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West Bengal : मात्र तीन घंटे में करें कोलकाता से गंगासागर तक का सफर

कभी गंगासागर तीर्थ को देश का सबसे दुरूह तीर्थ कहा जाता था। हालांकि मौजूदा सरकार के प्रयासों से पुण्यार्थियों की परेशानी थोड़ी कम जरूर हुई है लेकिन यात्रा अभी भी कठिन है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 14 Jan 2020 01:22 PM (IST)Updated: Tue, 14 Jan 2020 01:22 PM (IST)
West Bengal : मात्र तीन घंटे में करें कोलकाता से गंगासागर तक का सफर
West Bengal : मात्र तीन घंटे में करें कोलकाता से गंगासागर तक का सफर

कोलकाता, जागरण संवाददाता। कभी गंगासागर तीर्थ को देश का सबसे दुरूह तीर्थ कहा जाता था। हालांकि मौजूदा सरकार के प्रयासों से पुण्यार्थियों की परेशानी थोड़ी कम जरूर हुई है, लेकिन यात्रा अभी भी कठिन है।

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हालांकि एक निजी पर्यटन कंपनी व राज्य सरकार के सहयोग से ईको टूरिज्म के तहत शुरू हुई क्रूज सेवा से दूरी और दुरूहता, दोनो घटी है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार अब कोलकाता के मिलेनियम पार्क घाट से गंगासागर के कचुबेड़िया के लिए सीधी क्रूज सेवा उपलब्ध होगी। कचुबेड़िया से कपिल मुनि आश्रम पहुंचने में बस से एक घंटे का समय लगता है। 

सुबह सात बजे खुलेगा जहाज :

मिलेनियम पार्क घाट से जहाज सुबह सात बजे खुलेगा। जहाज सुबह 10.30 बजे तक कचुबेड़िया घाट पहुंच जाएगा। जहां से सुंदरवन जानेवाले पर्यटकों को यह नामखान पहुंचा देगा। वापसी में जहाज कचुबेड़िया से शाम तीन से चार बजे के बीच खुलेगा। रात सात से आठ बजे तट जहाज कोलकाता पहुंच जाएगा। इस पूरी यात्रा पर कुल खर्च प्रति व्यक्ति मात्र 1000 रुपये होगा।

एक साथ जाएंगे 156 लोग :

सेवा को शुरू करनेवाले कोलकाता के मरीन कैप्टन ने इसके लिए मुंबई की एक कंपनी के साथ करार किया है। सेवा के लिए मलेशिया से क्रूज मंगाया गया है। पूरी तरह से एसी इस क्रूज में 156 यात्री सीट हैं। जहाज में 500 किलोवाट के दो इंजनों के साथ दो जनरेटर भी लगे हैं। शौचालय के साथ यात्रियों के मनोरंजन के लिए टीवी के साथ सिनेमा देखने के लिए दो बिग स्क्रीन भी लगाए गए हैं। जहाज की गति 30 किमी प्रतिघंटा होगी।

फिलहाल गंगासागर जाने के लिए लोगों को पहले सियालदह से ट्रेन के बाद सड़क के रास्ते काकद्वीप लाट पहुंचना पड़ता है। वहां से जहाज के माध्यम से मूड़ीगंगा पार कर सागरमेला द्वीप के घाट कचुबेड़िया पहुंचते हैं। वहां से सड़क के रास्ते कपिल मुनि आश्रम। कुल चार से पांच घंटा का समय लगता है। नदी में ज्वार या भाटा की स्थिति में 8 से 10 घंटे तक लग सकते हैं।

पर्यटन विभाग के एक पदाधिकारी के अनुसार ममता बनर्जी के नेतृत्व में गठित नई सरकार ने राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने बताया कि इसी तर्ज पर भविष्य में बैरकपुर-कोलकाता यात्री जहाज चलाने की योजना पर विचार जारी है। 


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