेरहमपुर से सांसद व लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी सहित जिला भाजपा के नेताओं ने अस्पताल जाकर घायल जवान का हाल-चाल लिया था। अधीर ने घटना में लिप्त तृणमूल नेताओं को बचाने को लेकर सार्वजनिक रूप से पुलिस की कड़ी आलोचना की थी।