West Bengal पुरोहितों को एक बैनर तले लाने में जुटी तृणमूल कांग्रेस
लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद 2021 विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी तृणमूल कांग्रेस अब बंगाल के पुरोहितों के जरिए हिंदू कार्ड खेलने की तैयारी में है।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद 2021 विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी तृणमूल कांग्रेस अब बंगाल के पुरोहितों के जरिए हिंदू कार्ड खेलने की तैयारी में है। इसकी शुरुआत दुर्गापूजा से पहले रविवार को शिशिर मंच में आयोजित पुरोहित सम्मेलन से हो गई है। यह वह मौका है जब भाजपा दुर्गापूजा आयोजन में पैठ बढ़ाने की जुगत में जुटी है। बता दें कि महानगर में बड़े दुर्गापूजा का आयोजन तृणमूल के नेता, मंत्री की ओर से किया जाता है।
दरअसल पार्टी की कोशिश पश्चिम बंगाल राज्य सनातन ब्राह्मण संघ के बैनर तले राज्य के तमाम पुरोहित संगठनों को लाने की है। बताया जाता है कि इस संगठन का कमान पूरी तरह से तृणमूल के हाथ में होगा। रविवार को आयोजित सम्मेलन के प्रथम दिन 17 विभिन्न ब्राहमण संगठनों के सदस्य शामिल हुए जबकि इसी महीने 13 अन्य संगठनों को जोड़े जाने की बात कही गई है।
सम्मेलन में शामिल मंत्री राजीव बनर्जी ने भाजपा पर धर्म के नाम पर तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि हमारी कोशिश ब्राह्मणों को मजबूत करने की है। यह संगठन ब्राह्मणों के अधिकार के लिए है नाकि राजनीतिक उद्देश्य साधने के लिए है। उन्होंने कहा कि ब्राह्मणों के अधिकार के लिए पार्टी हमेशा से ही कोशिश करती रही है।
उधर, ब्राह्मण संगठन की ओर से आवास, भत्ता, पेंशन योजना जैसी मांग राज्य सरकार के समक्ष रखी गई है। कहा जा रहा है कि नवंबर में आयोजित होने वाले ब्राह्मण सम्मेलन में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी शामिल होने का आश्वासन दिया है। जानकार इसे भाजपा के वोटबैंक कहे जाने वाले पुरोहितों में तृणमूल की सेंधमारी की नजर से देख रहे हैं। यदि सबकुछ ठीकठाक रहा तो संभव है कि विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा की ओर से भी पुरोहितों के हित में कुछ नए वायदे किए जाए।