टीएमसी के दो और सांसद हुए बागी, सांसद शताब्दी रॉय की दिल्ली में शाह-नड्डा से मुलाकात की संभावना
बंगाल में विधानसभा के चुनाव नजदीक आ रहे हैं जिसको लेकर राज्य में सियासी पारा चढ़ता दिख रहा है। ऐसे में तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की करीबी और सांसद शताब्दी राय भाजपा का दामन थामती है तो यह तृणमूल कांग्रेस के लिए बड़ा झटका होगा।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। पार्टी के अंदर बगावत से मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है। अब बीरभूम लोकसभा क्षेत्र से तृणमूल सांसद व अभिनेत्री शताब्दी रॉय तथा पूर्व मेदिनीपुर के कांथी से सांसद शिशिर अधिकारी ने बगावती तेवर दिखाए हैं। दोनों के भाजपा में जाने के संकेत मिल रहे हैैं। गौरतलब है कि शिशिर अधिकारी के पुत्र और ममता सरकार में कद्दावर मंत्री रहे सुवेंदु अधिकरी कुछ समय पहले ही भाजपा में शामिल हो गए हैैं। इसके अलावा छह टीएमसी विधायक और एक सांसद ने भी भाजपा का दामन थाम लिया है।
शताब्दी ने फेसबुक पर गुरुवार को अपनी पीड़ा जताने के अगले ही दिन शुक्रवार को कहा कि उन्हेंं अपने ही निर्वाचन क्षेत्र बीरभूम में काम नहीं करने दिया जा रहा है। दूसरी तरफ शिशिर अधिकारी ने पूर्व मेदिनीपुर जिले के पार्टी अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद अपना मुंह खोला है। उन्होंने भाजपा में शामिल होने के संकेत दिए हैं।
शताब्दी को मनाने की कोशिशें तेज
-उधर, शताब्दी रॉय को मनाने की तृणमूल कांग्रेस ने कोशिशें तेज कर दी हैं। वरिष्ठ सांसद सौगत रॉय और कुणाल घोष उन्हेंं मनाने की कोशिश में जुटे हैं। कुणाल ने तो शताब्दी के घर जाकर उनसे मुलाकात की। इसके बाद देर शाम शताब्दी की तृणमूल सांसद तथा मुख्यमंत्री के भतीजे अभिषेक बनर्जी के साथ बैठक हुई। हालांकि बैठक के बाद शताब्दी ने कहा कि उन्होंने अपनी समस्या बताई है तथा पार्टी की ओर से इसका निदान करने का अस्वासन दिया गया है। वह फिलहाल तृणमूल में ही हैं। इधर सूत्रों का कहना है कि वह शीघ्र ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के लिए दिल्ली जा सकती हैं। उधर, भाजपा उपाध्यक्ष मुकुल रॉय और बंगाल में पार्टी के प्रभारी व महासचिव कैलाश विजयवर्गीय से भी उनकी फोन पर बात हुई है।
निर्वाचन क्षेत्र में मुझे काम करने नहीं दिया जा रहा है : शताब्दी
शताब्दी ने बिना किसी का नाम लिए कहा है कि किसी को इस मुगालते में नहीं रहना चाहिए कि आज वह जो भी हैं, वह तृणमूल कांग्रेस की वजह से हैं। मैैं जब राजनीति में आई थी तो पहले से ही स्टार थी। शताब्दी की अपनी पार्टी से सबसे ज्यादा शिकायत यह है कि उन्हेंं अपने ही निर्वाचन क्षेत्र बीरभूम में काम नहीं करने दिया जा रहा।
ममता से चर्चा के बाद ही लूंगा कोई फैसला: शिशिर अधिकारी
टीएमसी के जिलाध्यक्ष पद से हटाए जाने के मुद्दे पर शिशिर अधिकारी ने कहा कि वह पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे। अधिकारी ने अपने गृह जिले पूर्व मेदिनीपुर के कांथी में पत्रकारों से कहा कि मैंने राजनीति में अपना पूरा जीवन गुजार दिया है। अगर कोई यह सोचता है कि एक पद से हटाए जाने पर मैं राजनीति छोड़ दूंगा तो वह गलत है। भाजपा में शामिल होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मैैंने अभी इस संबंध में कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया है, लेकिन राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है। मैं जो भी फैसला लूंगा, पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी के साथ चर्चा करने के बाद ही लूंगा।