कोलकाता की दुर्गा पूजा में पश्तो भाषा में गाना गाएंगे दो अफगानी पख्तून, गीतों का बंगाली अनुवाद चलाने की योजना
उत्तर कोलकाता में रहने वाले अफगानिस्तान के दो लोग पूजा समिति के आग्रह पर दुर्गा पूजा में उनके लिए गीत गाएंगे। पूजा समिति के प्रवक्ता स्वरूप नाग ने बताया कि तालिबान के काबुल पर कब्जा करने की खबरों के बीच अश्विनीनगर बंधु महल क्लब ने दो पख्तूनों से संपर्क किया
राज्य ब्यूरो, कोलकाताः उत्तर कोलकाता में रहने वाले अफगानिस्तान के दो लोग पूजा समिति के आग्रह पर दुर्गा पूजा में उनके लिए गीत गाएंगे। पूजा समिति के प्रवक्ता स्वरूप नाग ने बताया कि तालिबान के काबुल पर कब्जा करने की खबरों के बीच अश्विनीनगर बंधु महल क्लब ने दो पख्तूनों से संपर्क किया, जो धन ब्याज पर देने के अपने कारोबार के अलावा खाली समय में गाना गाते हैं।
उन्होंने कहा कि हम अफगानिस्तान में अपने दोस्तों को भाईचारे और एकजुटता का संदेश देना चाहते थे। हम शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का संदेश देना चाहते हैं जो हमारी विदेश नीति की पहचान है। लेक टाउन, केस्टोपुर, बागुईआटी और दमदम पार्क इलाके में पूजा के 40 वें वर्ष में मुख्य संगीत अफगान लोक धुन और पश्तो भाषा में होगा। उन्होंने कहा कि हम बीच-बीच में गीतों का बंगाली अनुवाद चलाने की योजना बना रहे हैं।
संगीतकार सम्राट भट्टाचार्य ने कहा कि उन्होंने कुछ पख्तूनों (बंगाल में काबुलीवाला कहा जाता है) को एक बार शहर में गाते हुए सुना तब से वे उनके दिमाग में था। जब क्लब द्वारा संपर्क किया गया तो ये बातें उनके दिमाग में आईं और उन्हें अफगानिस्तान के इन गायकों को पहाड़ी इलाकों में गूंजने वाली धुनों पर उनकी भाषा के कुछ गीतों को आवाज देने के लिए राजी किया, हालांकि इस में कुछ कठिनाई भी हुई। संगीत की धुनें पंडाल में आने वाले दर्शकों और आस-पड़ोस के लोगों के दिल को छू लेंगी और उन्हें युद्ध से तबाह अफगानिस्तान के साथ एक होने का एहसास कराएंगी।