Move to Jagran APP

West Bengal: तापस पाल की मौत के लिए केंद्र सरकार कसूरवार: तृणमूल

Tapas Pal passes away. तापस पाल दिसंबर 2016 में रोजवैली चिटफंड घोटाले में सीबीआइ द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से सिनेमा और सक्रिय राजनीति से दूर थे.

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 05:36 PM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 05:36 PM (IST)
West Bengal: तापस पाल की मौत के लिए केंद्र सरकार कसूरवार: तृणमूल
West Bengal: तापस पाल की मौत के लिए केंद्र सरकार कसूरवार: तृणमूल

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। अभिनेता व पूर्व पार्टी सांसद तापस पाल की मौत के लिए तृणमूल के दो दिग्गज नेताओं ने केंद्र सरकार को दोषी बताया है।

loksabha election banner

तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा, तापस की मौत के लिए सीबीआइ जिम्मेवार है। उन्होंने कहा कि रोजवैली चिटफंड घोटाले में जिस तरह से दिन प्रति दिन उन्हें सीबीआइ ने टार्चर किया, उससे वह बीमार हो गए और आखिरकार असमय मौत हो गई। कल्याण का कहना है कि तापस की मौत से विरोधी काफी खुश होंगे। उन्होंने कहा कि तापस को रोजवैली कांड में मानसिक रूप से काफी प्रताड़ित किया गया। वह मानसिक रूप से टूट गए थे।

इसी तरह से राज्य के शहरी विकास मंत्री व कोलकाता नगर निगम के मेयर फिरहाद हकीम ने भी यही आरोप लगाया। फिरहाद ने कहा कि केंद्र सरकार के जघन्य साजिश की वजह से तापस पाल की अकाल मौत हुई है।

ममता बनर्जी ने जताया शोक

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि तापस पाल के निधन के बारे में सुनकर मैं स्तब्ध हूं। वह बांग्ला सिनेमा के सुपरस्टार थे और तृणमूल परिवार के सदस्य थे। तापस ने दो टर्म सांसद और विधायक के रूप में लोगों की सेवा की। हम उन्हें बहुत याद करेंगे। उनकी पत्‍‌नी नंदिनी, बेटी सोहिनी सहित उनके सभी प्रशंसकों के प्रति मेरी गहरी संवेदना।

दिल का दौरा पड़ने से हुआ निधन

बांग्ला फिल्मों के मशहूर अभिनेता व तृणमूल कांग्रेस के पूर्व लोकसभा सांसद तापस पाल का मंगलवार तड़के दिल का दौरा पड़ने से मुंबई में निधन हो गया। वे 61 साल के थे। उनके निधन की खबर आते ही बॉलीवुड से लेकर बांग्ला फिल्म जगत टॉलीवुड और राजनीति जगत में शोक की लहर दौर गई। तापस अपनी बेटी से मिलने के लिए जनवरी के अंतिम हफ्ते में मुंबई गए थे। जब वह कोलकाता वापसी के लिए सोमवार शाम में रवाना हो रहे थे, तब मुंबई एयरपोर्ट पर उन्हें सीने में तेज दर्द हुआ। उन्हें जुहू के अस्पताल ले जाया गया, लेकिन सुबह करीब 3.35 बजे उनकी हालत काफी बिगड़ गई और कार्डियक अरेस्ट से उनकी मौत हो गई। उन्हें पहले से दिल से संबंधित समस्या थी। इसी वजह से तापस पहले भी कई बार इस सिलसिले में अस्पताल जा चुके थे।

पत्‍‌नी नंदिनी पाल के अनुसार, इससे पहले एक फरवरी को तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें भर्ती कराया गया था और 6 फरवरी तक वेंटिलेटर पर थे। तबीयत ठीक होने पर वेंटिलेटर से हटा दिया गया लेकिन सोमवार को अचानक तबीयत बिगड़ गई और मंगलवार तड़के उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके असमय निधन से परिवार सहित उनके फैंस काफी दुखी हैं। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनके निधन पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा कि फिल्म और राजनीति में तापस पाल की गहरी कमी खलेगी। तृणमूल के कई मंत्रियों, सांसदों, विधायकों सहित भाजपा, कांग्रेस सहित अन्य दलों के नेताओं ने उनके निधन पर गहरा दुख जताया है।

कृष्णनगर सीट से दो बार सांसद रहे तापस पाल दिसंबर 2016 में रोजवैली चिटफंड घोटाले में सीबीआइ द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से सिनेमा और सक्रिय राजनीति से दूर थे। पाल का जन्म हुगली जिले के चंदननगर में हुआ था। उन्होंने हुगली मोहसिन कॉलेज से जीव विज्ञान में स्नातक की डिग्री हासिल की थी। तापस अपने पीछे पत्‍‌नी नंदिनी और बेटी सोहिनी पाल को छोड़ गए हैं।

राजनीतिक सफर

तापस पास ममता बनर्जी से प्रेरित होकर साल 2000 में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए। वह 2001 में अलीपुर विधानसभा सीट से विधायक चुने गए। वहीं, 2009 व 2014 में लगातार दो बार नदिया के कृष्णनगर लोकसभा सीट से तृणमूल के टिकट पर सांसद चुने गए। वहीं, दिसंबर 2016 में रोजवैली चिटफंड घोटाले में सीबीआइ ने उन्हें गिरफ्तार किया था। करीब 13 महीने तक वे जेल में रहे और 2018 में बेल पर जेल से रिहा होने के बाद पॉल ने सक्रिय राजनीति और फिल्मों से दूरी बना ली थी। उन्होंने पार्टी नेतृत्व से चुनाव नहीं लड़ने की भी इच्छा जताई थी जिसके बाद 2019 के चुनाव में उन्हें टिकट नहीं दिया गया।

तापस पाल का फिल्मी सफर, बांग्ला के साथ हिंदी फिल्मों में भी किया अभिनय

29 सितंबर 1958 को जन्मे पाल ने 22 की उम्र में साल 1980 में तरुण मजुमदार की बांग्ला फिल्म दादर कीर्ति से डेब्यू किया था और काफी लोकप्रियता हासिल की थी। बाद में साहेब (1981), परबत प्रिया (1984), भालोबासा (1985), अनुरागर चोयान (1986), अमर बंधन (1986) सहित उनकी कई फिल्में लोकप्रिय हुई। साहेब में उनकी भूमिका के लिए उन्हें फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। बंगाली सिनेमा में चार साल काम करने के बाद तापस ने बॉलीवुड फिल्मों में भी काम किया।

अपनी पहली हिंदी फिल्म अबोध में उन्होंने लीड रोल प्ले किया था। उन्होंने माधुरी दीक्षित के साथ अबोध फिल्म में अभिनय किया था। 1984 में रिलीज हुई हिरेन नाग निर्देशित फिल्म अबोध से माधुरी दीक्षित ने हिंदी सिनेमा में डेब्यू किया था। अपने 30 साल से अधिक के फिल्मी करियर में तापस ने तमाम दिग्गज फिल्मी सितारों के साथ काम किया। प्रसिद्ध बांग्ला अभिनेता प्रसेनजीत चटर्जी, सौमित्र चटर्जी, रंजीत मल्लिक और राखी गुलजार आदि के साथ उन्होंने काम किया। अभिनय के लिए उन्हें कई प्रतिष्ठित अवार्ड भी मिला।

बांग्ला फिल्म जगत ने किया याद

पाल के निधन पर सोशल मीडिया पर कई दिग्गजों ने शोक व्यक्त किया है। प्रसिद्ध बांग्ला अभिनेता रंजीत मैलिक ने कहा- उनके असामयिक निधन की खबर सुनकर बहुत दुखी हूं। वह मेरे छोटे भाई की तरह थे। उनकी तबीयत पिछले कुछ वक्त से ठीक नहीं चल रही थी। वहीं, फिल्मों और राजनीति में पाल के सहकर्मी अभिनेता रहे देवश्री राय और चिरंजीत चक्रवर्ती दोनों वर्तमान में तृणमूल विधायक हैं, ने कहा कि उन्होंने एक प्रिय मित्र और फिल्म जगह ने एक शानदार अभिनेता खो दिया है।

बंगाल की अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.