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तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी एक नई लकीर खींचने की कोशिश में, दीदी से कांग्रेस हुई परेशान

National Politics तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी एक नई लकीर खींचने की कोशिश में हैं और इसलिए तमाम कांग्रेस नेताओं को तोड़ रही हैं। शुरुआत असम से हुई जब महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुष्मिता देव तृणमूल में शामिल हुईं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Thu, 25 Nov 2021 10:55 AM (IST)Updated: Thu, 25 Nov 2021 05:42 PM (IST)
तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी एक नई लकीर खींचने की कोशिश में, दीदी से कांग्रेस हुई परेशान
ममता के इस रणनीति को लेकर बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर चौधरी काफी क्षुब्ध हैं।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल में तीसरी बार जीतने के बाद से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की निगाहें राष्ट्रीय राजनीति पर टिकी हुई हैं। वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सामने विपक्ष का चेहरा बनने को आतुर हैं। इससे भाजपा को शायद ही कोई परेशानी हो, लेकिन ममता की चालों से कांग्रेस सबसे अधिक परेशान है, क्योंकि वह कांग्रेस का स्थान लेना चाह रही हैं। यही वजह रही कि पिछले करीब एक दशक में संभवत: पहला मौका है, जब ममता दिल्ली गई हैं और वह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से नहीं मिली हैं। वहीं, दूसरी ओर वह लगातार कांग्रेस को तोड़ रही हैं। बीते कुछ दिनों पर नजर डालें तो गोवा से लेकर उत्तर प्रदेश और हरियाणा तक ममता बनर्जी ने कांग्रेस में जबरदस्त सेंधमारी की है।

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मंगलवार को पूर्व जेडीयू नेता पवन वर्मा को पार्टी में शामिल कर लिया। भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी से भी मुलाकात की। इसके बाद 30 नवंबर को वह मुंबई भी जा रही हैं। हालांकि, उनका यह दौरा निवेशकों को आकर्षित करने और आगामी वर्ष होने वाले व्यापार सम्मेलन के सिलसिले में है। वह इस दौरान राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार और मुख्यमंत्री एवं शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से भी मिलेंगी। ऐसे में कांग्रेस के लिए परेशानी बढ़ाना लाजिमी है, क्योंकि कांग्रेस राहुल गांधी के नेतृत्व में आगे बढ़ना चाहती है, जो ममता को मंजूर नहीं है।

यही वजह है कि तृणमूल प्रमुख एक नई लकीर खींचने की कोशिश में हैं और इसलिए बंगाल से बाहर से कांग्रेस नेताओं को तोड़ रही हैं। शुरुआत असम से हुई, जब महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुष्मिता देव तृणमूल में शामिल हुईं। इसके बाद कांग्रेस को अगला झटका गोवा में लगा और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में शामिल रहे पूर्व मुख्यमंत्री लुईजिन्हो फलेरियो ने ममता का दामन थाम लिया।

यूपी में राजेशपति त्रिपाठी के साथ ललितेशपति त्रिपाठी को जोड़ा। इसके बाद कीर्ति आजाद के साथ हरियाणा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर को तृणमूल में शामिल कर कांग्रेस को और झटके दे दिए। इससे पहले अगस्त में त्रिपुरा में युवा कांग्रेस के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष शांतनु साहा सहित कई नेता भी तृणमूल में शामिल हो गए थे। ममता चाहती हैं कि बंगाल के बाहर कांग्रेस को कमजोर कर उसका स्थान लिया जा सके। ममता के इस रणनीति को लेकर बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर चौधरी काफी क्षुब्ध हैं। उन्होंने ममता पर निशाना साधते हुए कहा कि वह नेताओं को खरीद रही हैं और उनका भाजपा से सांठगांठ हैं।


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