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मुकुल को बंगाल विस की पब्लिक अकाउंट्स कमेटी का चेयरमैन बनाने की जुगत में तृणमूल!

विस में चली आ रही परंपरा के मुताबिक विरोधी दल के किसी विधायक को ही सौंपा जाता है यह पदभार- तृणमूल में शामिल होने के बावजूद मुकुल ने नहीं दिया है विधायक पद से इस्तीफा आधिकारिक तौर पर अभी भी भाजपा के ही विधायक।

By Babita KashyapEdited By: Published: Sat, 12 Jun 2021 02:15 PM (IST)Updated: Sat, 12 Jun 2021 02:15 PM (IST)
मुकुल को बंगाल विस की पब्लिक अकाउंट्स कमेटी का चेयरमैन बनाने की जुगत में तृणमूल!
मुकुल रॉय को बंगाल विस की पब्लिक अकाउंट्स कमेटी (पीएसी) का चेयरमैन बनाने की जुगत में है तृणमूल

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। तृणमूल कांग्रेस साढ़े तीन साल बाद पार्टी में वापसी करने वाले मुकुल रॉय को बंगाल विधानसभा की पब्लिक अकाउंट्स कमेटी (पीएसी) का चेयरमैन बनाने की जुगत में है। विधानसभा में चली आ रही परंपरा के मुताबिक विरोधी दल के किसी विधायक को पीएसी के चेयरमैन का पदभार सौंपा जाता है। तृणमूल में शामिल होने के बावजूद मुकुल ने विधायक पद से अब तक इस्तीफा नहीं दिया है यानी आधिकारिक तौर पर वे अभी भी भाजपा के ही विधायक हैं और भाजपा बंगाल विधानसभा में इस समय मुख्य विरोधी दल है।

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जानकारों का कहना है कि तृणमूल की तरफ से इस पद के लिए मुकुल का नाम प्रस्तावित किए जाने पर यह पूरी तरह से विधानसभा अध्यक्ष पर निर्भर करेगा कि वे इसे मंजूर करते हैं या नहीं। कुछ जानकारों का यह भी कहना है कि विरोधी दल के किसी विधायक को ही यह पद सौंपना होगा, कानूनी तौर पर ऐसी कोई बाध्यता नहीं है इसलिए सीधे तौर पर भी मुकुल के पीएसी का चेयरमैन बनने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। पिछली बार जब मानस भुइयां को पीएसी का चेयरमैन बनाया गया था, उस समय वे भी कांग्रेस छोड़कर तृणमूल में शामिल हुए थे।

मुकुल को इस पद पर आसीन होने से रोकने के लिए भाजपा की ओर से जल्द उनका विधायक पद खारिज करने की विधानसभा अध्यक्ष से अनुरोध किया जा सकता है। इसपर तृणमूल के एक नेता ने नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर बताया कि पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए दो सांसदों सुनील मंडल व शिशिर अधिकारी की लोकसभा सदस्यता अब तक खारिज नहीं की गई है। तृणमूल की ओर से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से इस बाबत कई बार आवेदन किया जा चुका है। जब लोकसभा में मामला लंबित रह सकता है तो विधानसभा में क्यों नहीं? अब सारा कुछ विस अध्यक्ष पर ही निर्भर करेगा। वे किसे पीएसी का चेयरमैन नियुक्त करेंगे और किसे नहीं, यह उनका निर्णय होगा और वे इस बाबत पूरी तरह से स्वतंत्र हैं।

विस सूत्रों ने बताया कि कुछ दिन पहले तृणमूल और भाजपा विधायक दलों के प्रतिनिधियों में बैठक हुई थी। उस समय तृणमूल विस की परंपरा को मानते हुए पीएसी का चेयरमैन पद भाजपा को देने को राजी हो गई थी लेकिन अब तृणमूल का रूख बदला नजर आ रहा है और वह यह पद भाजपा को देने को तैयार नहीं है। राज्य के संसदीय मामलों के मंत्री पार्थ चटर्जी से इस बाबत पूछे जाने पर उन्होंने इतना ही कहा था कि इस बाबत विस अध्यक्ष ही निर्णय लेंगे।

गौरतलब है कि बंगाल विस की कुल 41 कमेटियों में से भगवा शिविर ने 14 के चेयरमैन पद की मांग की थी, जिसपर तृणमूल 10 देने को राजी हुई थी, हालांकि अब पीएसी का चेयरमैन पद छोड़ने को तैयार नहीं है। लोकसभा की बात करें तो वहां की पीएसी के चेयरमैन कांग्रेस सांसद व पार्टी के संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी हैं।


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