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उत्तर 24 परगना जिले में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता की हत्या, घऱ लौटते समय तीन अपराधियों ने रोककर मारी गोली

महानगर से सटे उत्तर 24 परगना जिले में बाइक सवार कुछ अपराधियों ने तृणमूल कांग्रेस के एक कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या कर दी। यह घटना जिले के बिराटी इलाके की है। तृणमूल की ओर से हत्या का आरोप भाजपा समर्थक पर लगाया गया है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Thu, 22 Jul 2021 05:02 PM (IST)Updated: Thu, 22 Jul 2021 05:02 PM (IST)
उत्तर 24 परगना जिले में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता की हत्या, घऱ लौटते समय तीन अपराधियों ने रोककर मारी गोली
वार्ड दफ्तर से घऱ लौटते समय तीन अपराधियों ने रोककर मारी गोली

राज्य ब्यूरो, कोलकाताः महानगर से सटे उत्तर 24 परगना जिले में बाइक सवार कुछ अपराधियों ने तृणमूल कांग्रेस के एक कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या कर दी। यह घटना जिले के बिराटी इलाके की है। तृणमूल की ओर से हत्या का आरोप भाजपा समर्थक पर लगाया गया है। मृत तृणमूल कार्यकर्ता का नाम शुभ्राजीत दत्त बताया गया है। जानकारी के मुताबिक, शुभ्राजीत उत्तर दमदम नगर पालिका के वार्ड 18 का सक्रिय तृणमूल कार्यकर्ता था। बुधवार की रात वह वार्ड कार्यालय से अपने घर लौट रहा था, तभी रास्ते में बाइक पर आए तीन हमलावरों ने पहले शुभ्राजीत को रोका और इसके बाद उसे गोली मार दी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। उधर हमलावर मौके से फरार हो गए। उसे तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

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बता दें कि बुधवार को तृणमूल कांग्रेस ने राज्य में शहीद दिवस मनाया था और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वर्चुअल लोगों को संबोधित किया था। इस घटना को लेकर तृणमूल ने कहा है कि शुभ्राजीत की हत्या के पीछे भाजपा का ही हाथ है। तृणमूल के एक नेता ने कहा है कि 21 जुलाई का दिन हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है, लेकिन आज हमारी पार्टी का एक कार्यकर्ता भाजपा के हाथों मारा गया है, हम इसकी निंदा करते हैं। हम आरोपियों के लिए कड़ी सजा की भी मांग करते हैं।

साथ ही हम मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं। बंगाल में लंबे समये से हो रही हैं राजनीतिक हत्याएं आपको बता दें कि बंगाल में राजनीति हत्याओं का सिलसिला पिछले दो साल से जारी है। बंगाल में भाजपा और तृणमूल कार्यकर्ताओं के बीच झड़प की खबरें आए दिन आती रहती हैं। विधानसभा चुनाव के समय भाजपा ने राजनीतिक हत्याओं को मुद्दा बनाया था, क्योंकि चुनाव से पहले भी और बाद में भी भाजपा के कार्यकर्ताओं की हत्याएं हो रही हैं। विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद भी बंगाल में हिंसा हुई थी, जिसमें कई कार्यकर्ताओं के मारे जाने का दावा भाजपा करती रही है।


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