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कोलकाता में कोविड संक्रमण से महिला गायनोकोलॉजिस्ट सहित दो डॉक्टरों की मौत

Coronavirus Death News वेस्ट बंगाल डॉक्टर्स फोरम की ओर से मिली जानकारी के अनुसार कोलकाता में कोरोना संक्रमण के कारण महिला गायनोकोलॉजिस्ट सहित दो डॉक्टरों की मौत हो गई।40 साल की उम्र में दिवंगत स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. रश्मि खंडेलवाल लगातार 10 दिनों से वेंटिलेशन पर थीं।

By Babita KashyapEdited By: Published: Sat, 29 May 2021 07:12 AM (IST)Updated: Sat, 29 May 2021 07:12 AM (IST)
कोलकाता में कोविड संक्रमण से महिला गायनोकोलॉजिस्ट सहित दो डॉक्टरों की मौत
कोरोना वायरस के संक्रमण से महिला गायनोकोलॉजिस्ट डॉक्टर सहित दो डॉक्टरों की मौत

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। कोरोना वायरस के संक्रमण से महिला गायनोकोलॉजिस्ट डॉक्टर सहित दो डॉक्टरों की मौत हो गई। वेस्ट बंगाल डॉक्टर्स फोरम की ओर से इसकी जानकारी दी गई। जानकारी के मुताबिक 40 साल की उम्र में दिवंगत स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. रश्मि खंडेलवाल लगातार 10 दिनों से वेंटिलेशन पर थीं। आखिरकार युवा डॉक्टर ने शुक्रवार को मेडिका सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में अंतिम सांस ली।

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रश्मि खंडेलवाल ने नेशनल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल से एमबीबीएस पास किया था। इसके बाद मेडिकल कॉलेज व अस्पताल से एमडी किया था। वह कोलकाता के एक निजी नर्सिंग होम में प्रसिद्ध स्त्री रोग विशेषज्ञथीं। उन्हें एलर्जी की समस्या थी। इसके डर से शायद उन्होंने कोविड-19 का टीका नहीं लिया था।

वेस्ट बंगाल डॉक्टर्स फोरम ने 40 साल की उम्र में रश्मि खंडेलवाल के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। फोरम ने अफसोस जताया कि अगर रश्मि खंडेलवाल को समय पर टीका लगाया गया होता, तो शायद ऐसा परिणाम नहीं होता। दूसरी तरफ डॉ. अशोक कुमार ब्रह्म की मौत भी कोविड से ठीक होने के बाद हो गई। उन्हें 13 मई को खांसी, सांस लेने में तकलीफ और ऑक्सीजन में गिरावट के साथ भर्ती करवाया गया था।

रेमडिसिविर, स्टेरॉयड और ब्लड थिनर के साथ बहुत अच्छी प्रतिक्रिया दी। इलाज के बाद आरटी पीसीआर किया गया जो निगेटिव आया। इसके बाद उन्हें फिर से बुखार आ गया। इस बार इलाज के साथ कोई प्रतिक्रिया उन्होंने नहीं दी। 24 मई को उनका निधन हो गया। वह एनआरएस मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के पूर्व छात्र थे। उत्तर दिनाजपुर जिला परिषद में चिकित्सा अधिकारी के पद पर कार्य किया। उन्होंने लगभग तीन दशकों तक गृहनगर रायगंज में अभ्यास किया, जिसे उन्होंने इस कोविड अवधि के दौरान जारी रखा। वह अपने विनम्र व्यवहार के लिए बहुत प्रसिद्ध थे। वह केवल 50 रुपये शुल्क लेते थे। स्थानीय स्वयंसेवी संगठन से भी वह जुड़े थे।


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