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West Bengal : खुद को 'बाहरी' कहे जाने पर भड़की तृणमूल विधायक वैशाली डालमिया

अपनी ही पार्टी के एक वर्ग की आलोचना करते हुए कहा- वे तो प्रधानमंत्री को भी बाहरी व्यक्ति कह रहे हैं। बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसमभा चुनाव से पहले वैशाली के इस आक्रामक तेवर से राजनीतिक गलियारों में अफवाहों का बाजार गरम हो गया है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 04 Dec 2020 07:53 AM (IST)Updated: Fri, 04 Dec 2020 07:53 AM (IST)
West Bengal : खुद को 'बाहरी' कहे जाने पर भड़की तृणमूल विधायक वैशाली डालमिया
बंगाल के तृणमूल कांग्रेस विधायक वैशाली डालमिया

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। तृणमूल कांग्रेस विधायक वैशाली डालमिया ने खुद को 'बाहरी' कहे जाने पर अपनी ही पार्टी के एक वर्ग की आलोचना करते हुए कहा कि वे तो प्रधानमंत्री को भी बाहरी व्यक्ति कह रहे हैं। वे नहीं जानते कि प्रधानमंत्री हमारे परिवार के प्रमुख हैं। जब कोई दूसरे राज्य से आता है तो उसे बाहरी व्यक्ति कहा जाता है। कोई स्वीकार ही नहीं करना चाहता कि भारत एक देश है। जब प्रधानमंत्री को बाहरी व्यक्ति कहा जा रहा है, तो वह कोई अपवाद नहीं हैं। वह एक सामान्य इंसान है।

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बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसमभा चुनाव से पहले वैशाली के इस आक्रामक तेवर से राजनीतिक गलियारों में अफवाहों का बाजार गरम हो गया है। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले बाली के पूर्व पार्षद तफजील अहमद ने वैशाली डालमिया को बाहरी बताते हुए और उनपर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए एक वीडियो पोस्ट किया था। तब वैशाली ने भी जवाबी वीडियो पोस्ट किया था।

उस प्रकरण के बाद गत मंगलवार को बाली क्षेत्र के बादामतल्ला चौराहे पर पोस्टर लगाए गए थे। उस पोस्टर पर मुख्यमंत्री व तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी को संबोधित करके लिखा गया था कि अगले विधानसभा चुनाव में बाली से किसी बाहरी को नहीं, बल्कि स्थानीय को उम्मीदवार बनाया जाए। हिंदी, बांग्ला व उर्दू में यह बातें लिखी गई। इसे किसने लगाया, यह किसी को पता नहीं है, लेकिन इसने बाली क्षेत्र में तृणमूल कार्यकर्ताओं के बीच के कलह को फिर से उजागर कर दिया है। वैशाली ने शुरू में इस पोस्टर को तवज्जो नहीं दिया लेकिन अब टिप्पणी की है। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ आक्रामक तेवर अपनाते हुए स्पष्ट किया कि वह बाहरी नहीं हैं। बाली क्षेत्र में उनका घर और संपत्ति हैं। जब कोई दूसरे राज्य से आता है तो उसे बाहरी व्यक्ति कहा जाता है। कोई स्वीकार ही नहीं करना चाहता कि भारत एक देश है। जब प्रधानमंत्री को बाहरी व्यक्ति कहा जा रहा है, तो वह कोई अपवाद नहीं हैं। वह एक सामान्य इंसान है।


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