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तृणमूल ने पार्टी विधायकों व नेताओं की सुरक्षा पर मांगी रिपोर्ट

तृणमूल कांग्रेस विधायक सत्यजीत विश्वास की हत्या के बाद पार्टी नेतृत्व ने सभी जिला अध्यक्षों से पार्टी विधायकों और महत्वपूर्ण नेताओं की जान को खतरे को लेकर रिपोर्ट मागी है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Feb 2019 01:00 PM (IST)Updated: Sat, 16 Feb 2019 01:00 PM (IST)
तृणमूल ने पार्टी विधायकों व नेताओं की सुरक्षा पर मांगी रिपोर्ट
तृणमूल ने पार्टी विधायकों व नेताओं की सुरक्षा पर मांगी रिपोर्ट

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस विधायक सत्यजीत विश्वास की हत्या के बाद पार्टी नेतृत्व ने सभी जिला अध्यक्षों से पार्टी विधायकों और महत्वपूर्ण नेताओं की जान को खतरे को लेकर रिपोर्ट मागी है। विधायकों की सुरक्षा बढ़ाने के अलावा जिले के प्रमुख नेताओं की लोकसभा चुनाव से पहले सुरक्षा बढ़ाने की तैयारी हो रही है। तृणमूल के एक जिला अध्यक्ष ने बताया-'हम जिले में विधायकों की सुरक्षा की स्थिति पर एक रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। साथ ही अलग से अपने संगठन के प्रमुख नेताओं पर भी रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं, जो न तो विधायक और न ही जनप्रतिनिधि हैं। एक रिपोर्ट पार्टी नेतृत्व राज्य प्रशासन और पुलिस को सौंपेगा।' राज्य विधानसभा में तृणमूल के मुख्य सचेतक निर्मल घोष ने कहा कि ज्यादातर पार्टी विधायकों ने अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है और सुरक्षा बढ़ाने की अपील की है। घोष ने कहा-'मैं अब अधिक सतर्क हूं और अपनी सुरक्षा मजबूत करने के लिए कदम उठाए हैं। मैंने विधायकों को और अधिक सावधान रहने के लिए कहा है।' गौरतलब है कि कृष्णगंज से तृणमूल विधायक सत्यजीत विश्वास की शनिवार शाम नदिया जिले में सरस्वती पूजा के कार्यक्रम के दौरान अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद विधायकों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई जा रही है।

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नदिया जिला तृणमूल अध्यक्ष व विधायक गौरी शकर दत्ता ने कहा कि उन्होंने रिपोर्ट तैयार करने के लिए स्थानीय नेताओं से चर्चा की है। वरिष्ठ तृणमूल नेता और राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने कहा कि निर्वाचित प्रतिनिधियों और पार्टी नेताओं की सुरक्षा बढ़ाना जरूरी है क्योंकि उनपर लोकसभा चुनाव के दौरान हमले हो सकते हैं। जिस तरह से भाजपा भड़काऊ बयान दे रही है, ऐसी आशका है कि तृणमूल नेताओं पर इस तरह के और हमले होंगे। भाजपा तृणमूल को राजनीतिक रूप से नहीं हरा सकती इसलिए शारीरिक हमलों का रास्ता अपनाया है लेकिन इन प्रयासों को नाकाम कर दिया जाएगा। दूसरी तरफ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि तृणमूल को दूसरे पर दोष लगाने से पहले अपनी पार्टी में हो रही गुटबाजी को देखना चाहिए। भाजपा हिंसा की राजनीति में विश्वास नहीं करती। घोष ने कहा कि तृणमूल के शासनकाल में भाजपा पर हमले हो रहे हैं और वह उन्हीं की पार्टी पर दोष मढ़ रही है। आरोप लगाने से बेहतर है कि वह तृणमूल में जारी गुटबाजी खत्म करने के लिए कार्य करे।

वर्तमान में तृणमूल के 213 विधायक हैं। सरकार को काग्रेस और वाममोर्चा के 18 विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है, जो तृणमूल में शामिल हो गए हैं लेकिन विधायक पद से उनका इस्तीफा देना बाकी है। मुख्यमंत्री और मंत्रियों के लिए बंगाल में 'वाई प्लस', 'जेड' और 'जेड प्लस' श्रेणी की सुरक्षा है। वहीं राज्य सरकार द्वारा सत्ताधारी और विपक्षी दलों के विधायकों को एक-दो व्यक्तिगत सुरक्षाकर्मी दिए जाते हैं। तृणमूल में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र को छह-सात संगठनात्मक क्षेत्रों में विभाजित करने की प्रथा है, जिसमें एक स्थानीय नेता को प्रभारी नियुक्त किया जाता है। ज्योतिप्रिय मल्लिक ने कहा-'मुझे इनमें से कुछ नेताओं के लिए सुरक्षा की जरुरत है क्योंकि वे पार्टी की मूल्यवान संपत्ति हैं।'


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