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बंगाल के कोने-कोने में पासपोर्ट सेवा केंद्रों को खुलवाने में अहम भूमिका निभाने वाले क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी बिभूति भूषण का स्थानांतरण

बिभूति भूषण को साल 2019 में देश में बेस्ट पासपोर्ट आफिसर का अवार्ड विदेश मंत्री के हाथों मिला था। इसके अलावा पासपोर्ट कार्यालयों में हिंदी में कार्यों को बढ़ावा देने के लिए भी उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किए और हाल में उन्हें केंद्र सरकार की ओर से पुरस्कृत किया गया था।

By Priti JhaEdited By: Published: Tue, 18 Jan 2022 03:34 PM (IST)Updated: Tue, 18 Jan 2022 04:14 PM (IST)
बंगाल के कोने-कोने में पासपोर्ट सेवा केंद्रों को खुलवाने में अहम भूमिका निभाने वाले क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी बिभूति भूषण का स्थानांतरण
बंगाल में पासपोर्ट सेवा केंद्रों को खुलवाने में अहम भूमिका निभाने वाले क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी बिभूति भूषण कुमार का स्थानांतरण

कोलकाता, राजीव कुमार झा। बंगाल के कोने-कोने में पासपोर्ट सेवा केंद्रों को खुलवाने से लेकर लोगों को उत्कृष्ट सेवा मुहैया कराने जैसे कई उल्लेखनीय कार्यों की मिसाल कायम करने वाले क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी, कोलकाता बिभूति भूषण कुमार का अब उनके मूल कैडर में स्थानांतरण हो गया है। बीएसएफ कैडर के वरिष्ठ अधिकारी कुमार छह वर्षों के लिए डेपुटेशन पर विदेश मंत्रालय में सेवा दे रहे थे।

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विदेश मंत्रालय के अंतर्गत उन्होंने पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, सिक्किम व अंडमान निकोबार द्वीप समूह के क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी के रूप में कोलकाता में स्थित क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय में सेवाएं दीं।छह साल के डेपुटेशन अवधि में से पांच वर्ष दो महीने तक उन्होंने यहां क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी (आरपीओ), कोलकाता के रूप में सेवाएं दी जबकि उससे पहले 10 महीने तक उन्होंने क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी, गुवाहाटी के रूप में सेवा दी थी। खासकर आरपीओ कोलकाता के रूप में पांच साल से ज्यादा समय के अपने लंबे कार्यकाल में उन्होंने कई कीर्तिमान स्थापित किए। उनके नेतृत्व में क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय निरंतर पासपोर्ट आवेदकों को कम से कम समय में व बिना किसी झंझट के सेवा उपलब्ध कराने में तत्परता से जुटा रहा।

कुछ साल पहले तक जो पासपोर्ट बनवाना बेहद कठिन काम माना जाता था। आम लोग जो पासपोर्ट बनवाने के लिए कई हफ्ते व महीनों तक कार्यालयों का चक्कर लगाते थे, उनके आने के बाद कागजात सही रहने पर महज दो से तीन दिन में सामान्य पासपोर्ट तक जारी कर दिया जाता है। वहीं, सब कुछ सही रहने पर तत्काल पासपोर्ट तो क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय, कोलकाता से एक दिन में ही जारी कर दिया जाता है। मोटे पैसे लेकर पासपोर्ट बनवाने के नाम पर कथित रूप से सक्रिय दलाल गिरोह पर भी बहुत हद तक उन्होंने नकेल कस दिया। एक दिसंबर 2016 को कुमार ने आरपीओ कोलकाता के रूप में प्रभार संभाला था। उन्हें पूरे बंगाल में पासपोर्ट सेवा केंद्र व डाकघर पासपोर्ट सेवा केंद्र का जाल बिछाने का श्रेय जाता है।

कुमार के ही नेतृत्व में बंगाल में खुले सभी 40 डाकघर पासपोर्ट सेवा केंद्र

उन्हीं के नेतृत्व में बंगाल के सभी जिलों व लोकसभा क्षेत्रों में कुल 40 डाकघर पासपोर्ट सेवा केंद्र (पीओपीएसके) खुले। इनमें से ज्यादातर पासपोर्ट केंद्र साल 2018 व 2019 में खुले थे। इसके अलावा उत्तर बंगाल के सिलीगुड़ी में पासपोर्ट सेवा केंद्र (पीएसके) भी उन्हीं के कार्यकाल में खुला। बंगाल के अलावा त्रिपुरा व सिक्किम में भी उनके नेतृत्व में पीओपीएसके खुले। वहीं, इतनी बड़ी संख्या में बंगाल में पासपोर्ट केंद्र खुलने से लोगों को बहुत सुविधाएं हो रही है।

कार्यकाल को बताया बेहद संतोषजनक

इधर, दैनिक जागरण से बातचीत में कुमार ने क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी, कोलकाता के तौर पर अपने कार्यकाल को बहुत संतोषजनक बताया। उन्होंने बताया कि पेंडिंग केस इस समय शून्य है। पासपोर्ट के लिए जो कार्यालयों में भीड़ लगती थी वह भी बिल्कुल खत्म हो गया। उन्होंने लोगों को कम से कम समय में बेहतर से बेहतर सेवा उपलब्ध कराने की पूरी कोशिश की। कुमार ने अब अपना कार्यभार उत्तम कुमार विश्वास को सौंप दिया है जो अगले आदेश तक क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी के दायित्व का निर्वहन करेंगे।

बता दें कि 1955 में देश में खुले पांच क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालयों (आरपीओ) में से एक कोलकाता में उन्होंने क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी के तौर पर सबसे लंबे समय तक यानी पांच वर्ष से ज्यादा की सेवा देने का भी रिकार्ड बनाया है। इससे पहले यहां इस पद पर इतने लंबे समय तक कोई अधिकारी नहीं रहे थे। एक व्यवहार कुशल, कर्तव्यनिष्ठ व ईमानदार अधिकारी के तौर पर उन्होंने अपनी पहचान बनाई। खासकर बंगाल के लोग पासपोर्ट सेवा के क्षेत्र में उनके योगदान को कभी नहीं भूल सकेंगे।

2019 में मिला था देश में बेस्ट पासपोर्ट आफिसर का पुरस्कार

बताते चलें कि बिभूति भूषण कुमार को साल 2019 में देश में बेस्ट पासपोर्ट आफिसर का भी अवार्ड विदेश मंत्री के हाथों मिला था। इसके अलावा पासपोर्ट कार्यालयों में हिंदी में कार्यों को बढ़ावा देने के लिए भी उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किए और हाल में उन्हें केंद्र सरकार की ओर से पुरस्कृत किया गया था। 


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