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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को भोजन कराने वाले बाउल गायक को लेकर तृणमूल-भाजपा में खींचतान

बाउल गायक वासुदेव दास ने रविवार को अमित शाह को भोजन करवाया था लेकिन उनसे अपनी कोई बात नहीं कह सके। राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार ने गरीबी में जीवन गुजार रहे दास को वित्तीय सहायता देने का वादा किया है। इसे लेकर तृणमूल-भाजपा में खींचतान शुरु हो गई है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Fri, 25 Dec 2020 09:32 AM (IST)Updated: Fri, 25 Dec 2020 09:32 AM (IST)
बाउल गायक वासुदेव दास को लेकर तनातनी

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को बीरभूम जिले के बोलपुर स्थित अपने घर पर भोजन कराने और गीत सुनाने वाले बाउल गायक वासुदेव दास को लेकर तृणमूल-भाजपा के बीच खींचतान शुरु हो गयी। मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस के बीरभूम जिलाध्यक्ष अणुव्रत मंडल के साथ वासुदेव मीडिया सामने आए और बुधवार को वह भाजपा के राष्ट्रीय सचिव अनुपम हाजरा के फेसबुक पेज पर पहुंच गए।

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  बाउल गायक ने तृणमूल नेता के साथ मीडिया से कहा कि रविवार को वह केंद्रीय गृह मंत्री को भोजन जरूर कराया लेकिन कोई बात नहीं कर पाए, क्योंकि वह दोपहर का भोजन करने के तुरंत बाद चले गए। हालांकि, शाह ने उन लोगों के साथ फोटो भी खिंचवाई थी। राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार ने गरीबी में जीवन गुजार रहे दास को वित्तीय सहायता देने का वादा किया है। 

 दूसरी ओर, भाजपा का दावा है कि शाह के दास के घर जाने के बाद ही तृणमूल सरकार को बाउल गायक की तकलीफें नजर आई हैं। वासुदेव दास का कहना है कि वह 29 दिसंबर को जिले में होने वाली मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की रैली में शामिल होंगे। दास के आवास पर अमित शाह के भोजन कार्यक्रम की व्यवस्था संभालने वाले भाजपा के राष्ट्रीय सचिव अनुपम हाजरा ने फेसबुक पोस्ट में लिखा है, ‘अमित शाह जी के वहां भोजन करने के बाद तृणमूल कांग्रेस की नजर दास की मुश्किलों पर गयी है, इतने साल से नहीं गई थी। यह दिखाता है कि समाज के गरीबों पर सबसे पहले भाजपा की नजर पड़ती है। हाजरा ने कहा कि अगर अमित शाह जी के उनके घर में भोजन करने से किसी गरीब 

 परिवार को मदद मिलती है, तो ऐसे और कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। यही नहीं इससे पहले 2017 में शाह को भोजन कराने वाले नक्सबाड़ी की आदिवासी परिवार को भी तृणमूल में शामिल कराया था। इसके बाद पिछले दौरे पर बांकुड़ा में जब एक और आदिवासी परिवार के घर भोजने करने के लिए शाह गए तो उनके यहां भी तृणमूल नेता पहुंच गए थे और अब दास के यहां।


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