भैया दूज पर यहां पर्यावरण को बचाने के लिए गए ये बेहतरीन प्रयास
हरियाली के प्रति सामाजिक नजरिये में सकारात्मक सोच को सृजित करने व पेड़-पौधों को बचाने के लिए भैया दूज के दिन एक अनोखा तरीका अपनाया गया।
हावड़ा, जागरण संवाददाता। हरियाली के प्रति सामाजिक नजरिये में सकारात्मक सोच को सृजित करने व पेड़-पौधों को बचाने के लिए भैया दूज के दिन एक अनोखा तरीका अपनाया गया। बरगद के विशाल पेड़ को तिलक लगाकर भाई के दीर्घायु की कामना के इस पर्व को मनाया गया।
इस विशेष आयोजन के जरिए हरियाली के प्रति लोगों में सकारात्मक सोच विकसित करने का एक प्रयास किया गया। प्रख्यात पर्यावरणविद् सुभाष दत्ता की अगुवाई में हावड़ा के तेलकल घाट स्थित इस गुरुवार को इस कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस बाबत पर्यावरणविद् सुभाष दत्ता ने कहा कि पेड़-पौधों को बचाने के लिए समाज के एक वर्ग द्वारा जागरूकता कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित किए जाते हैं।
हालांकि अब भी समाज का एक बड़ा वर्ग है, जो इस विषय पर गंभीर नहीं है और ना ही हरियाली की महत्ता पर वह गौर करता है। विकास के नाम पर हरियाली के साथ जिस प्रकार का व्यवहार हमारा समाज अपनाए हुए हैं, इससे यह प्रतीत होता है कि वो दिन दूर नहीं जब, आक्सीजन के लिए कृत्रिम उपायों का सहारा लेना हमारी मजबूरी मन जाएगी। तेलकल घाट पर बरगद के पेड़ को तिलक लगाने के बाद महिलाओं ने उसकी पूजा-अर्चना कीं। इस अवसर पर बरगद के पेड़ की दीर्घायु की कामना की गई।
महिलाओं समेत वहां मौजूद स्थानीय लोगों ने मौके पर पेड़ों को बचाने का संकल्प भी लिया। इतना ही नहीं इलाके में पेड़ों को काटने पर नजर रखने के साथ ही इसे रोकने का भी संकल्प लिया गया। एक महिला ने बताया कि जिस प्रकार भैया दूज के दिन हम, भाइयों की दीर्घायु की कामना करते हैं, ठीक उसी प्रकार हमने आज बरगद के पेड़ को तिलक लगाकर उसकी लंबी उम्र की कामना की है। इस मौके पर उपस्थित सभी युवकों के हाथों में एक-एक तुलसी का पौधा सौंप उनसे हरियाली के प्रति रक्षात्मक नजरिया अपनाने का संकल्प लिया गया।