TMC: अभिषेक बनर्जी व अन्य पार्टी नेताओं पर प्राथमिकी के खिलाफ टीएमसी पहुंची अगरतला हाई कोर्ट
West Bengal तृणमूल ने याचिका में दावा किया कि पुलिस ने पार्टी नेताओं के खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए हैं।वहीं हाई कोर्ट में मामला दायर करने के साथ तृणमूल कांग्रेस त्रिपुरा में सीधे तौर पर भाजपा सरकार के खिलाफ कानूनी लड़ाई में भी उतर गई है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने पार्टी महासचिव अभिषेक बनर्जी समेत अपने अन्य वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ त्रिपुरा पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी को खारिज करने की मांग को लेकर अब अगरतला हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। तृणमूल ने अपनी याचिका में दावा किया है कि पुलिस ने पार्टी नेताओं के खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए हैं। इस मामले की सुनवाई आगामी बुधवार को होनी है। वहीं, हाई कोर्ट में मामला दायर करने के साथ तृणमूल कांग्रेस त्रिपुरा में सीधे तौर पर भाजपा सरकार के खिलाफ कानूनी लड़ाई में भी उतर गई है। उल्लेखनीय है कि त्रिपुरा में हाल में तृणमूल और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच राजनीतिक झड़प के बाद वहां की पुलिस ने कोविड नियमों के उल्लंघन में तृणमूल के कुछ नेताओं को गिरफ्तार किया था।
इसके बाद तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव व सांसद अभिषेक बनर्जी समेत अन्य पार्टी नेताओं ने वहां का दौरा कर इस गिरफ्तारी के खिलाफ खोवाई थाने में धरना दिया था। इसके बाद त्रिपुरा पुलिस ने अभिषेक बनर्जी, मंत्री ब्रात्य बसु, राज्यसभा सदस्य डोला सेन समेत पार्टी के छह वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ आठ अगस्त को खोवाई पुलिस थाने में सरकारी कर्मचारियों को उनके कर्तव्यों का निर्वहन करने से कथित रूप से रोकने के लिए प्राथमिकी दर्ज की थी। इसमें पुलिस अधिकारी को धमकाने का भी तृणमूल नेताओं पर आरोप लगाया गया है। हालांकि तृणमूल इन आरोपों को खारिज कर रही है और पार्टी का दावा है कि भाजपा के इशारे पर पुलिस ने यह कार्रवाई की।
इधर, बंगाल विधानसभा में तीसरी बार जीत से उत्साहित तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की नजर अब त्रिपुरा पर है। वहां भाजपा को शिकस्त देने के लिए तृणमूल कांग्रेस पूरा जोर लगा रही है। भाजपा काे कड़ी टक्कर देने के लिए गठबंधन की अटकलों के बीच तृणमूल ने साफ कर दिया है कि वह त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में वामपंथियों के साथ कोई गठबंधन नहीं करेगी। शुक्रवार को बंगाल के शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी माने जाने वाले ब्रात्य बसु ने स्पष्ट कर दिया कि त्रिपुरा में वामपंथियों के साथ गठबंधन नहीं किया जाएगा। लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर वाममोर्चा घटक दल में शामिल पार्टियों का कोई भी नेता तृणमूल कांग्रेस में आना चाहे, तो उनका स्वागत है।