मालगाड़ी में मिर्च की बोरियों के नीचे छिपकर भाग रहे तीन बांग्लादेशी बीएसएफ के हत्थे चढ़े
बीएसएफ ने ऐसे ही एक मामले का पर्दाफाश किया है जब बांग्लादेश जाने वाली एक मालगाड़ी की बोगी में लदे मिर्च की बोरियों के नीचे छिपकर तीन बांग्लादेशी जाने की कोशिश कर रहे थे
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : लॉकडाउन के कारण भारत और बांग्लादेश के बीच ट्रेन व बस सेवा बंद होने से यहां रह रहे बांग्लादेशी अब दलालों व रेलवे कर्मचारियों की मिलीभगत से मालगाड़ी में छिपकर भागने की कोशिश कर रहे हैं। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने ऐसे ही एक मामले का पर्दाफाश किया है जब बांग्लादेश जाने वाली एक मालगाड़ी की बोगी में लदे मिर्च की बोरियों के नीचे छिपकर तीन बांग्लादेशी जाने की कोशिश कर रहे थे, जिसे बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थित पेट्रापोल स्टेशन से पकड़ लिया गया।
एक खुफिया सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए बीएसएफ की टीम ने शुक्रवार शाम में मालगाड़ी की तलाशी लेकर तीनों बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा। पूछताछ में बांग्लादेशियों ने बताया है कि वह 3 साल पहले भारत आए थे तथा तमिलनाडु में कपड़े की फैक्ट्री में काम करते थे। कोरोना महामारी के चलते वे अवैध रूप से बांग्लादेश वापस जाना चाहते थे। पकड़े गए बांग्लादेशियों के नाम मोहम्मद लिटन, मोहम्मद रफीकुल इस्लाम व बाबू सरदार है। तीनों ने यह भी बताया कि उन्हें भारत से बांग्लादेश भेजने में पेट्रापोल के रहने वाले दो दलाल भाइयों दीदार मंडल व सागर मंडल ने मदद की। दोनों भाइयों ने 8,000 रुपये प्रति व्यक्ति लेकर उन्हें मालगाड़ी के अंदर मिर्च की बोरी के नीचे जबरदस्ती छिपा दिया था।
शक है कि इस घटना में दोनों दलाल भाइयों के साथ रेलवे कर्मचारियों की भी संलिप्तता हो सकती है। साक्ष्य और तीनों बांग्लादेशी से पूछताछ के आधार पर बीएसएफ ने मालगाड़ी के ड्राइवर अशोक चक्रवर्ती समेत तीन के खिलाफ पेट्रापोल पुलिस स्टेशन में एफआइआर भी दर्ज कराई है। बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर की ओर से एक बयान में बताया गया कि बीएसएफ के खुफिया विभाग ने भारत से बांग्लादेश जाने वाली मालगाड़ी में बांग्लादेशी के छिपकर जाने की आशंका जताई थी। इसी की जांच में जुटी खुफिया विभाग की टीम को शुक्रवार शाम को सफलता उस समय हासिल हुई जब एक सूचना मिली की बांग्लादेश जाने वाली मालगाड़ी इंजन नंबर- 16531 की तरफ से 12 नंबर बोगी (एसई/30079520239) का गेट थोड़ा खुला हुआ है, जिसके चलते तस्कर व दलाल तस्करी का प्रयास कर सकते हैं।बनगांव रेलवे स्टेशन से पेट्रापोल (भारत व बांग्लादेश की सीमा पर आखिरी रेलवे स्टेशन) 8 किलोमीटर की दूरी पर है।
जब तक मालगाड़ी बनगांव से चलकर पेट्रापोल पहुंची तो बीएसएफ की टीम वहां पर पहले से ही पहुंच चुकी थी।पेट्रापोल स्टेशन छोटा होने के कारण मालगाड़ी का इंजन व दो बोगी ही रेलवे स्टेशन पर आ सकती हैं, बाकी बोगियां स्टेशन से बाहर खेती के बीच पटरी पर खड़ी रहती हैं, जहां पर तस्करों को रेलगाड़ी में सामान लादना आसान हो जाता है तथा बीएसएफ को छोटा स्टेशन होने के कारण परेशानी का सामना उठाना पड़ता है। बीएसएफ टीम ने मालगाड़ी की तलाशी लेकर 12 नंबर बोगी में मिर्च की बोरी के नीचे छिपे हुए तीनों बांग्लादेशी को गिरफ्तार कर लिया। इनके पास से 4 मोबाइल भी बरामद हुए हैं। पुलिस घटना की जांच में जुटी है।