Move to Jagran APP

अधिकांश बच्चों को संक्रमित नहीं कर पाएगी कोरोना की तीसरी लहर, इंस्टीट्यूट आफ चाइल्ड हेल्थ के चिकित्सकों का दावा

कोरोना की तीसरी लहर खासकर बच्चों के लिए काफी खतरनाक मानी जा रही है। लेकिन प्रवेश द्वार पर एंटीबाडी का सख्त पहरा है। जी हां कोरोना की तीसरी लहर अधिकांश बच्चों को संक्रमित नहीं कर पाएगी क्योंकि ज्यादातर में एंटीबाडी विकसित हो चुकी है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Wed, 21 Jul 2021 05:40 PM (IST)Updated: Wed, 21 Jul 2021 05:40 PM (IST)
अधिकांश बच्चों को संक्रमित नहीं कर पाएगी कोरोना की तीसरी लहर, इंस्टीट्यूट आफ चाइल्ड हेल्थ के चिकित्सकों का दावा
डाक्टरों का दावा, अधिकांश बच्चों को संक्रमित नहीं कर पाएगी कोरोना की तीसरी लहर

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : कोरोना की तीसरी लहर खासकर बच्चों के लिए काफी खतरनाक मानी जा रही है। लेकिन प्रवेश द्वार पर एंटीबाडी का सख्त पहरा है। जी हां, कोरोना की तीसरी लहर अधिकांश बच्चों को संक्रमित नहीं कर पाएगी, क्योंकि ज्यादातर में एंटीबाडी विकसित हो चुकी है। यह दावा है कोलकाता के इंस्टीट्यूट आफ चाइल्ड हेल्थ के चिकित्सकों का।

loksabha election banner

एंटीबाडीज का मतलब मजबूत इम्युनिटी होता है। शरीर आमतौर पर दो तरह से प्रतिरोधक क्षमता विकसित करता है। पहला किसी बीमारी से संक्रमित होने के बाद और दूसरा उसी बीमारी का टीका लगाए जाने के बाद। यही हाल कोविड-19 का भी है। हाल में इंस्टीट्यूट आफ चाइल्ड हेल्थ में 18 साल से कम उम्र के 100 बच्चों के लिए कोरोना टीका का ट्रायल शुरू किया गया था। इस दौरान 50 से अधिक बच्चों को जाइडस कैडिला का टीका नहीं लगाया जा सका, क्योंकि उनके शरीर में पर्याप्त मात्रा में एंटीबाडी पाई गई। इस सिलसिले में संस्थान के बाल रोग विशेषज्ञ डा. प्रभासप्रसून गिरी ने बताया कि दरअसल यह सभी बच्चे कोरोना संक्रमित हो चुके थे, लेकिन कोई लक्षण नहीं होने के कारण उनके परिजनों को पता नहीं चला। ये बच्चे खुद ब खुद ठीक भी हो गए तथा कोरोना वायरस पर काबू पाने के लिए प्रोटीन कोशिकाएं (एंटीबाडी) अर्जित कर चुके हैं।

संक्रमण से बनने वाली एंटीबाडी की सीमा थोड़ी अधिक

-अब सवाल यह है कि यह एंटीबाडी बच्चों को कब तक सुरक्षा मुहैया कराएगी? इस बारे में संस्थान के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ जयदीप चौधरी का कहना है कि इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि संक्रमण से बनने वाली एंटीबाडी शरीर में कब तक रहेगी। क्योंकि इसका स्तर धीरे-धीरे घटता है। हालांकि आमतौर पर संक्रमण के परिणामस्वरूप बनने वाली एंटीबाडी की सीमा थोड़ी अधिक होने की संभावना है। डॉ चौधरी का मानना है कि देश में बड़ी संख्या में बच्चे कोरोना संक्रमित हो चुके हैं, लेकिन उनमें कोई लक्षण दिखाई नहीं दिया है। ऐसे बच्चों में एंटीबाडी विकसित हो चुकी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.