ममता बनर्जी के मुख्य सलाहकार अलापन बंद्योपाध्याय को जान से मारने की धमकी देने के मामले में डाक्टर समेत तीन गिरफ्तार
अलापन बंद्योपाध्याय बंगाल कैडर के 1987 बैच के आइएएस अधिकारी हैं। चक्रवात यास के बाद जब पीएम नरेन्द्र मोदी समीक्षा बैठक के लिए बंगाल पहुंचे थे तो इस बैठक में पीएम मोदी को आधे घंटे तक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का इंतजार करना पड़ा था।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मुख्य सलाहकार व बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय को जान से मारने की धमकी देने के मामले में कोलकाता पुलिस ने एक डाक्टर समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार लोगों में केपीसी मेडिकल कालेज का डाक्टर अरिंदम सेन, उसका ड्राइवर रमेश और विजय कुमार कयाल नामक टाइपिस्ट शामिल हैं।
डाक्टर अरिंदम सेन, राजा राममोहन राय सरणी के रहने वाला है। गौरतलब है कि बीते महीने अलापन बंद्योपाध्याय की पत्नी सोनाली चक्रवर्ती बंद्योपाध्याय को धमकी भरी चिट्ठी मिली थी, जिसमें उनके पति को जान से मारने की धमकी दी गई थी। सोनाली कलकत्ता विश्वविद्यालय की कुलपति हैं। चिट्ठी में लिखा था-'मैडम, आपके पति को मार दिया जाएगा। आपके पति की जान कोई नहीं बचा सकता।'
टाइपिस्ट की गिरफ्तारी से खुला राज
एक सूचना के आधार पर सोमवार को बालीगंज इलाके से पुलिस ने टाइपिस्ट विजय कुमार कयाल को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में टाइपिस्ट ने स्वीकार कर लिया है कि जान से मारने वाली धमकी की चिट्ठी उसी ने टाइप की थी। उससे मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने बाद में डाक्टर को गिरफ्तार किया। पुलिस के मुताबिक राजा राममोहन सरणी से गिरफ्तार इस डाक्टर ने अपने ड्राइवर को टाइपिस्ट के पास चिट्ठी का ड्राफ्ट लेकर भेजा था। पुलिस ने बताया कि डाक्टर ने ऐसी चिट्ठी पहले भी कई लोगों को भेजी है। संभवतः वह किसी मानसिक बीमारी से जूझ रहा है।
गौरतलब है कि अलापन बंद्योपाध्याय बंगाल कैडर के 1987 बैच के आइएएस अधिकारी हैं। चक्रवात 'यास' के बाद जब पीएम नरेन्द्र मोदी समीक्षा बैठक के लिए बंगाल पहुंचे थे तो इस बैठक में पीएम मोदी को आधे घंटे तक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का इंतजार करना पड़ा था। उस समय राज्य के मुख्य सचिव रहे अलापन बंद्योपाध्याय भी बैठक में देरी से पहुंचे थे। उसके बाद केंद्र सरकार ने अलापन बंद्योपाध्याय को दिल्ली तलब किया था लेकिन उन्होंने जाने से इन्कार कर दिया था।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि अरिंदम सेन पिछले दो साल से कई हाई प्रोफाइल लोगों को धमकी भरे पत्र भेज रहा था। सोनाली के अलावा एनआरएस के प्राचार्य शैबल मुखर्जी, कलकत्ता मेडिकल कालेज अस्पताल की प्राचार्य जूली भट्टाचार्य और चिकित्सा शिक्षा निदेशक देबाशीष भट्टाचार्य को भी धमकी भरे पत्र भेजे गए थे।
सोनाली के पास पत्र 26 अक्टूबर को आया था, जिसपर कलकत्ता विश्वविद्यालय के विज्ञान विभाग, राजाबाजार साइंस कालेज के लैब तकनीशियन गौड़ हरि मिश्रा के हस्ताक्षर थे। इसपर विश्वविद्यालय के रासायनिक प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख महुआ घोष का नाम भी था।
घोष और मिश्रा से पूछताछ में पुलिस ने पाया कि वे इस मामले में कहीं शामिल नहीं हैं।
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मानसिक दबाव कम करने के लिए भेजता था पत्र
पूछताछ में अरिंदम सेन ने धमकी भरे पत्र भेजने की अपनी आदत को कबूल किया।उसने बताया कि मानसिक तनाव से राहत पाने के लिए वह ऐसा करता था। चूंकि किसी ने भी उसके खिलाफ शिकायत दर्ज नहीं कराई थी, इसलिए यह उसकी आदत बन गई थी।