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Bengal Assembly Elections: बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के कुछ असंतुष्ट नेताओं पर तृणमूल की नजर

पार्टी में अलग-थलग चल रहे 4 से 5 नेता जल्द थाम सकते हैं तृणमूल का दामन। बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के कुछ असंतुष्ट नेताओं पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की नजर है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 30 Oct 2020 07:32 AM (IST)Updated: Fri, 30 Oct 2020 07:32 AM (IST)
Bengal Assembly Elections: बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के कुछ असंतुष्ट नेताओं पर तृणमूल की नजर
भाजपा में अलग-थलग चल रहे 4 से 5 नेता जल्द थाम सकते हैं तृणमूल का दामन।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के कुछ असंतुष्ट नेताओं पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की नजर है। सूत्रों के अनुसार भाजपा के कुछ नेता जो इस समय संगठन में अलग-थलग व हाशिए पर चल रहे हैं उन्हें अपने साथ जोड़ने के लिए तृणमूल पूरी तरह प्रयासरत है।

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खबर है कि ऐसे करीब 4- 5 नेता हैं जिनके साथ तृणमूल लगातार संपर्क में है और जल्द ही वे सत्तारूढ़ दल का दामन थाम सकते हैं। जिन नेताओं के तृणमूल के संपर्क में होने की बात कही जा रही है उनमें भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा, पिछले साल तृणमूल से भाजपा में शामिल होने वाले कोलकाता के पूर्व मेयर शोभन चटर्जी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस के प्रपौत्र चंद्र कुमार बोस सहित दो अन्य प्रमुख नाम हैं। ये सभी नेता अपनी अनदेखी से पिछले कुछ समय से पार्टी से नाराज चल रहे हैं। सूत्रों की माने तो पिछले साल लोकसभा चुनाव से पहले जिस प्रकार भाजपा ने तृणमूल के कई नेताओं को तोड़कर झटका दिया था अब उसी प्रकार विधानसभा चुनाव से पहले इन असंतुष्ट नेताओं को अपने पाले में लाकर तृणमूल भगवा दल को जोर का झटका देना चाहती है।

भाजपा नेताओं की नाराजगी की वजह

इधर, भाजपा नेताओं की नाराजगी की वजह पर नजर डालें तो राहुल सिन्हा जिन्हें हाल में संगठनात्मक फेरबदल के बाद राष्ट्रीय सचिव के पद से हटा दिया गया तो उन्होंने खुले तौर पर विद्रोह की घोषणा कर दी थी। उन्होंने तृणमूल से भाजपा में आने वाले मुकुल राय को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व अनुपम हाजरा को उनकी जगह राष्ट्रीय सचिव बनाए जाने पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि 40 साल तक भाजपा की सेवा का मुझे यही इनाम मिला कि तृणमूल से आए लोगों को बिठाने के लिए उन्हें साइडलाइन कर दिया गया। बाद में सिन्हा ने मीडिया को यह भी बताया था कि तृणमूल के दो वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें फोन किया था। इसके बाद उनके तृणमूल में शामिल होने की अटकलों को और गति मिल गई। उनके बाद शोभन चटर्जी की बात करें तो अगस्त, 2019 में भाजपा में शामिल होने के बाद से वह कभी पार्टी में सक्रिय नजर नहीं आए।

भाजपा ने भी उन्हें कोई महत्वपूर्ण पद नहीं दिया और उनसे दूरी बनाई हुई है। ऐसे में शोभन लगातार तृणमूल के साथ संपर्क बनाए हुए हैं। इसके अलावा चंद्र कुमार बोस जिन्हें प्रदेश भाजपा की नई राज्य कमेटी से हाल में हटा दिया गया है। वह भी नाराज बताए जा रहे हैं। इन तीनों के अलावा दो और नेता हैं जो तृणमूल के संपर्क में बताए जा रहे हैं। 


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