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रेमडेसीविर इंजेक्शन के नाम पर मजबूर लोगों को ठगने वाले गिरोह के दो सदस्य पुलिस के हत्थे चढ़े

महिला डॉक्टर को यह इंजेक्शन उपलब्ध कराने के नाम पर छह हजार की ठगी की थी। मजबूर असहाय लोगों को रेमडेसीविर इंजेक्शन उपलब्ध करने के नाम पर लूटने वाले गिरोह का चंदननगर कमिश्नेट की पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने इस गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है।

By Priti JhaEdited By: Published: Fri, 07 May 2021 09:00 AM (IST)Updated: Fri, 07 May 2021 09:00 AM (IST)
रेमडेसीविर इंजेक्शन के नाम पर मजबूर लोगों को ठगने वाले गिरोह के दो सदस्य पुलिस के हत्थे चढ़े
रेमडेसीविर इंजेक्शन के नाम पर मजबूर लोगों को ठगने वाले गिरोह

कोलकता, राज्य ब्यूरो। पूरा देश आज कोरोना महामारी से जूझ रहा है, लेकिन ऐसे समय में भी इस बीमारी के इलाज की दवाई एवं इंजेक्शन के नाम पर कुछ लोग जालसाजी करके लोगों को लूट रहे है। ऐसे ही मजबूर एवं असहाय लोगों को रेमडेसीविर इंजेक्शन उपलब्ध करने के नाम पर लूटने वाले गिरोह का चंदननगर कमिश्नेट की पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने इस गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है।

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आरोप है कि कोरोना के रेमडेसीविर इंजेक्शन के नाम पर यह गिरोह लोगों को लुट रहा था। जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र की रहने वाली डाक्टर विभा अग्रवाल को कोरोना संक्रमित मरीज के इलाज के लिए रेमडेसीविर इंजेक्शन की जरूरत थी। उनके पास व्हाट्सएप ग्रुप में एक नंबर आया था। उस मैसेज में रेमडेसीविर इंजेक्शन उपलब्ध कराने की बात लिखी थी। डॉक्टर विभा अग्रवाल ने मैसेज में दिए गए नंबर पर संपर्क किया। जिस नंबर पर उन्होने फोन किया था, उस व्यक्ति ने छह हजार रुपये में दो इंजेक्शन देने की बात कहीं थी।

इंजेक्शन लेने के लिए पेटीएम के जरिए विभा अग्रवाल ने उनके अकाउंट में छह हजार रुपये ट्रांसफर किए। रुपये ट्रांसफर होने के बाद से इंजेक्शन उपलब्ध करने वाले गिरोह ने अपना फोन बंद कर दिया। कुछ घंटों तक फोन बंद होने के बाद पेटीम डिटेल के जरिए डॉक्टर विभा अग्रवाल ने देखा कि उनके द्वारा दिए गए रुपये पश्चिम बंगाल के बैंडल स्टेट बैंक ब्रांच में ट्रांसफर हुआ है। इसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत चंदननगर पुलिस कमिश्नरेट में कराई। चंदननगर कमिश्नरेट की खुफिया विभाग की टीम ने इस घटना की तहकीकात करनी शुरू की।

पुलिस ने तफ्तीश के दौरान सर्वप्रथम हावड़ा के दासनगर से इस गिरोह के मुख्य आरोपित अमन सिंह को गिरफ्तार किया। अमन से पूछताछ करने के बाद इस गिरोह के एक और सदस्य सुमन नाथ भी पुलिस के हत्थे चढ़ गया। इनके पास से पुलिस ने 90 हजार रुपये, मोबाइल फोन तथा कुछ फर्जी सिम कार्ड भी बरामद किए हैं। पुलिस का कहना है इस महामारी के दौर में लोगों की मजबूरी का पूरा फायदा उठाकर यह दोनों इंजेक्शन के नाम कई लोगों को लूटा है।

पुलिस ने इन्हे कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने दोनों आरोपित को सात दिनों तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। खुफिया विभाग के अधिकारी का कहना है जब से कोरोना की दूसरी लहर पूरे देश में फैली है, उसके बाद से ही ये दोनों बंगाल एवं अन्य राज्यों के कई लोगों को इंजेक्शन उपलब्ध कराने के नाम पर लुटे हैं। पुलिस मामले की जांच में जुटी है। 


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