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बंगाल में ट्रक हड़ताल से राज मार्गो पर लगा भीषण जाम, बढ़ सकते हैं खाद्य सामग्रियों के दाम

पुलिसिया जुल्म व ओवरलोडिंग के खिलाफ तथा विभिन्न मांगों को लेकर बंगाल में 19 अगस्त से ट्रक मालिक मालिकों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 20 Aug 2019 02:41 PM (IST)Updated: Tue, 20 Aug 2019 02:49 PM (IST)
बंगाल में ट्रक हड़ताल से राज मार्गो पर लगा भीषण जाम, बढ़ सकते हैं खाद्य सामग्रियों के दाम
बंगाल में ट्रक हड़ताल से राज मार्गो पर लगा भीषण जाम, बढ़ सकते हैं खाद्य सामग्रियों के दाम

कोलकाता, जागरण संवाददाता। पुलिसिया जुल्म व ओवरलोडिंग के खिलाफ तथा विभिन्न मांगों को लेकर बंगाल में 19 अगस्त से ट्रक मालिक मालिकों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की है आज हड़ताल का दूसरा दिन है। जानकारी के मुताबिक राज्य में करीब आठ लाख ट्रक बंद है। जानकारों का कहना है कि अगर ट्रक हड़ताल लंबी चली तो इसका रोजमर्रा की खाद्य सामग्रियों के दाम पर व्यापक असर पड़ सकता है

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फेडरेशन आफ वेस्ट बंगाल ट्रक ऑपरेटर्स एसोसिएशन ने यह हड़ताल बुलाई है। एसोसिएशन के महसचिव सुभाष चंद्र बोस ने बताया कि सरकार की उदासीनता के करण बाध्य होकर एसोसिएशन ने हड़ताल का रास्ता अख्तियार किया है 

जानकारी के मुताबिक पुलिसिया जुल्म व ओवर लोडिंग सहित अन्य कई मांगों को लेकर फेडरेशन ऑफ वेस्ट बंगाल ट्रक ऑपरेटर्स एसोसिएशन की ओर से आहूत अनिश्चितकालीन ट्रक हड़ताल के दूसरे दिन मंगलवार को राज्य भर में इसका असर देखने को मिला और जगह-जगह चक्का जाम होने के कारण स्थानीय लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में खासा परेशानियों का सामना करना पड़ा।

वहीं दिल्ली व बांबे हाई-वे पर ट्रक मालिकों व चालकों ने चक्का जाम कर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान हावड़ा, हुगली, नदिया, बीरभूम, बांकुड़ा, ब‌र्द्धमान, आसनसोल समेत राज्य भर में ट्रक मालिकों ने सेवा ठप कर अपना विरोध जताया।

प्रदर्शन कर रहे ट्रक मालिकों ने कहा कि आए दिन ओवर लोडिंग और पुलिसिया अत्याचार से वे आजिज आ चुके हैं और लाख शिकायतों के बावजूद इस दिशा में कदम न उठाए जाने की सूरत में हम आंदोलन को मजबूर है। हालांकि हड़ताल से सबसे अधिक प्रभावित हम ही होंगे, लेकिन पेश आ रही समस्या के स्थायी समाधान को यह जरूरी है, सो हमारा यह हड़ताल तब तक जारी रहेगी जब तक की समस्याओं के स्थायी समाधान की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाते हैं।

हड़ताल का असर महानगर कोलकाता के मछुआ व पोस्ता में भी देखने को मिला, जहां भारी संख्या में ट्रकों को रोक ट्रक मालिकों विरोध जताया। इसके अलावा हावड़ा के शालीमार, कोल डिपो, सांतरागाछी समेत दिल्ली व बांबे हाई-वे पर भी ट्रकों की लंबी कतारें देखने को मिली। वहीं नदिया के रानाघाट स्थित 34 नंबर नेशनल हाई-वे पर ट्रक सेवा ठप होने से जाम जैसे हालात उत्पन्न हो गए, जिसका खामियाजा स्थानीय लोगों को भुगतना पड़ा व यातायात की समस्या गहरा गई।

इधर, फेडरेशन ऑफ वेस्ट बंगाल ट्रक ऑपरेटर्स एसोसिएशन के महासचिव सुभाष चंद्र बोस ने कहा कि लगातार समस्याओं से अवगत कराए जाने के बावजूद राज्य की मुख्यमंत्री, परिवहन मंत्री, परिवहन विभाग के सचिव व पुलिस प्रशासन की ओर से कोई सकारात्मक पहल न होने की सूरत में हम इस निर्णय को मजबूर थे और अब हमारा यह हड़ताल तब तक जारी रहेगा, जब तक सरकार हमारी समस्याओं के निराकरण की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाती।

उन्होंने कहा कि पुलिस की मनमानी लगातार बढ़ती जा रही है। अन्य राज्यों में एक्सेस लोड लागू होने के बावजूद पश्चिम बंगाल में इसकी अनुमति नहीं दी जा रही है। ऐसे में ट्रक ऑपरेटरों के सामने गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो गई है। सरकार की उदासीनता के करण बाध्य होकर एसोसिएशन ने हड़ताल का रास्ता अख्तियार किया है।

इस दौरान छोटे बड़े लगभग सात लाख ट्रक बंद किए गए हैं। वहीं एसोसिएशन के संयुक्त सचिव सजल घोष ने कहा कि जब तक सरकार हमारी समस्याओं पर ध्यान नहीं देगी तब तक हमारा यह हड़ताल जारी रहेगा और हमारे इस हड़ताल का परिवहन से जुड़े सभी संगठनों ने समर्थन दिया है।


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